रुड़की: पिरान कलियर मार्ग पर सोलानी नदी पर बने पुल की मियाद अब से करीब छह दशक पहले पूरी हो चुकी है. बावजूद इस पुल पर वाहनों की आवाजाही लगातार जारी है. हालांकि, विभाग की ओर से इस पुल पर चेतावनी का बोर्ड भी लगा दिया गया है. लेकिन इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए पुल पर वाहनों की आवाजाही बदस्तूर जारी है. जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
रुड़की से पिरान कलियर जाने वाले मार्ग पर सोलानी नदी पर बना ये पुल 166 साल पुराना हो चुका है. विभाग की ओर से बोर्ड लगाकर चेतावनी भी लिखी गई है. लेकिन आप वीडियो में साफ देख सकते हैं कि इस जर्जर हो चुके पुल पर वाहनों की आवाजाही किस तरह जारी है. जबकि, कोई प्रशासनिक अधिकारी या जनप्रतिनिधि इस पुल की सुध नहीं ले रहा. जिसके चलते कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है.
बता दें कि 1854 में ब्रिटिश शासनकाल में गंगनहर निर्माण के दौरान सोलानी नदी पर यह पुल बनाया गया था. गंगनहर के किनारे बनी ये सड़क पिरान कलियर से होते हुए हरिद्वार तक जाती है. सोनाली नदी पर बने इस पुल की मियाद 66 साल पहले पूरी हो चुकी है. विभाग ने दूसरे पुल का निर्माण कर इस पुल पर बेरिकेडिंग लगा दी थी. ताकि इस पुल पर कोई आवाजाही ना हो.
स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध रूप से संचालित हो रहे डग्गामार वाहन चालकों ने बेरिकेडिंग को तोड़ दिया है. इस पुल पर सिंचाई विभाग की ओर से चेतावनी का बोर्ड भी लगाया गया है. बावजूद इस पुल पर आवाजाही जारी है. ऐसे में अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.