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महाकुंभ मेले का आगाज, शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने किया गंगा पूजन

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Published : Apr 1, 2021, 10:05 PM IST

हरिद्वार कुंभ मेले का आज से शुभारंभ हो गया. पहले दिन गोवर्धनपुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने विधि विधान से गंगा पूजन कर कुंभ के सकुशल आयोजन की कामना की.

शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने किया गंगा पूजन
शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने किया गंगा पूजन

हरिद्वार: एक माह तक चलने वाले कुंभ मेले का आज से आगाज हो गया. प्रथम दिन गोवर्धनपुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने विधि विधान से गंगा पूजन कर कुंभ के सकुशल आयोजन की कामना की. पूजन के दौरान तीनों अनी अखाड़े के श्रीमहंत समेत सैकड़ों साधु-संतों, विद्वान ब्रह्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.

जगद्गुरु शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भी उत्तराखंड सरकार और साधु संतों के प्रयास से कुंभ का आयोजन होना एक सराहनीय कार्य है. इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड सरकार को धन्यवाद दिया.

ये भी पढ़ें: कुंभ में अव्यवस्थाओं से नाराज संतों ने अपर मेलाधिकारी को पीटा, अखाड़ा परिषद ने बुलाई बैठक

शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. ऐसे में कुंभ का आयोजन एक बड़ा ही साहसिक कदम है. संकट काल में धर्म की कड़ी परीक्षा होती है. इस कठिन समय में भी कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए जप-तप के महानुष्ठान सम्पन्न होंगे. कुंभ मेले में साधु-संतों द्वारा संपन्न किये जाने वाले यज्ञ एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों से पूरी दुनिया को कोरोना से मुक्ति मिलेगी.

जगद्गुरु अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि मां गंगा त्रिपथ गामिनी हैं और कुंभ की आधार हैं. कुंभ आयोजन के प्रथम दिन उनकी पूजा से प्राप्त फल अवश्य कल्याणकारी होगा. कुंभ विश्व का सबसे बड़ा समागम है. जिसमें आस्था का सैलाब आता है. इस मेले का इंतजार लंबे समय तक करना पड़ता है. यहीं से भारतीय संंस्कृति का प्रचार प्रसार होता है. कुंभ मेला भव्य, दिव्य एवं सुरक्षित हो मां गंगा से यही प्रार्थना है.

हरिद्वार: एक माह तक चलने वाले कुंभ मेले का आज से आगाज हो गया. प्रथम दिन गोवर्धनपुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने विधि विधान से गंगा पूजन कर कुंभ के सकुशल आयोजन की कामना की. पूजन के दौरान तीनों अनी अखाड़े के श्रीमहंत समेत सैकड़ों साधु-संतों, विद्वान ब्रह्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.

जगद्गुरु शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भी उत्तराखंड सरकार और साधु संतों के प्रयास से कुंभ का आयोजन होना एक सराहनीय कार्य है. इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड सरकार को धन्यवाद दिया.

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शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. ऐसे में कुंभ का आयोजन एक बड़ा ही साहसिक कदम है. संकट काल में धर्म की कड़ी परीक्षा होती है. इस कठिन समय में भी कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए जप-तप के महानुष्ठान सम्पन्न होंगे. कुंभ मेले में साधु-संतों द्वारा संपन्न किये जाने वाले यज्ञ एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों से पूरी दुनिया को कोरोना से मुक्ति मिलेगी.

जगद्गुरु अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि मां गंगा त्रिपथ गामिनी हैं और कुंभ की आधार हैं. कुंभ आयोजन के प्रथम दिन उनकी पूजा से प्राप्त फल अवश्य कल्याणकारी होगा. कुंभ विश्व का सबसे बड़ा समागम है. जिसमें आस्था का सैलाब आता है. इस मेले का इंतजार लंबे समय तक करना पड़ता है. यहीं से भारतीय संंस्कृति का प्रचार प्रसार होता है. कुंभ मेला भव्य, दिव्य एवं सुरक्षित हो मां गंगा से यही प्रार्थना है.

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