ETV Bharat / state

17 साल की स्नेह की 17 बार हुई कीमोथेरेपी, अपनों के सपोर्ट से कैंसर को दी मात, जानें संघर्ष की कहानी - कीमोथेरेपी

स्नेह पिछले दो साल से कैंसर से पीड़ित थी. पैसों की कमी के कारण उसे समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा था.

अपनों के सपोर्ट से कैंसर को दी मात
author img

By

Published : Apr 18, 2019, 10:47 PM IST

हरिद्वार: कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही लोगों के मन डर सा बैठ जाता है. लेकिन आठवीं क्लास में पढ़ने वाली स्नेह रावत ने मुसीबत की इस घड़ी में हार नहीं मानी, बल्कि लाइलाज कही जाने वाली इस बीमारी का डटकर मुकाबला किया. इस छोटी बच्ची ने साबित कर दिया कि जज्बा, आत्मविश्वास, जागरूकता और अपनों के सपोर्ट से कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी मात दी जा सकती है.

पढ़ें- चैंपियन-कर्णवाल विवाद: फर्जी प्रमाण पर बिफरी कांग्रेस, कोर्ट जाने की दी चेतावनी

लक्सर के पथरी गांव में रहने वाली स्नेह रावत का परिवार बहुत गरीब है. स्नेह पिछले दो साल से कैंसर से पीड़ित थी. पैसों की कमी के कारण उसे समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा था. बावजूद स्नेह और उसके परिवार ने हिम्मत नहीं हारी. पिता ने इधर-उधर से पैसों का इंतजाम करके दो साल पहले स्नेह का ऋषिकेश एम्स से उपचार शुरू करवाया. कैंसर जैसी बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही 17 साल की स्नेह की 17 बार कीमोथेरेपी की गई.

अपनों के सपोर्ट से कैंसर को दी मात

पढ़ें- दूर हुआ चैंपियन-कर्णवाल विवाद, नरेश बंसल बोले- कुछ नहीं, बस गलतफहमी थी

इतनी मुश्किलों के बाद भी स्नेह ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी. अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान भी पढ़ाई करती थी. जब स्नेह का इलाज शुरू हुआ था तो वो छठी क्लास की छात्रा था. लेकिन आज स्नेह बहुत खुश है. क्योंकि दो साल की लंबी लड़ाई के बाद उसने कैंसर जैसी बीमारी पर जीत पाई, साथ ही 8वीं क्लास में वो अच्छे अंकों के साथ पास भी हुई है.

स्नेह की इस हिम्मत और हौसले को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने उसे मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया, ताकि उसका हौसला बना रहे. इस दौरान स्नेह ने अन्य लोगों को भी संदेश देते हुए कहा कि कोई भी बीमारी बड़ी नहीं होती है. यदि हिम्मत और साहस से ऐसी बीमारी का सामना किया जाए तो हर बीमारी से पार पाया जा सकता है.

हरिद्वार: कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही लोगों के मन डर सा बैठ जाता है. लेकिन आठवीं क्लास में पढ़ने वाली स्नेह रावत ने मुसीबत की इस घड़ी में हार नहीं मानी, बल्कि लाइलाज कही जाने वाली इस बीमारी का डटकर मुकाबला किया. इस छोटी बच्ची ने साबित कर दिया कि जज्बा, आत्मविश्वास, जागरूकता और अपनों के सपोर्ट से कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी मात दी जा सकती है.

पढ़ें- चैंपियन-कर्णवाल विवाद: फर्जी प्रमाण पर बिफरी कांग्रेस, कोर्ट जाने की दी चेतावनी

लक्सर के पथरी गांव में रहने वाली स्नेह रावत का परिवार बहुत गरीब है. स्नेह पिछले दो साल से कैंसर से पीड़ित थी. पैसों की कमी के कारण उसे समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा था. बावजूद स्नेह और उसके परिवार ने हिम्मत नहीं हारी. पिता ने इधर-उधर से पैसों का इंतजाम करके दो साल पहले स्नेह का ऋषिकेश एम्स से उपचार शुरू करवाया. कैंसर जैसी बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही 17 साल की स्नेह की 17 बार कीमोथेरेपी की गई.

