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त्योहारी सीजन में न हो गंगा बंदी, व्यापारियों ने राज्य सरकार से की मांग - हरकी पैड़ी

हरकी पैड़ी में हर साल यूपी सिंचाई विभाग द्वारा वार्षिक गंगा बंदी से हरिद्वार की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है. जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या में भी भारी गिरवट देखने को मिलती है. ऐसे में टूर एंड ट्रैवल, होटल समेत तमाम करोबारी को भारी नुकसान भी पहुंच रहा है. ऐसी स्थिति में गंगा सभा के पदाधिकारियों और व्यापारियों ने राज्य सरकार से त्योहार सीजन के बाद ही गंगा बंदी की मांग की है

त्योहारी सीजन में न हो गंगा बंदी, व्यापारियों ने राज्य सरकार से की मांग
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Published : Oct 17, 2019, 5:58 PM IST

हरिद्वार: हरकी पैड़ी में हर साल यूपी सिंचाई विभाग द्वारा वार्षिक गंगा बंदी से हरिद्वार की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है. जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या में भी भारी गिरवट देखने को मिलती है. ऐसे में टूर एंड ट्रैवल, होटल समेत तमाम करोबारी को भारी नुकसान भी पहुंच रहा है. ऐसी स्थिति में गंगा सभा के पदाधिकारियों और व्यापारियों ने राज्य सरकार से त्योहार सीजन के बाद ही गंगा बंदी की मांग की है.
गौतरलब है कि यूपी सिंचाई विभाग गंगा की सफाई के लिए हर साल दशहरे से लेकर दीपावली तक गंगनहर का पानी रोक दिया जाता है. ऐसे में इस बार भी दशहरे के दिन से गंगा बंदी कर दी गई है. जिसके तहत हरकीपैड़ी समेत तमाम घाटों पर गंगाजल न होने से तीर्थयात्री हरिद्वार का रुख नहीं कर रहे हैं.

पढ़ें: गौला और नंधौर नदी में देर से खुलेगा चुगान, व्यवसायियों में मायूसी

वहीं, गंगा पर निर्भर हरिद्वार के होटल और टूर एंड ट्रैवल समेत तमाम व्यवसायियों का काम ठप पड़ा हुआ है. ऐसे में इन कारोबारियों ने राज्य सरकार से त्योहारी सीजन के बाद ही गंगा बंदी की मांग की है. उनका कहना है कि त्योहारी सीजन में गंगा बंदी होने के चलते पर्यटक हरिद्वार का रुख नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है.

उधर, इस मामले में गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि यूपी सिंचाई विभाग द्वारा दशहरे से लेकर दिवाली तक गंगा बंदी का निर्णय गलत है. दशहरे से लेकर दिवाली तक कई त्योहार बीच में पड़ते है और ऐसे में गंगा में जल न होने से तीर्थयात्री यहां का रुख नहीं करते. वहीं, हरिद्वार की अर्थव्यवस्था तीर्थाटन पर आधारित है और ऐसी स्थिति में यहां की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है. सरकार को दिवाली के बाद ही गंगाबंदी कर गंगा की सफाई करनी चाहिए.

हरिद्वार: हरकी पैड़ी में हर साल यूपी सिंचाई विभाग द्वारा वार्षिक गंगा बंदी से हरिद्वार की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है. जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या में भी भारी गिरवट देखने को मिलती है. ऐसे में टूर एंड ट्रैवल, होटल समेत तमाम करोबारी को भारी नुकसान भी पहुंच रहा है. ऐसी स्थिति में गंगा सभा के पदाधिकारियों और व्यापारियों ने राज्य सरकार से त्योहार सीजन के बाद ही गंगा बंदी की मांग की है.
गौतरलब है कि यूपी सिंचाई विभाग गंगा की सफाई के लिए हर साल दशहरे से लेकर दीपावली तक गंगनहर का पानी रोक दिया जाता है. ऐसे में इस बार भी दशहरे के दिन से गंगा बंदी कर दी गई है. जिसके तहत हरकीपैड़ी समेत तमाम घाटों पर गंगाजल न होने से तीर्थयात्री हरिद्वार का रुख नहीं कर रहे हैं.

