हरिद्वार: विश्व व्यापी महामारी कोरोना पूरे देश में लगातार फैलती जा रही है, जिससे निपटने के लिए लॉकडाउन किया गया है. केंद्र और राज्य सरकारें लोगों से लगातार घरों से बेवजह बाहन न निकलने की अपील कर रही हैं. वहीं, धर्मनगरी हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी पर इन दिनों लाखो की संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचते थे, जिससे यहां के हर घाट गुंजायमान रहा करते थे. लेकिन इन दिनों लॉकडाउन की वजह से यहां आने पर रोक है, जिससे वर्तमान में यहां के सभी घाट वीरान पड़े हैं.
दरअसल, हरिद्वार में लॉकडाउन की वजह से पिछले 1 महीने से यहां कोई यात्री नही आया है, जिससे यहां के तीर्थ पुरोहितों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अभी तक हरकी पैड़ी के अस्थि प्रवाह घाट पर हजारों की संख्या में लोग अपने परिवार के मृतक की अस्थियों का विसर्जन करने के लिए हरकी पैड़ी आते थे. ऐसे में घाट के सभी तीर्थ पुरोहित मृतक का कर्मकांड करा कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे.
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कुछ पुरोहितों का कहना है कि हर की पैड़ी पर कई ऐसे पंडे हैं, जिनकी आजीविका मृत लोगों के पिंड दान करवा कर ही चलती है. लेकिन इन दिनों लॉकडाउन की वजह से इन कार्यों पर पूर्णत: विराम लग गया है. ऐसे में इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. उधर, कुछ लोग अपने परिजनों का अस्थि विसर्जन अपने राज्यों की नदियों में ही करवा रहे हैं, जिसके चलते पौराणिक परंपराओं को भी आघात पहुंच रहा है.