हरिद्वार: उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज गंगनहर देर रात बंद कर दी गई. अब दीपावली की रात ही भीमगोड़ा बैराज से गंगनहर में पानी छोड़ा जाएगा. वहीं त्योहारी सीजन में होने वाली इस बंदी का विरोध हो रहा है.
बता दें, हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ के चलते इस बार दशहरे से 10 दिन पूर्व ही उत्तरी खंड गंगनहर बंद कर दी गई है. इस दौरान गंगनहर में 16 नए घाट व कई पुलों का निर्माण होना है, जिसके लिए उत्तराखंड शासन ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर गंगनहर बंदी की अवधि बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. आखिरकार केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पाखरियाल निशंक ने नहर बंदी के लिए हस्तक्षेप किया, जिसके बाद 15 अकटूबर की आधी रात से 15 नवंबर की आधी रात तक मरम्मत और रखरखाव के काम के लिए गंगनहर बंद रहेगी.
पढ़ें- नेपाल की मदद के लिए फिर आगे आया भारत, दो घायलों के लिए खोला अंतरराष्ट्रीय झूलापुल
हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज से निकलने वाली उत्तरी खंड गंगनहर हरिद्वार से कानपुर तक जाती है और सिंचाई के अलावा राजधानी दिल्ली वा नोएडा में पेयजल की आपूर्ति भी करती है. गुरुवार देर रात गंग नहर बंदी के बाद हरकी पैड़ी पर जलस्तर काफी कम हो गया. जिससे श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गंगनहर बंद के दौरान गंगा की सफाई भी की जाएगी. आज से उत्तराखंड सिंचाई विभाग घाटों का निर्माण कार्य शुरू करेगा. वहीं, एनएचआईडी निर्माणाधीन पुल का निर्माण करेगा. दोनों विभागों को काम निपटाने के लिए एक माह का समय दिया गया है.
गौर हो कि बीते साल अक्टूबर में यूपी सिंचाई विभाग ने रात को अचानक गंगनहर में पानी छोड़ दिया था. इस बात की जानकारी उत्तराखंड सिंचाई विभाग को नहीं थी. इसके बाद दोनों ही राज्यों के विभाग नुकसान के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बताने लगे थे. ऐसे में अब जब महाकुंभ के आयोजन में बेहद कम समय बचा है, दोनों राज्यों के बीच आपसी सामंजस्य रखना बेहद जरूरी हो जाता है,