ETV Bharat / state

इमाम हुसैन की शहादत को याद कर शिया समुदाय के लोगों ने निकाला मातमी जुलूस

इमाम हुसैन के त्याग और बलिदान को याद शिया समुदाय के लोगों ने मातमी जुलूस निकाल कर मोहर्रम मनाया. कोरोना के चलते प्रशासन के दिशा-निर्देशों पर ही शिया समुदाय की ओर से मातम पेश किया गया.

muharram
मोहर्रम
author img

By

Published : Aug 20, 2021, 9:50 PM IST

Updated : Aug 20, 2021, 10:07 PM IST

हरिद्वार/रुड़की: इंसानियत और इस्लाम के खातिर कर्बला में शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन की याद में शिया समुदाय के लोगों ने मोहर्रम मनाया. इस दौरान उन्होंने मजलिसों व मातमी जुलूस के साथ इमाम हुसैन की शहादत को याद किया. इस बार भी शिया समुदायों के लोगों ने कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए सीमित संख्या में मजलिसों का आयोजन कर मातम मनाया.

हरिद्वार में पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में इमाम बारगाह अहबाब नगर में शिया समुदाय के लोगों ने मातम किया. इस मौके पर हैदर नकवी ने कहा कि इमाम हुसैन किसी धर्म जाति या किसी एक वर्ग के नहीं हैं. उन्होंने इंसासिनत के लिए शहादत दी. ताकि इंसानियत शर्मसार होने से बच सके. इमाम हुसैन ने करबला में अपने घर की औरतों के साथ-साथ छोटे बच्चों की जान बचाने में बड़ा योगदान दिया.

शिया समुदाय के लोगों ने निकाला मातमी जुलूस

ये भी पढ़ेंः VIDEO: पहाड़ी महिलाओं का ऐसा झगड़ा देखा है कभी, बातों बातों में हो गया दे-दनादन

उन्होंने कहा कि यजीद नाम के शासक ने उनके रास्ते में कई तरह की अड़चने पैदा की. यजीद इंसानियत को खत्म करना चाहता था. वो इसांनियत का दुश्मन था और किसी भी तरह की मोहब्बत नहीं रखता था. इंसानियत को बचाने के लिए और उनके दिलों में मोहब्बत जगाने के लिए इमाम हुसैन ने अपनी शहादत करबला में पेश की. शहादत की याद में मोहर्रम को मातम कर इमाम बारगाह अहबाब नगर में खिराजे अकीदत पेश की गई.

हैदर नकवी ने कहा कि इस्लाम सच्चाई पर चलने की सीख देता है, लेकिन कुछ लोग झूठ फरेब के रास्ते को अपनाकर इस्लाम को बदनाम करने की कोशिशें करते हैं. इमाम हुसैन ने सच्चाई पर चलकर इस्लाम की बुनियाद को जिंदा रखा. उन्होंने कहा कि प्यार, मोहब्बत, एकता व भाईचारे से ही तरक्की के रास्ते खुलते हैं. वहीं, फिरोज हैदर ने कहा कि लोग उनके बताए हुए मार्गों का अनुसरण कर राष्ट्र हित में अपना योगदान दें.

ये भी पढ़ेंः बदरीनाथ धाम के तीर्थपुरोहितों ने पकड़ी अनशन की राह, दर्शन करने वालों को पुलिस ने रोका

रुड़की में सादगी से मनाया गया मोहर्रमः रुड़की के मंगलौर में शिया समुदाय के लोगों ने कोरोना महामारी के चलते मोहर्रम को बड़ी ही सादगी के साथ मनाया. इस दौरान शिया समुदाय के धर्मगुरु ने कहा कि हजरत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन इंसानियत व इस्लाम को बचाने के खातिर अपने साथियों के साथ कर्बला में शहीद हो गए थे. उनके त्याग और बलिदान के चलते शिया समुदाय के लोग मातमी जुलूस निकाल कर इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं.

हरिद्वार/रुड़की: इंसानियत और इस्लाम के खातिर कर्बला में शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन की याद में शिया समुदाय के लोगों ने मोहर्रम मनाया. इस दौरान उन्होंने मजलिसों व मातमी जुलूस के साथ इमाम हुसैन की शहादत को याद किया. इस बार भी शिया समुदायों के लोगों ने कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए सीमित संख्या में मजलिसों का आयोजन कर मातम मनाया.

हरिद्वार में पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में इमाम बारगाह अहबाब नगर में शिया समुदाय के लोगों ने मातम किया. इस मौके पर हैदर नकवी ने कहा कि इमाम हुसैन किसी धर्म जाति या किसी एक वर्ग के नहीं हैं. उन्होंने इंसासिनत के लिए शहादत दी. ताकि इंसानियत शर्मसार होने से बच सके. इमाम हुसैन ने करबला में अपने घर की औरतों के साथ-साथ छोटे बच्चों की जान बचाने में बड़ा योगदान दिया.

शिया समुदाय के लोगों ने निकाला मातमी जुलूस

ये भी पढ़ेंः VIDEO: पहाड़ी महिलाओं का ऐसा झगड़ा देखा है कभी, बातों बातों में हो गया दे-दनादन

उन्होंने कहा कि यजीद नाम के शासक ने उनके रास्ते में कई तरह की अड़चने पैदा की. यजीद इंसानियत को खत्म करना चाहता था. वो इसांनियत का दुश्मन था और किसी भी तरह की मोहब्बत नहीं रखता था. इंसानियत को बचाने के लिए और उनके दिलों में मोहब्बत जगाने के लिए इमाम हुसैन ने अपनी शहादत करबला में पेश की. शहादत की याद में मोहर्रम को मातम कर इमाम बारगाह अहबाब नगर में खिराजे अकीदत पेश की गई.

हैदर नकवी ने कहा कि इस्लाम सच्चाई पर चलने की सीख देता है, लेकिन कुछ लोग झूठ फरेब के रास्ते को अपनाकर इस्लाम को बदनाम करने की कोशिशें करते हैं. इमाम हुसैन ने सच्चाई पर चलकर इस्लाम की बुनियाद को जिंदा रखा. उन्होंने कहा कि प्यार, मोहब्बत, एकता व भाईचारे से ही तरक्की के रास्ते खुलते हैं. वहीं, फिरोज हैदर ने कहा कि लोग उनके बताए हुए मार्गों का अनुसरण कर राष्ट्र हित में अपना योगदान दें.

ये भी पढ़ेंः बदरीनाथ धाम के तीर्थपुरोहितों ने पकड़ी अनशन की राह, दर्शन करने वालों को पुलिस ने रोका

रुड़की में सादगी से मनाया गया मोहर्रमः रुड़की के मंगलौर में शिया समुदाय के लोगों ने कोरोना महामारी के चलते मोहर्रम को बड़ी ही सादगी के साथ मनाया. इस दौरान शिया समुदाय के धर्मगुरु ने कहा कि हजरत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन इंसानियत व इस्लाम को बचाने के खातिर अपने साथियों के साथ कर्बला में शहीद हो गए थे. उनके त्याग और बलिदान के चलते शिया समुदाय के लोग मातमी जुलूस निकाल कर इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं.

Last Updated : Aug 20, 2021, 10:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.