हरिद्वारः शारदा पीठ और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) को आज संतों ने श्रद्धांजलि दी. साथ ही गोविंदपुरी गंगा घाट पर दीपदान भी किया गया. इस दौरान संतों ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम बदलकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती रखने की मांग की. इस अलावा स्वरूपानंद सरस्वती को भारत रत्न देने की मांग (Bharat Ratna to Swaroopanand Saraswati) भी उठाई.
दरअसल, हरिद्वार के गोविंदपुरी गंगा घाट पर श्रीअखंड परशुराम अखाड़ा ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. इस श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में साधु संत शामिल हुए. इसके अलावा हरिद्वार मेयर अनीता शर्मा, बीजेपी नेता विशाल गर्ग, परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक आदि लोगों ने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की.
स्वामी परमानंद ने कहा कि ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती सनातन हिंदू धर्म के संरक्षक और संवर्धक रहे हैं. वे करीब 45 सालों तक ज्योतिष और शारदा पीठ पर विराजमान रहे हैं. सनातनी हिंदू धर्म, स्वतंत्रता सेनानी, गौ रक्षक के रूप में उनकी भूमिका को सदैव याद किया जाता रहेगा. ऐसे महान संत के लिए सम्मान में जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम उनके नाम से रखा (Saints Demand to change Jolly Grant Airport Name) जाना चाहिए.
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गौर हो बीती 11 सितंबर को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के परमहंसी गंगा आश्रम में अंतिम सांस ली थी. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था. स्वरूपानंद सरस्वती शारदापीठ और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य थे. अब ज्योतिष पीठ (ज्योतिर पीठ) के नए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती होंगे. जबकि, शारदा पीठ के नए शंकराचार्य सदानंद सरस्वती को बनाया गया है.