हरिद्वार: हरकी पैड़ी में हर साल यूपी सिंचाई विभाग द्वारा वार्षिक गंगा बंदी से हरिद्वार की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है. जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या में भी भारी गिरवट देखने को मिलती है. ऐसे में टूर एंड ट्रैवल, होटल समेत तमाम करोबारी को भारी नुकसान भी पहुंच रहा है. ऐसी स्थिति में गंगा सभा के पदाधिकारियों और व्यापारियों ने राज्य सरकार से त्योहार सीजन के बाद ही गंगा बंदी की मांग की है.
गौतरलब है कि यूपी सिंचाई विभाग गंगा की सफाई के लिए हर साल दशहरे से लेकर दीपावली तक गंगनहर का पानी रोक दिया जाता है. ऐसे में इस बार भी दशहरे के दिन से गंगा बंदी कर दी गई है. जिसके तहत हरकीपैड़ी समेत तमाम घाटों पर गंगाजल न होने से तीर्थयात्री हरिद्वार का रुख नहीं कर रहे हैं.
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वहीं, गंगा पर निर्भर हरिद्वार के होटल और टूर एंड ट्रैवल समेत तमाम व्यवसायियों का काम ठप पड़ा हुआ है. ऐसे में इन कारोबारियों ने राज्य सरकार से त्योहारी सीजन के बाद ही गंगा बंदी की मांग की है. उनका कहना है कि त्योहारी सीजन में गंगा बंदी होने के चलते पर्यटक हरिद्वार का रुख नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है.
उधर, इस मामले में गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि यूपी सिंचाई विभाग द्वारा दशहरे से लेकर दिवाली तक गंगा बंदी का निर्णय गलत है. दशहरे से लेकर दिवाली तक कई त्योहार बीच में पड़ते है और ऐसे में गंगा में जल न होने से तीर्थयात्री यहां का रुख नहीं करते. वहीं, हरिद्वार की अर्थव्यवस्था तीर्थाटन पर आधारित है और ऐसी स्थिति में यहां की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है. सरकार को दिवाली के बाद ही गंगाबंदी कर गंगा की सफाई करनी चाहिए.