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166 साल पुराने पुल पर जान जोखिम में डाल कर रहे आवाजाही, विभाग ने नोटिस लगाकर किया इतिश्री

1854 में ब्रिटिश शासनकाल में गंगनहर निर्माण के दौरान सोलानी नदी पर यह पुल बनाया गया था. गंगनहर के किनारे बनी ये सड़क पिरान कलियर से होते हुए हरिद्वार तक जाती है. सोनाली नदी पर बने इस पुल की मियाद 66 साल पहले पूरी हो चुकी है.

जर्जर पुल रुड़की
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Published : Mar 14, 2019, 7:26 PM IST

रुड़की: पिरान कलियर मार्ग पर सोलानी नदी पर बने पुल की मियाद अब से करीब छह दशक पहले पूरी हो चुकी है. बावजूद इस पुल पर वाहनों की आवाजाही लगातार जारी है. हालांकि, विभाग की ओर से इस पुल पर चेतावनी का बोर्ड भी लगा दिया गया है. लेकिन इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए पुल पर वाहनों की आवाजाही बदस्तूर जारी है. जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

ब्रिटिशकाल में हुआ था इस पुल का निर्माण.

रुड़की से पिरान कलियर जाने वाले मार्ग पर सोलानी नदी पर बना ये पुल 166 साल पुराना हो चुका है. विभाग की ओर से बोर्ड लगाकर चेतावनी भी लिखी गई है. लेकिन आप वीडियो में साफ देख सकते हैं कि इस जर्जर हो चुके पुल पर वाहनों की आवाजाही किस तरह जारी है. जबकि, कोई प्रशासनिक अधिकारी या जनप्रतिनिधि इस पुल की सुध नहीं ले रहा. जिसके चलते कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है.

बता दें कि 1854 में ब्रिटिश शासनकाल में गंगनहर निर्माण के दौरान सोलानी नदी पर यह पुल बनाया गया था. गंगनहर के किनारे बनी ये सड़क पिरान कलियर से होते हुए हरिद्वार तक जाती है. सोनाली नदी पर बने इस पुल की मियाद 66 साल पहले पूरी हो चुकी है. विभाग ने दूसरे पुल का निर्माण कर इस पुल पर बेरिकेडिंग लगा दी थी. ताकि इस पुल पर कोई आवाजाही ना हो.

स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध रूप से संचालित हो रहे डग्गामार वाहन चालकों ने बेरिकेडिंग को तोड़ दिया है. इस पुल पर सिंचाई विभाग की ओर से चेतावनी का बोर्ड भी लगाया गया है. बावजूद इस पुल पर आवाजाही जारी है. ऐसे में अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.

रुड़की: पिरान कलियर मार्ग पर सोलानी नदी पर बने पुल की मियाद अब से करीब छह दशक पहले पूरी हो चुकी है. बावजूद इस पुल पर वाहनों की आवाजाही लगातार जारी है. हालांकि, विभाग की ओर से इस पुल पर चेतावनी का बोर्ड भी लगा दिया गया है. लेकिन इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए पुल पर वाहनों की आवाजाही बदस्तूर जारी है. जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

ब्रिटिशकाल में हुआ था इस पुल का निर्माण.

रुड़की से पिरान कलियर जाने वाले मार्ग पर सोलानी नदी पर बना ये पुल 166 साल पुराना हो चुका है. विभाग की ओर से बोर्ड लगाकर चेतावनी भी लिखी गई है. लेकिन आप वीडियो में साफ देख सकते हैं कि इस जर्जर हो चुके पुल पर वाहनों की आवाजाही किस तरह जारी है. जबकि, कोई प्रशासनिक अधिकारी या जनप्रतिनिधि इस पुल की सुध नहीं ले रहा. जिसके चलते कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है.

बता दें कि 1854 में ब्रिटिश शासनकाल में गंगनहर निर्माण के दौरान सोलानी नदी पर यह पुल बनाया गया था. गंगनहर के किनारे बनी ये सड़क पिरान कलियर से होते हुए हरिद्वार तक जाती है. सोनाली नदी पर बने इस पुल की मियाद 66 साल पहले पूरी हो चुकी है. विभाग ने दूसरे पुल का निर्माण कर इस पुल पर बेरिकेडिंग लगा दी थी. ताकि इस पुल पर कोई आवाजाही ना हो.

स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध रूप से संचालित हो रहे डग्गामार वाहन चालकों ने बेरिकेडिंग को तोड़ दिया है. इस पुल पर सिंचाई विभाग की ओर से चेतावनी का बोर्ड भी लगाया गया है. बावजूद इस पुल पर आवाजाही जारी है. ऐसे में अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.




रूड़की

 - हादसों को न्योता देता पुल

एंकर - रुड़की से पिरान कलियर जाने वाले मार्ग के बीच पड़ने वाले सोलानी नदी के पुल की मियाद अब से 66 साल पहले पूरी हो चुकी है पर उसके बावजूद इस पर भारी ट्रैफिक का आना जाना निरंतर जारी है।हालांकि यहां पर चेतावनी भी लिखी गयी है कि यह पुल 166 वर्ष पुराना हो चुका है और अपनी आयु पूरी कर चुका है इसलिए वाहनों का आना जाना वर्जित है पर आप तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि किस तरह बड़े वहां इस पुल पर चल रहे हैं। किसी प्रशानिक अधिकारी जनप्रतिनिधियों ने इस पर आज तक ध्यान नही दिया जर्जर हालत में पहुँच चुका यह पुल किसी बड़ी दुर्घटना को सबक देता नज़र आ रहा है। 
1854 में अंग्रेज़ी शासनकाल में अंग्रेज़ अफसर द्वारा जब गंग नहर का निर्माण कराया जा रहा था तो सोलानी नदी होने की वजह से वहाँ से नहर को निकालना असम्भव हो गया तो अंग्रेज़ अफसरों ने अपनी कौशल बुद्धि का परिचय देते हुए नदी के ऊपर से नहर निकलते हुए उसके बराबर से एक सड़क का भी निर्माण किया था जो पिरान कलियर होते हुए हरिद्वार तक जाती है पर इस पुल की  अवधि अबसे 66 वर्ष पहले पूरी हो चुकी है जिसके लिए सरकार ने दूसरे पुल का निर्माण कर इस पुल पर बेरिकेट लगा दिए थे पर अब वहाँ से यह बेरिकेट  अवैध रूप से डग्गामार वाहन चालकों ने तुड़वा दिए जिसके बाद यहाँ से हर तरह का वाहन बेरोकटोक के गुजरने लगे है अब इस पुल पर किसी भी वाहन के आने जाने के लिए ना तो कोई गार्ड और ना ही कोई बेरिकेट बस है तो महज सिचाई विभाग की तरफ से लिखी गई एक चेतावनी।  अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस कि ज़िम्मेदारी किसकी होगी भविष्य में अगर कोई हादसा इस पुल पर होता है तो कौन सा विभाग इसका ज़िम्मा लेगा यह कोई भी अधिकारी बताने को तैयार नही  है।

बाईट - कल्लन (स्थानीय निवासी)





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