देहरादून/हरिद्वारः नाथूराम गोडसे को लेकर बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा की ओर दिए गए बयान पर सियासत तेज हो गई है. साध्वी के बयान पर हरिद्वार के साधु-संतों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि संविधान और कानून ने गोडसे को हत्यारा साबित किया है तो नाथूराम गोडसे देशभक्त कैसे हो सकते हैं? उधर, देहरादून में कांग्रेसियों ने मामले को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पीएम मोदी का पुतला दहन किया.
साधु-संतों का कहना है कि महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ा हुआ व्यक्ति देशभक्त कभी नहीं हो सकता है. साध्वी प्रज्ञा को रक्षा समिति से बाहर किया गया है, अब उन्हें बीजेपी से भी बाहर कर देना चाहिए. इस तरह के बयान शर्मनाक है. दक्षिण कालीपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ने कहा कि माहत्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं. उनके लिए ऐसे शब्दो का प्रयोग करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है.
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वहीं, कुछ संत साध्वी प्रज्ञा के बयान को सही ठहराने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं. प्राचीन अब्दुल मंडल के महंत श्री रूपेन्दर प्रकाश जी ने इस बयान पर कोई आपत्ति नहीं जताई है. उनका कहना है कि किसी को देशद्रोही कैसे कहा जा सकता है. नाथूराम गोडसे ने क्या देशद्रोह किया है? उन्होंने गांधी की हत्या की है, देशद्रोह नहीं.
उधर, दूेहरादून में यूथ कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने एश्ले हॉल चौक पर बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया. जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने पंचायती मंदिर में बीजेपी और प्रज्ञा ठाकुर के बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ भी किया.
यूथ कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी विकास नेगी ने कहा कि गोडसे को देशभक्त बताकर प्रज्ञा ठाकुर ने साबित कर दिया है कि बीजेपी गांधीवाद को नहीं बल्कि, नाथूराम गोडसे की विचारधारा को मानती है. देश में गांधीवाद विचारधारा को खत्म करना चाहती है. साथ ही कहा कि प्रज्ञा ठाकुर संसद की गरिमा को खत्म करना चाहती है.