हरिद्वार: कुंभ मेला जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे ही सभी तेरह अखाड़ों द्वारा धर्मध्वजा नगर प्रवेश की तारीखों की घोषणा की जा रही है. आज वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े श्री पंच निर्मोही अखाड़ा, श्री पंच निर्वाणी अखाड़ा और दिगंबर अखाड़े द्वारा धर्मध्वजा और नगर प्रवेश की तारीखों का ऐलान किया गया.
बैरागी अखाड़ों के संतों ने कुंभ मेले को लेकर अपने कार्यक्रम की भी घोषणा की. दिगंबर अखाड़े के श्री महंत किशन दास का कहना है कि वैष्णव संप्रदाय के तीनों बैरागी अखाड़ों द्वारा कुंभ मेले को लेकर अपना घोषणापत्र जारी कर दिया गया है. एक अप्रैल को चंडी पूजा की जाएगी. दो अप्रैल को धर्म ध्वाजा स्थापित की जाएगी. उसके बाद 6 अप्रैल को नगर प्रवेश के साथ भव्य पेशवाई निकाली जाएगी.
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कुंभ मेला शुरू होने में अब कुछ ही समय शेष बचा है. सभी अखाड़ों द्वारा धर्मध्वजा और नगर प्रवेश की तारीखों का ऐलान किया जा रहा है. धर्मध्वजा और नगर प्रवेश के साथ ही सभी अखाड़े द्वारा कुंभ की विधिवत शुरुआत की जाती है, इसीलिए शुभ मुहूर्त को देखकर अखाड़ों द्वारा धर्मध्वजा और नगर प्रवेश की तारीखों का ऐलान किया जाता है.
बैरागी संप्रदाय ने अतिक्रमण का लगाया आरोप
बैरागी संप्रदाय के तीनों अखाड़ों ने आज बैरागी कैंप में बैठक कर कुंभ मेला प्रशासन पर बैरागी संतों की उपेक्षा का आरोप लगाया. श्री पंच निर्मोही आखाड़ा, श्री पंच निर्वाणी अखाड़ा और दिगंबर अखाड़े के साधु संतों ने कहा की हर बार कुंभ मेला प्रशासन द्वारा बैरागी संतों की उपेक्षा की जाती है. इस बार भी मेले के निर्माण कार्य शहर भर में किए जा रहे हैं लेकिन जहां बैरागी संत अपना डेरा जमाते हैं वहां कोई काम नजर नहीं आ रहा है. अब भी यहां अतिक्रमण फैला हुआ है. प्रशासन इसे हटवाने की बात कर रहा है. मगर अभी तक अतिक्रमण को हटाया नहीं गया है. वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी का कहना है कि बैरागी अखाड़ों की मांग जायज है. इसको लेकर सरकार से हमारी बात चल रही है.