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जूना अखाड़े की पेशवाई के लिए संत तैयार, किन्नरों ने किया सोलह श्रृंगार

पेशवाई का उत्साह इतना है कि साधु-संतों के दर्शन और उनकी एक झलक पाने के लिए पूरा शहर ज्वालापुर में उमड़ गया है.

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Published : Mar 4, 2021, 3:05 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 3:14 PM IST

हरिद्वारः अखाड़ों में सबसे बड़े जूना अखाड़े की पेशवाई आज ज्वालापुर के पंडा वाला क्षेत्र से निकलेगी. सुबह से ही पंडा वाला क्षेत्र में साधु-संतों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. पेशवाई का उत्साह इतना है कि साधु-संतों के दर्शन और उनकी एक झलक पाने के लिए पूरा शहर ज्वालापुर में उमड़ गया है. हाथी, घोड़े और ऊंट के साथ-साथ दर्जनों बैंड बाजों के साथ पेशवाई जूना अखाड़ा स्थित छावनी में प्रवेश करेगी. कल निरंजनी अखाड़े की पेशवाई ने छावनी में प्रवेश किया था, अब जूना अखाड़ा की बारी है.

जूना अखाड़े की पेशवाई के लिए संत तैयार

ये होगा पेशवाई का स्वरूप

जूना अखाड़ा की पेशवाई में सबसे पहले जूना अखाड़े के गुरु और भगवान का प्रतीक चिन्ह आगे-आगे चलेगा. उसके बाद जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी की पालकी चलेगी. उसके बाद नागा संन्यासियों का जत्था और बाद में अखाड़े के महामंडलेश्वर पेशवाई की शोभा बढ़ाएंगे.

सैकड़ों किन्नर पहुंचे

जूना अखाड़ा की पेशवाई में सबसे ज्यादा अगर कुछ आकर्षण का केंद्र रहेगा तो इस बार वह है किन्नर अखाड़ा. लगभग 400 किन्नरों के साथ किन्नर अखाड़ा आज जूना अखाड़ा की पेशवाई के साथ छावनी में प्रवेश करेगा. दिल्ली, मुंबई, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग राज्यों से आए किन्नर समाज के संत जूना अखाड़ा की पेशवाई में पूरी शान और शौकत के साथ जाएंगे.

पढ़ेंः जूना अखाड़े की पेशवाई में दिखेगी उत्तराखंड की लोक संस्कृति, देंगे पलायन रोकने का संदेश

सोलह सिंगार के साथ पेशवाई में पहुंचे किन्नर

जिस जगह से पेशवाई प्रारंभ होगी, उस जगह पर सुबह से ही किन्नर समाज के संत पहुंचने शुरू हो गए हैं. सोलह सिंगार के साथ-साथ अलग-अलग परिधानों में किन्नर समाज के संत पूरे पेशवाई में अलग ही दिखाई दे रहे हैं.

यहां से निकलेगी पेशवाई

जूना अखाड़े की पेशवाई ज्वालापुर के फंडे वाला से होते हुए ऊंचा पुल, आर्य नगर चौक, शंकर आश्रम, रानीपुर मोड और देवपुरा होते हुए बिरला घाट स्थित जूना अखाड़ा की छावनी में प्रवेश करेगी.

हरिद्वारः अखाड़ों में सबसे बड़े जूना अखाड़े की पेशवाई आज ज्वालापुर के पंडा वाला क्षेत्र से निकलेगी. सुबह से ही पंडा वाला क्षेत्र में साधु-संतों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. पेशवाई का उत्साह इतना है कि साधु-संतों के दर्शन और उनकी एक झलक पाने के लिए पूरा शहर ज्वालापुर में उमड़ गया है. हाथी, घोड़े और ऊंट के साथ-साथ दर्जनों बैंड बाजों के साथ पेशवाई जूना अखाड़ा स्थित छावनी में प्रवेश करेगी. कल निरंजनी अखाड़े की पेशवाई ने छावनी में प्रवेश किया था, अब जूना अखाड़ा की बारी है.

जूना अखाड़े की पेशवाई के लिए संत तैयार

ये होगा पेशवाई का स्वरूप

जूना अखाड़ा की पेशवाई में सबसे पहले जूना अखाड़े के गुरु और भगवान का प्रतीक चिन्ह आगे-आगे चलेगा. उसके बाद जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी की पालकी चलेगी. उसके बाद नागा संन्यासियों का जत्था और बाद में अखाड़े के महामंडलेश्वर पेशवाई की शोभा बढ़ाएंगे.

सैकड़ों किन्नर पहुंचे

जूना अखाड़ा की पेशवाई में सबसे ज्यादा अगर कुछ आकर्षण का केंद्र रहेगा तो इस बार वह है किन्नर अखाड़ा. लगभग 400 किन्नरों के साथ किन्नर अखाड़ा आज जूना अखाड़ा की पेशवाई के साथ छावनी में प्रवेश करेगा. दिल्ली, मुंबई, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग राज्यों से आए किन्नर समाज के संत जूना अखाड़ा की पेशवाई में पूरी शान और शौकत के साथ जाएंगे.

पढ़ेंः जूना अखाड़े की पेशवाई में दिखेगी उत्तराखंड की लोक संस्कृति, देंगे पलायन रोकने का संदेश

सोलह सिंगार के साथ पेशवाई में पहुंचे किन्नर

जिस जगह से पेशवाई प्रारंभ होगी, उस जगह पर सुबह से ही किन्नर समाज के संत पहुंचने शुरू हो गए हैं. सोलह सिंगार के साथ-साथ अलग-अलग परिधानों में किन्नर समाज के संत पूरे पेशवाई में अलग ही दिखाई दे रहे हैं.

यहां से निकलेगी पेशवाई

जूना अखाड़े की पेशवाई ज्वालापुर के फंडे वाला से होते हुए ऊंचा पुल, आर्य नगर चौक, शंकर आश्रम, रानीपुर मोड और देवपुरा होते हुए बिरला घाट स्थित जूना अखाड़ा की छावनी में प्रवेश करेगी.

Last Updated : Mar 4, 2021, 3:14 PM IST
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