पढ़ें: गौला और नंधौर नदी में देर से खुलेगा चुगान, व्यवसायियों में मायूसी

वहीं, गंगा पर निर्भर हरिद्वार के होटल और टूर एंड ट्रैवल समेत तमाम व्यवसायियों का काम ठप पड़ा हुआ है. ऐसे में इन कारोबारियों ने राज्य सरकार से त्योहारी सीजन के बाद ही गंगा बंदी की मांग की है. उनका कहना है कि त्योहारी सीजन में गंगा बंदी होने के चलते पर्यटक हरिद्वार का रुख नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है.

उधर, इस मामले में गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि यूपी सिंचाई विभाग द्वारा दशहरे से लेकर दिवाली तक गंगा बंदी का निर्णय गलत है. दशहरे से लेकर दिवाली तक कई त्योहार बीच में पड़ते है और ऐसे में गंगा में जल न होने से तीर्थयात्री यहां का रुख नहीं करते. वहीं, हरिद्वार की अर्थव्यवस्था तीर्थाटन पर आधारित है और ऐसी स्थिति में यहां की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है. सरकार को दिवाली के बाद ही गंगाबंदी कर गंगा की सफाई करनी चाहिए.

Intro:एंकर-- हरिद्वार में यूपी सिंचाई विभाग द्वारा की गई वार्षिक गँगा बंदी से हरिद्वार की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। हर की पौड़ी समेत तमाम घाटों पर गँगा में पानी न होने के चलते यहाँ तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिल रही है जिसका सीधा असर यहां के ट्रेवल, होटल समेत तमाम करोबार पर पड़ा है। ऐसी स्थिति में श्री गँगा सभा के पदाधिकारियों और व्यापारियों ने राज्य सरकार से माँग की है कि त्यौहारी सीजन के बाद ही गँगा बंदी की जाए।Body:वीओ1-- दरअसल यूपी सिंचाई विभाग द्वारा गँगा की साफ सफाई के लिए हर साल दशहरे से लेकर दीपावली तक गंगनहर का पानी रोक दिया जाता है। इस बार भी दशहरे के दिन से गंगा बंदी कर दी गई है , हरकीपौड़ी समेत तमाम घाटों पर गंगाजल न होने से तीर्थयात्री हरिद्वार का रुख नही कर रहे है। गंगा पर निर्भर हरिद्वार के होटल, ट्रेवल समेत तमाम व्यवसायी परेशान है। उनका कहना है कि गँगा तीर्थयात्रियों के न आने से उनके व्यापार ठप पड़े है, ट्रेवल और होटल कारोबार की बुकिंग नही हो रही है, और जिन लोगो ने पहले बुकिंग कराइ हुई थी वो भी कैंसिल हो गई है। परेशान व्यापारियों ने राज्य सरकार से माँग की है कि त्यौहारी सीजन के बाद ही गँगा बंदी की जाए।


वीओ2-- वही हरिद्वार में हर की पौड़ी की देखरेख के लिए पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित संस्था श्री गँगा सभा भी त्योहारी सीजन में वार्षिक गंगा बंदी के खिलाफ है। श्री गँगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि यूपी सिंचाई विभाग द्वारा दशहरे से लेकर दिवाली तक गँगा बंदी का निर्णय गलत है, दशहरे से लेकर दिवाली तक कई त्यौहार बीच में पड़ते है और गँगा में जल न होने से तीर्थयात्री यहाँ का रुख नहीं करते है। हरिद्वार की अर्थव्यवस्था तीर्थाटन पर आधारित है और ऐसी स्थिति में यहाँ की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने भी सरकार से मांग की है कि दिवाली के बाद ही गंगाबंदी कर गँगा साफ़ सफाई की जाए। Conclusion:बाइट-- तन्मय वशिष्ठ , महामंत्री , श्री गँगा सभा
बाइट-- विभाष मिश्रा , होटल व्यवसायी
बाइट-- उमेश पालीवाल, ट्रेवल व्यवसायी
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