हरिद्वार: हरिद्वार के डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर हुए पथराव (Haridwar Dada Jalalpur Violence) के विरोध में काली सेना के महापंचायत (Haridwar Kali Sena Mahapanchayat) के ऐलान के बाद पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ी हुई है. बीते दिन काली सेना के राज्य संयोजक स्वामी दिनेशानंद भारती की गिरफ्तारी के बाद आज पुलिस-प्रशासन द्वारा काली सेना (Haridwar Kali Sena) के संस्थापक स्वामी आनंद स्वरूप और स्वामी परमानंद को आश्रम में ही नजरबंद कर लिया गया बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं आश्रम के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है.
गौर हो कि हरिद्वार के डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा में हुए बवाल का मामला अभी शांत होता नहीं दिख रहा है. अब काली सेना और धर्म संसद के आयोजकों ने डाडा जलालपुर में आज महापंचायत (Haridwar Kali Sena Hindu Mahapanchayat) करने का ऐलान किया था. हिंदू महापंचायत के मद्देनजर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के आदेश पर उप जिलाधिकारी ने डाडा जलालपुर गांव के 5 किलोमीटर की परिधि में धारा 144 का आदेश जारी कर दिया है. ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे. वहीं बीते दिन हरिद्वार पुलिस ने काली सेना के राज्य संयोजक स्वामी दिनेशानंद भारती को गिरफ्तार कर लिया था.
डीएम ने क्या कहा: हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडेय ने बताया कि डाडा जलालपुर और आसपास के 5 किमी क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है और सभी कार्यक्रमों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. महापंचायत के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई. इस कार्यक्रम से जुड़े 33 लोगों को सीआरपीसी 107/16 के तहत पाबंद किया गया है. डीएम का कहना है कि प्रशासन ने महापंचायत की अनुमति नहीं दी है.
जलालपुर में धारा 144 लागू: डीएम विनय शंकर पांडेय ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे कई प्रकरणों की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता की ओर से रुड़की के डाडा जलालपुर के संबंध में जानकारी दी गई थी कि यहां हिंदू महापंचायत में हेट स्पीच जैसी आशंका है. इसका सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और निर्देश दिए कि पुलिस प्रशासन अपने हिसाब से इस मामले को देखे. डीएम ने बताया कि शांति व्यवस्था के मद्देनजर ही धारा 144 लागू की गई है. शांति व्यवस्था के मद्देनजर ही 33 लोगों को शांतिभंग की धाराओं में निरुद्ध किया गया है. डीएम ने कहा कि प्रशासन की ओर से पहले से ही यह सख्त संदेश दिया गया था कि डाडा जलालपुर में माहौल बिगाड़ने वाली किसी गतिविधि को नहीं होने दिया जाएगा. इससे पहले भी हरिद्वार में हेट स्पीच के मामले में गिरफ्तारियां की गई हैं.
ड्रोन से हो रही है निगरानी: एसएसपी डॉक्टर रावत ने बताया कि डाडा जलालपुर गांव में ड्रोन और वीडियोग्राफी से भी पूरे माहौल पर नजर रखी जा रही है. सुरक्षा के मद्देनजर गांव में 150 कांस्टेबल, 30 महिला कांस्टेबल, 65 सब इंस्पेक्टर और पांच डिप्टी एसपी की तैनाती की गई है. इसके अलावा पीएसी और भारी पुलिस बल तैनात है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद प्रशासन सख्त: रुड़की के डाडा जलालपुर गांव में आज प्रस्तावित महापंचायत पर सुप्रीम कोर्ट की हिदायत के बाद शासन हरकत में आया है. मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने गृह विभाग को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. सरकार को नौ मई से पहले न्यायालय में हलफनामा दाखिल करना है. सुप्रीम कोर्ट ने रुड़की में आज प्रस्तावित महापंचायत पर राज्य सरकार को ताकीद किया था कि भड़काऊ भाषण पर लगाम नहीं लगी तो उच्चाधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को एक हलफनामा दायर कर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि कार्यक्रम में कुछ गलत होने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.
शासन भी हरकत में आया: सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद उत्तराखंड शासन भी हरकत में दिखाई दे रहा है. मुख्य सचिव ने इस मामले में अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक से भी स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है. मुख्य सचिव के कार्यालय से बताया गया कि उनकी ओर से गृह विभाग को मामले पर जरूरी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.
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क्या था मामलाः गौर हो कि बीती 16 अप्रैल की रात को डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकालते समय दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था. जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से पथराव (stone pelting on Hanuman Jayanti procession) हुआ. जिसके बाद दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए. इतना ही नहीं घटनास्थल पर आगजनी भी की गई. जिसमें एक वैगनआर कार के साथ दो बाइक जल गए. जबकि, दोनों पक्षों के कई लोग भी घायल हो गए थे.
संतों का क्या कहना है: शांभवी धाम के पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swaroop) ने कहा कि उनकी ओर से पुलिस को लगातार कहा जा रहा था कि भोपाल के मुख्य आरोपी इमाम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए. लेकिन मुख्य आरोपी इमाम अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. अगर 7 दिनों के भीतर इमाम की गिरफ्तारी नहीं होती है तो काली सेना और धर्म संसद की ओर से भगवानपुर के गांव में महापंचायत की जाएगी. अगर महापंचायत में किसी तरह का बवाल होता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. हालांकि प्रशासन की सख्ती को देखते हुए आज महापंचायत होना संभव नहीं लग रहा है.