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ऋषभ पंत के रेस्क्यू में ये दो युवक भी बने मददगार, चश्मदीदों ने बताई हकीकत - Road Accident in Roorkee

भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार हादसे की खबर सुर्खियों में है. आज जब उनकी कार का एक्सीडेंट हुआ तो कई लोग मसीहा बनकर सामने आए. इनमें दो युवक भी शामिल है. जिन्होंने ऋषभ पंत को अस्पताल पहुंचाने में मदद की.

Rishabh Pant Car Accident
ऋषभ पंत की कार हादसे की खबर
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Published : Dec 30, 2022, 8:12 PM IST

चश्मदीदों की दास्तान.

रुड़कीः नारसन बॉर्डर पर आज सुबह भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार का एक्सीडेंट (Rishabh Pant Car Accident) हो गया. इस हादसे में ऋषभ पंत गंभीर रूप से घायल हो गए. जब यह हादसा हुआ, उस वक्त कुछ लोग घटनास्थल पर मौजूद थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद ऋषभ पंत कार से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण वो कार के अंदर से निकल नहीं पाए. इस दौरान दो युवक मसीहा बनकर पहुंचे और उन्हें बाहर निकाला. जिसके बाद एंबुलेंस के जरिए रुड़की के सक्षम हॉस्पिटल पहुंचाया.

चश्मदीद परविंदर कुमार ने बताई दास्तानः घटनास्थल से 50 मीटर की दूरी पर रहने वाले परविंदर कुमार ने बताया कि सुबह करीब 5 बजकर 15 मिनट पर हादसा हुआ. जैसे ही हादसा हुआ तो उन्हें जोरदार आवाज सुनाई दी. गाड़ी रपटने की आवाज 20 से 25 सेकंड तक आती रही. जिसके बाद वो घर से बाहर आए और घटनास्थल पर पहुंचे. इस दौरान बाइक सवार रजत भी वहां पर अपने साथियों के साथ पहुंच गया. जहां पर उन्होंने देखा कि कार में आग लगी हुई थी.

ऋषभ पंत कार के अंदर फंसे हुए थे. जिसके बाद कार के शीशे तोड़कर ऋषभ को बाहर निकाला गया. परविंदर सूचना देने के लिए पुलिस चौकी पहुंचे. जिसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची. हालांकि, परविंदर का कहना है कि ऋषभ पंत ने उन्हें बताया कि वो क्रिकेटर ऋषभ पंत है, लेकिन वो कंफ्यूजन में रहे. उन्होंने बताया कि उस समय सिर्फ यही था कि किसी तरह उनकी जान बचाई जा सके.
ये भी पढ़ेंः ऋषभ पंत का रेस्क्यू करने वाले हरियाणा रोडवेज के चालक और परिचालक सम्मानित, उन्हीं से सुनें हादसे की पूरी कहानी

सुबह की शिफ्ट में काम करने के लिए जा रहे थे युवकः सुबह की शिफ्ट में काम करने के लिए बाइक से रजत अपने गांव के दो अन्य साथियों ओम कुमार और नीशू के साथ ड्यूटी पर जा रहा था. इसी दौरान उसने दुर्घटना में घायल हुए ऋषभ पंत को पहचान लिया. वहीं, रुड़की सक्षम हॉस्पिटल के डॉ. सुशील नागर ने बताया कि अस्पताल में जब ऋषभ को लाया गया तो दो युवक भी थे. उन्होंने सही समय पर ऋषभ को अस्पताल पहुंचा दिया. वहीं, डॉक्टर सुशील नागर ने बताया कि भर्ती के दौरान ऋषभ पंत की हालत थोड़ी गंभीर थी, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरा तो हालत ठीक होने लगी. इसके बाद ऋषभ पंत को देहरादून मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया.
ये भी पढ़ेंः ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत, ऋषभ पंत की जान बचाने वाले मेडिकल टीम से खास बातचीत

एंबुलेंस चालक और मेडिकल टीम बचाई जानः ऋषभ पंत की जान बचाने वाली मेडिकल टीम में शामिल एंबुलेंस चालक सतेंद्र चौहान और फार्मासिस्ट मोनू ने बताया कि जब एक्सीडेंट हुआ था, तब ऋषभ पंत खून से लथपथ पड़े हुए थे. उनके हाथ, पैर और माथे से खून टपक रहा था. उनके शरीर पर कोई भी कपड़ा नहीं था. उन्होंने तत्काल अस्पताल पहुंचाया.

