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उत्तराखंड सरकार तैयार करवा रही 4 लाख आयुष किट, ऋषिकुल आयुर्वेदिक औषधि निर्माणशाला को दिया ऑर्डर

राज्य सरकार ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक औषधि निर्माणशाला को चार लाख आयुष किट बनाने का आर्डर दिया है. जिसके लिए उन्हें एक करोड़ रुपए जारी कर दिये गये हैं. जिससे फिलहाल डेढ़ लाख किट तैयार किए जा रहे हैं.

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उत्तराखंड सरकार तैयार करवा रही 4 लाख आयुष किट
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Published : May 23, 2020, 3:14 PM IST

Updated : May 23, 2020, 3:38 PM IST

हरिद्वार: देश में कोरोना की रोकथाम के लिए जहां एलोपैथिक चिकित्सक मॉडर्न मेडिसिन के माध्यम से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं वहीं केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय भी इसको लेकर लगातार प्रयासरत है. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए आयुष मंत्रालय ने जर्नल इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं और विभिन्न जड़ी बूटियों से बना काढ़ा और घरों में इस्तेमाल किये जाने वाले मसालों के उपयोग की सलाह दी है. उत्तराखंड सरकार ने आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए चार लाख आयुर्वेदिक आयुष किट बनाने का काम हरिद्वार के ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक औषधि निर्माणशाला को दिया है.

उत्तराखंड सरकार तैयार करवा रही 4 लाख आयुष किट
ऋषिकुल आयुर्वेदिक औषधि निर्माणशाला के अधीक्षक देवेंद्र सेमवाल का कहना है कि राज्य सरकार ने उन्हें चार लाख आयुष किट बनाने का आर्डर दिया है. जिसके लिए उन्हें एक करोड़ रुपए जारी कर दिये गये हैं. जिससे फिलहाल डेढ़ लाख किट तैयार किए जा रहा हैं. उन्होंने बताया स्टेट में 300 ग्राम आयुर्वेदिक क्वाथ तथा गिलोय घनवटी, अश्वगंधा की 30-30 गोलियों के 2 पैकेट की एक किट तैयार करके बांटी जाएगी. इसका सेवन निर्धारित मात्रा में सुबह शाम लेने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. साथ ही इससे कोरोना जैसी महामारी से बचने के साथ ही सीजनल बीमारियों से भी बचाव होगा.

पढ़ें- आयुर्वेदिक अस्पताल की OPD शिफ्ट, कोरोना वॉर्ड में 12 लोग क्वारंटाइन

उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉक्टर सुनील जोशी का कहना है कि आयुष मंत्रालय ने जो आयुष किट बनाने का निर्देश दिये हैं. उसमें मिलाई जाने वाली जड़ी-बूटियां लोगों को कोरोना सहित कई रोगों से बचा सकती हैं. उन्होंने बताया कि विश्व में कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए अनेक प्रकार के शोध किये जा रहे हैं. भारत में भी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के माध्यम से इससे लड़ने के प्रयास में लगा है.

पढ़ें- ऋषिकेश में कोरोना के 3 नए मरीज, 7 वर्षीय किशोर भी पॉजिटिव

डॉक्टर सुनील जोशी ने बताया कि तनाव व अवसाद को दूर करने के लिए योग प्राणायाम ध्यान करने से काफी लाभ होता है. साथ ही जड़ी- बूटी से युक्त विशेष प्रकार का धुंआ घरों में वातावरण को शुद्ध करता है. इससे कई बैक्टीरिया वायरस खत्म हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि वे अपनी प्रचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से कोरोना सहित कई बीमारियों का इलाज करके पूरे विश्व को एक नया रास्ता दे सकते हैं.

हरिद्वार: देश में कोरोना की रोकथाम के लिए जहां एलोपैथिक चिकित्सक मॉडर्न मेडिसिन के माध्यम से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं वहीं केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय भी इसको लेकर लगातार प्रयासरत है. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए आयुष मंत्रालय ने जर्नल इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं और विभिन्न जड़ी बूटियों से बना काढ़ा और घरों में इस्तेमाल किये जाने वाले मसालों के उपयोग की सलाह दी है. उत्तराखंड सरकार ने आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए चार लाख आयुर्वेदिक आयुष किट बनाने का काम हरिद्वार के ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक औषधि निर्माणशाला को दिया है.

उत्तराखंड सरकार तैयार करवा रही 4 लाख आयुष किट
ऋषिकुल आयुर्वेदिक औषधि निर्माणशाला के अधीक्षक देवेंद्र सेमवाल का कहना है कि राज्य सरकार ने उन्हें चार लाख आयुष किट बनाने का आर्डर दिया है. जिसके लिए उन्हें एक करोड़ रुपए जारी कर दिये गये हैं. जिससे फिलहाल डेढ़ लाख किट तैयार किए जा रहा हैं. उन्होंने बताया स्टेट में 300 ग्राम आयुर्वेदिक क्वाथ तथा गिलोय घनवटी, अश्वगंधा की 30-30 गोलियों के 2 पैकेट की एक किट तैयार करके बांटी जाएगी. इसका सेवन निर्धारित मात्रा में सुबह शाम लेने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. साथ ही इससे कोरोना जैसी महामारी से बचने के साथ ही सीजनल बीमारियों से भी बचाव होगा.

पढ़ें- आयुर्वेदिक अस्पताल की OPD शिफ्ट, कोरोना वॉर्ड में 12 लोग क्वारंटाइन

उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉक्टर सुनील जोशी का कहना है कि आयुष मंत्रालय ने जो आयुष किट बनाने का निर्देश दिये हैं. उसमें मिलाई जाने वाली जड़ी-बूटियां लोगों को कोरोना सहित कई रोगों से बचा सकती हैं. उन्होंने बताया कि विश्व में कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए अनेक प्रकार के शोध किये जा रहे हैं. भारत में भी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के माध्यम से इससे लड़ने के प्रयास में लगा है.

पढ़ें- ऋषिकेश में कोरोना के 3 नए मरीज, 7 वर्षीय किशोर भी पॉजिटिव

डॉक्टर सुनील जोशी ने बताया कि तनाव व अवसाद को दूर करने के लिए योग प्राणायाम ध्यान करने से काफी लाभ होता है. साथ ही जड़ी- बूटी से युक्त विशेष प्रकार का धुंआ घरों में वातावरण को शुद्ध करता है. इससे कई बैक्टीरिया वायरस खत्म हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि वे अपनी प्रचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से कोरोना सहित कई बीमारियों का इलाज करके पूरे विश्व को एक नया रास्ता दे सकते हैं.

Last Updated : May 23, 2020, 3:38 PM IST
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