हरिद्वारः गंगा की अविरलता और निर्मलता की लड़ाई लड़ने वाली संस्था मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने एक बार फिर निरंजनी अखाड़े को आड़े हाथों लिया है. शिवानंद का कहना है कि हरिद्वार महाकुंभ की समाप्ति की घोषणा करने में ऐसे अखाड़े शामिल हैं, जो शाही स्नान करने में सबसे आगे रहते हैं. इतना ही नहीं शाही स्नान में इनके साथ अखाड़े के साधु-संत रहें न रहें, लेकिन वीवीआईपी गुप्ता ब्रदर्स इनके साथ जरूर होते हैं. साथ ही कहा कि ये संत कुंभ में धर्म और महामंडलेश्वर के पद को रेवड़ी की तरह बांट रहे हैं.
शाही स्नान में संत नहीं वीवीआईपी रहते हैं आगेः शिवानंद सरस्वती
निरंजनी अखाड़े की ओर से कुंभ समाप्ति की घोषणा के बाद अखाड़ों की रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. जहां निरंजनी अखाड़े के फैसले का विरोध बैरागी अखाड़े के साथ-साथ जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी किया है तो वहीं, इस बार गंगा के लिए कार्य करने वाली संस्था मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने निरंजनी अखाड़े पर धर्म के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ये वही अखाड़ा है, जो शाही स्नान में तो सबसे आगे रहता है, जिनके शाही स्नान में संत रहें न रहें, लेकिन वीवीआईपी जरूर रहते हैं.
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श्रद्धालुओं को कोविड निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी, वीवीआईपी से मांगने की जहमत नहीं
स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि अगर यह अखाड़ा अपने यहां आए संतों की कोविड जांच किए बिना भेज देगा तो जो लोग संक्रमित होंगे, वे देशभर में कोरोना फैलाएंगे. उसका जिम्मेदार कौन होगा? शिवानंद ने सवाल खड़ा किया कि जब कुंभ में आने वाले श्रद्धालु अपनी कोविड की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आते हैं तो वीवीआईपी क्यों नहीं? जो कोरोना संक्रमण फैल रहा है, वो निगेटिव रिपोर्ट लेकर आने वाले यात्रियों ने नहीं फैलाया तो फिर किसने फैलाया है?
बिना योग के मनाया कुंभ पर्व, योग होने पर समाप्तिः शिवानंद
उन्होंने कहा कि जब कुंभ योग नहीं था तो उनके लिए कुंभ पर्व था. अब 14 मई तक कुंभ योग है तो ये लोग कुंभ समाप्ति की बात कर रहे हैं. साथ ही कहा कि जो लोग समय से पहले ही कुंभ समाप्ति की बात कर रहे हैं, उन्हें अगले कुंभ में नहीं जाना चाहिए.