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हरिद्वारः मातृ सदन में साध्वी पद्मावती के अनशन का 27वां दिन, प्रशासन नहीं ले रहा सुध - मातृसदन हरिद्वार

गंगा नदी पर बन रही जल विद्युत परियोजनाओं के विरुद्ध साध्वी पद्मावती 27 दिनों से आमरण अनशन पर है.

साध्वी पद्मावती
साध्वी पद्मावती
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Published : Jan 10, 2020, 3:51 PM IST

हरिद्वारः धर्मनगरी की आध्यात्मिक संस्था मातृ सदन में विगत 27 दिनों से गंगा की अविरलता व निर्मलता को लेकर एक साध्वी धरने पर है. साथ ही गंगा पर बन रही जल विद्युत परियोजनाओं के विरुद्ध अनशन पर बैठी साध्वी पद्मावती की सुध लेने सरकार का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अभीतक मात्र सदन नहीं पहुंचा है.

साध्वी पद्मावती का कहना है कि चाहे उन्हें अपने प्राण ही क्यों न गंगा के लिए त्यागने पड़ें, वह अपनी मांगों के पूरी होने से पहले अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगी. करीब आधा दर्जन मांगों को लेकर अनशन पर बैठी साध्वी पद्मावती को अनशन करते हुए 27 दिन हो गए हैं. जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती अनशन जारी रहने की बात कही है.

साध्वी पद्मावती का अनशन जारी.

इससे पहले भी मातृ सदन में दो लोग अनशन पर रहते हुए अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं. साध्वी पद्मावती का कहना है कि स्वामी सानंद जिन मांगों को लेकर अनशन पर बैठे थे और उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया उनकी भी वही मांगे हैं. वह इन मांगों को पूरी होने से पहले अनशन समाप्त नहीं करेंगी. सरकार की तरफ से मौखिक और लिखित आश्वासन तो मिलते रहते हैं लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता. मेरी कोई विशेष मांग नहीं है. सरकार ने स्वामी सानंद के अनशन के दौरान वादे किए थे बस सरकार उन्हीं वादों पर को पूरा करे. स्वामी सानंद की स्वाभाविक मौत नहीं हुई थी, उनकी हत्या जहर देकर की गई थी.

यह भी पढ़ेंः गदरपुर: महिलाओं ने किया धरना-प्रदर्शन, कहा- घर बनकर तैयार और योजना की रकम गायब

उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा कर किया जाना चाहिए तभी जाकर गंगा की अविरलता और निर्मलता कायम हो सकेगी. साथ ही गंगा पर बन रही जल विद्युत परियोजनाएं भी शीघ्र बंद होनी चाहिए. इन परियोजनाओं से विकास के नाम पर विनाश को न्योता दिया जा रहा है.

हरिद्वारः धर्मनगरी की आध्यात्मिक संस्था मातृ सदन में विगत 27 दिनों से गंगा की अविरलता व निर्मलता को लेकर एक साध्वी धरने पर है. साथ ही गंगा पर बन रही जल विद्युत परियोजनाओं के विरुद्ध अनशन पर बैठी साध्वी पद्मावती की सुध लेने सरकार का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अभीतक मात्र सदन नहीं पहुंचा है.

साध्वी पद्मावती का कहना है कि चाहे उन्हें अपने प्राण ही क्यों न गंगा के लिए त्यागने पड़ें, वह अपनी मांगों के पूरी होने से पहले अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगी. करीब आधा दर्जन मांगों को लेकर अनशन पर बैठी साध्वी पद्मावती को अनशन करते हुए 27 दिन हो गए हैं. जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती अनशन जारी रहने की बात कही है.

साध्वी पद्मावती का अनशन जारी.

इससे पहले भी मातृ सदन में दो लोग अनशन पर रहते हुए अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं. साध्वी पद्मावती का कहना है कि स्वामी सानंद जिन मांगों को लेकर अनशन पर बैठे थे और उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया उनकी भी वही मांगे हैं. वह इन मांगों को पूरी होने से पहले अनशन समाप्त नहीं करेंगी. सरकार की तरफ से मौखिक और लिखित आश्वासन तो मिलते रहते हैं लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता. मेरी कोई विशेष मांग नहीं है. सरकार ने स्वामी सानंद के अनशन के दौरान वादे किए थे बस सरकार उन्हीं वादों पर को पूरा करे. स्वामी सानंद की स्वाभाविक मौत नहीं हुई थी, उनकी हत्या जहर देकर की गई थी.

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उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा कर किया जाना चाहिए तभी जाकर गंगा की अविरलता और निर्मलता कायम हो सकेगी. साथ ही गंगा पर बन रही जल विद्युत परियोजनाएं भी शीघ्र बंद होनी चाहिए. इन परियोजनाओं से विकास के नाम पर विनाश को न्योता दिया जा रहा है.

Intro:एंकर:- हरिद्वार की आध्यात्मिक संस्था मातृ सदन में विगत 27 दिनों से गंगा की अविरलता व निर्मलता के साथ ही गंगा के ऊपर बन रही  जल विद्युत परियोजनाओं के विरुद्ध अनशन पर बैठी साध्वी पद्मावती की सुध लेने सरकार का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अभी तक मात्र सदन नहीं पहुंचा है जिसके चलते साध्वी पद्मावती का कहना है कि चाहे उन्हें अपने प्राण ही क्यों ना गंगा के लिए न्योछावर करने पड़े वह अपनी मांगों के पूरी होने से पहले अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगे करीब आधा दर्जन मांगों को लेकर अनशन पर बैठी  साध्वी पद्मावती को अनशन करते हुए 27 दिन हो गए हैं और यह अनशन उनका जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती बदस्तूर जारी रहेगा इससे पहले भी मातृ सदन में दो लोग अनशन पर रहते हुए अपने प्राणों की आहुति दे  चुके हैं.Body:VO-1  साध्वी पद्मावती का कहना है कि स्वामी सानंद जिन मांगों को लेकर अनशन पर बैठे थे और उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया उनकी भी वही मांगे हैं वह इन मांगों को पूरी होने से पहले अनशन समाप्त नहीं करेंगी।  सरकार की तरफ से मौखिक और लिखित  आश्वासन तो मिलते रहते हैं लेकिन  सरकार द्वारा  कोई कार्य नहीं किया जाता । मेरी कोई विशेष मांग नहीं है सरकार ने स्वामी सानंद के अनशन के दौरान  वादे किए थे बस सरकार उन्हीं वादों पर को पूरा करें।  स्वामी सानंद की स्वाभाविक मौत नहीं हुई थी उनकी हत्या जहर खिलाकर कराई गई थी  और उनकी  मांगों को जल्द से जल्द पूरा कर किया जाना चाहिए तभी जाकर गंगा की अविरलता और निर्मलता कायम हो सकेगी साथ ही गंगा के ऊपर बन रही जल विद्युत परियोजनाएं भी शीघ्र बंद होनी चाहिए इन परियोजनाओं से विकास के नाम पर विनाश को न्योता दिया जा रहा है.Conclusion:बाइट :-साध्वी  पद्मावती 
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