ETV Bharat / state

रुड़की सिविल अस्पताल ICU सुविधा से हुआ लैस, स्टाफ की कमी पड़ सकती है भारी - रुड़की अस्पताल में आईसीयू बेड

रुड़की सिविल अस्पताल को आईसीयू बेड से लैस कर दिया गया है, लेकिन उसे ऑपरेट करने वाला प्रशिक्षित स्टाफ तैनात नहीं किया गया है. ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जाता है तो इलाज में परेशानी हो सकती है.

ICU ward of Roorkee Civil Hospital
रुड़की सिविल अस्पताल में आईसीयू बेड
author img

By

Published : Jan 11, 2022, 5:02 PM IST

Updated : Jan 11, 2022, 5:17 PM IST

रुड़कीः उत्तराखंड में लगातार कोरोना केसों में इजाफा हो रहा है. माना जा रहा है कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक हो चुकी है, लेकिन अस्पतालों में पर्याप्त इंतजामात न होने से लोगों में नाराजगी भी है. ऐसा ही कुछ हाल रुड़की सिविल अस्पताल का है. जहां अस्पताल में आईसीयू की सुविधा तो है, लेकिन उसे ऑपरेट करने वाला प्रशिक्षित स्टाफ तैनात नहीं है. ऐसे में अस्पताल का आईसीयू, स्टाफ की कमी के चलते मात्र शो पीस बनकर रह गया है. अस्पताल प्रशासन कई बार पर्याप्त स्टॉफ की मांग कर चुका है, लेकिन अभी तक स्टाफ उपलब्ध नहीं हो पाया है.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कोरोना के मरीजों पर भारी पड़ सकती है. लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी का दावा तो कर रहा है, लेकिन रुड़की सिविल अस्पताल में बने आईसीयू वार्ड में स्टाफ की भारी कमी उन दावों की पोल खोलने के लिए काफी है. आईसीयू स्टाफ ICU (Intensive Care Unit) न होने के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

रुड़की सिविल अस्पताल में ICU स्टाफ की कमी.

ये भी पढ़ेंः पौड़ी जिले में बूस्टर डोज लगाने का कार्य शुरू, डीएम ने टीकाकरण में तेजी लाने के दिये निर्देश

वहीं, रुड़की सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन कोरोना की बढ़ती संख्या को लेकर अलर्ट मोड़ पर है. रुड़की अस्पताल में 40 बेड की व्यवस्था की गई है. वहीं, रुड़की के शहरी क्षेत्र में 173 कोरोना के एक्टिव मामले हैं.

जिसमें 30 आईआईटी रुड़की के छात्र हैं, लेकिन अभी कोई भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है. बरहाल, ऐसे में कई सवाल भी उठ रहे हैं कि यदि कोई मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तो उसे उपचार मिल पाता है या रेफर किया जाता है. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग खुद को अलर्ट रहने का दावा कर रहा है.

रुड़कीः उत्तराखंड में लगातार कोरोना केसों में इजाफा हो रहा है. माना जा रहा है कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक हो चुकी है, लेकिन अस्पतालों में पर्याप्त इंतजामात न होने से लोगों में नाराजगी भी है. ऐसा ही कुछ हाल रुड़की सिविल अस्पताल का है. जहां अस्पताल में आईसीयू की सुविधा तो है, लेकिन उसे ऑपरेट करने वाला प्रशिक्षित स्टाफ तैनात नहीं है. ऐसे में अस्पताल का आईसीयू, स्टाफ की कमी के चलते मात्र शो पीस बनकर रह गया है. अस्पताल प्रशासन कई बार पर्याप्त स्टॉफ की मांग कर चुका है, लेकिन अभी तक स्टाफ उपलब्ध नहीं हो पाया है.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कोरोना के मरीजों पर भारी पड़ सकती है. लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी का दावा तो कर रहा है, लेकिन रुड़की सिविल अस्पताल में बने आईसीयू वार्ड में स्टाफ की भारी कमी उन दावों की पोल खोलने के लिए काफी है. आईसीयू स्टाफ ICU (Intensive Care Unit) न होने के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

रुड़की सिविल अस्पताल में ICU स्टाफ की कमी.

ये भी पढ़ेंः पौड़ी जिले में बूस्टर डोज लगाने का कार्य शुरू, डीएम ने टीकाकरण में तेजी लाने के दिये निर्देश

वहीं, रुड़की सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन कोरोना की बढ़ती संख्या को लेकर अलर्ट मोड़ पर है. रुड़की अस्पताल में 40 बेड की व्यवस्था की गई है. वहीं, रुड़की के शहरी क्षेत्र में 173 कोरोना के एक्टिव मामले हैं.

जिसमें 30 आईआईटी रुड़की के छात्र हैं, लेकिन अभी कोई भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है. बरहाल, ऐसे में कई सवाल भी उठ रहे हैं कि यदि कोई मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तो उसे उपचार मिल पाता है या रेफर किया जाता है. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग खुद को अलर्ट रहने का दावा कर रहा है.

Last Updated : Jan 11, 2022, 5:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.