अपनों के सपोर्ट से कैंसर को दी मात

पढ़ें- दूर हुआ चैंपियन-कर्णवाल विवाद, नरेश बंसल बोले- कुछ नहीं, बस गलतफहमी थी

इतनी मुश्किलों के बाद भी स्नेह ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी. अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान भी पढ़ाई करती थी. जब स्नेह का इलाज शुरू हुआ था तो वो छठी क्लास की छात्रा था. लेकिन आज स्नेह बहुत खुश है. क्योंकि दो साल की लंबी लड़ाई के बाद उसने कैंसर जैसी बीमारी पर जीत पाई, साथ ही 8वीं क्लास में वो अच्छे अंकों के साथ पास भी हुई है.

स्नेह की इस हिम्मत और हौसले को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने उसे मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया, ताकि उसका हौसला बना रहे. इस दौरान स्नेह ने अन्य लोगों को भी संदेश देते हुए कहा कि कोई भी बीमारी बड़ी नहीं होती है. यदि हिम्मत और साहस से ऐसी बीमारी का सामना किया जाए तो हर बीमारी से पार पाया जा सकता है.

Intro:

कैंसर को दी मात

ANCHOR.. यदि मन मे सच्ची लगन और साहस हो तो कोई भी ताकत आपको लक्ष्य तक पहुँचने से नही रोक सकती। इस मिसाल को सही साबित किया है लक्सर पथरी क्षेत्र के एक छोटे से गांव दोगीवाला की रहने वाली स्नेह रावत ने जो कि पिछले दो वर्षों से कैसर से पीड़ित थी गरीब परिवार से होने कारण इलाज भी समय पर नही मिल पा रहा था। लेकिन दो वर्षों के इलाज के बाद आज स्नेह रावत को कैंसर से निजात मिली है। Body: कैंसर से पीड़ित होने के बाबजूद भी कक्षा 8 की छात्रा स्नेह रावत ने पढ़ाई नही छोड़ी और अपने स्कूल में अच्छे अंको से उत्तीर्ण होकर कक्षा 9 में प्रवेश लिया।
-- पथरी क्षेत्र के गांव दोगीवाला निवासी स्नेह रावत पुत्री दीपक रावत को 2 साल पहले कैंसर हो गया था। उस समय वह कक्षा 6 की छात्रा थी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते पीड़ित को लोगों ने मदद की जिसके चलते उसका उपचार ऋषिकेश एम्स में शुरू कराया गया। कैंसर से लड़ने वाली छात्रा की 17 कीमोथेरेपी और 40 बार शिकाई की गई मगर छात्रा ने इलाज के दौरान भी अपनी पढ़ाई लिखाई नहीं छोड़ी और अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान पढ़ाई करती रही। छात्रा अपनी मेहनत और लगन से कैंसर को मात देकर कक्षा 8 में अच्छे अंको से पास हुई।
-- पथरी के क्रिस्ट ज्योति एकेडमी में पढ़ने वाली छात्रा स्नेह रावत ने कक्षा 8 में आने के बाद अपने इलाज के दौरान फिर से पढ़ाई उसी तरह जारी रखी और हिम्मत नहीं हारी और इस बार भी स्नेह रावत बहुत ही अच्छे अंको से अपने विद्यालय में कक्षा 8 उत्तीर्ण कर कक्षा 9 में आ गई।Conclusion:। छात्रा की इस हिम्मत और हौसले को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने छात्रा को मोमेंटो देकर सम्मानित किया ताकि छात्रा का हौसला बना रहे। छात्रा से जब यह पूछा गया कि तुमने इस बीमारी से लड़ कर अपना मुकाम हासिल किया है अन्य लोगों को क्या संदेश देना चाहोगी तो छात्रा ने कहा कि कोई भी बीमारी बड़ी नहीं होती यदि हिम्मत और साहस से बीमारी का सामना किया जाए तो हर बीमारी से उभरा जा सकता है।

बाइट--- स्नेह रावत (छात्रा)
बाइट---दीपक रावत छात्रा के पिता
रिपोर्ट---कृष्ण कान्त शर्मा लक्सर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.