चश्मदीदों की दास्तान.

रुड़कीः नारसन बॉर्डर पर आज सुबह भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार का एक्सीडेंट (Rishabh Pant Car Accident) हो गया. इस हादसे में ऋषभ पंत गंभीर रूप से घायल हो गए. जब यह हादसा हुआ, उस वक्त कुछ लोग घटनास्थल पर मौजूद थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद ऋषभ पंत कार से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण वो कार के अंदर से निकल नहीं पाए. इस दौरान दो युवक मसीहा बनकर पहुंचे और उन्हें बाहर निकाला. जिसके बाद एंबुलेंस के जरिए रुड़की के सक्षम हॉस्पिटल पहुंचाया.

चश्मदीद परविंदर कुमार ने बताई दास्तानः घटनास्थल से 50 मीटर की दूरी पर रहने वाले परविंदर कुमार ने बताया कि सुबह करीब 5 बजकर 15 मिनट पर हादसा हुआ. जैसे ही हादसा हुआ तो उन्हें जोरदार आवाज सुनाई दी. गाड़ी रपटने की आवाज 20 से 25 सेकंड तक आती रही. जिसके बाद वो घर से बाहर आए और घटनास्थल पर पहुंचे. इस दौरान बाइक सवार रजत भी वहां पर अपने साथियों के साथ पहुंच गया. जहां पर उन्होंने देखा कि कार में आग लगी हुई थी.

ऋषभ पंत कार के अंदर फंसे हुए थे. जिसके बाद कार के शीशे तोड़कर ऋषभ को बाहर निकाला गया. परविंदर सूचना देने के लिए पुलिस चौकी पहुंचे. जिसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची. हालांकि, परविंदर का कहना है कि ऋषभ पंत ने उन्हें बताया कि वो क्रिकेटर ऋषभ पंत है, लेकिन वो कंफ्यूजन में रहे. उन्होंने बताया कि उस समय सिर्फ यही था कि किसी तरह उनकी जान बचाई जा सके.
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सुबह की शिफ्ट में काम करने के लिए जा रहे थे युवकः सुबह की शिफ्ट में काम करने के लिए बाइक से रजत अपने गांव के दो अन्य साथियों ओम कुमार और नीशू के साथ ड्यूटी पर जा रहा था. इसी दौरान उसने दुर्घटना में घायल हुए ऋषभ पंत को पहचान लिया. वहीं, रुड़की सक्षम हॉस्पिटल के डॉ. सुशील नागर ने बताया कि अस्पताल में जब ऋषभ को लाया गया तो दो युवक भी थे. उन्होंने सही समय पर ऋषभ को अस्पताल पहुंचा दिया. वहीं, डॉक्टर सुशील नागर ने बताया कि भर्ती के दौरान ऋषभ पंत की हालत थोड़ी गंभीर थी, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरा तो हालत ठीक होने लगी. इसके बाद ऋषभ पंत को देहरादून मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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एंबुलेंस चालक और मेडिकल टीम बचाई जानः ऋषभ पंत की जान बचाने वाली मेडिकल टीम में शामिल एंबुलेंस चालक सतेंद्र चौहान और फार्मासिस्ट मोनू ने बताया कि जब एक्सीडेंट हुआ था, तब ऋषभ पंत खून से लथपथ पड़े हुए थे. उनके हाथ, पैर और माथे से खून टपक रहा था. उनके शरीर पर कोई भी कपड़ा नहीं था. उन्होंने तत्काल अस्पताल पहुंचाया.

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