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लक्सर: फर्जी तरीके से जमीन बेचने के मामले में अब SIT जांच की सिफारिश

लक्सर में 31 साल पहले मर चुकी महिला की 120 बीघा जमीन का बैनामा कराने का मामला प्रकाश में आया है. इस मामले में बड़े स्तर पर धोखाधड़ी की पुष्टि होने पर मामला एसआईटी को भेजने की सिफारिश की गई है.

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Published : Dec 4, 2020, 11:35 AM IST

लक्सर: सालों पहले मर चुकी महिला की करोड़ों रुपए की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने के मामले में अब एसआईटी जांच कर सकती है. मामले की प्राथमिक जांच में बड़े स्तर पर धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद एसडीएम ने डीएम से मामला एसआईटी को भेजने की सिफारिश की है.

दरअसल, एडवोकेट महेश चौहान ने एसडीएम पूरन सिंह राणा से इस मामले की शिकायत की थी. उनका कहना था कि पंजाब निवासी महिला रामप्यारी के नाम से उनके गांव में करीब 55 हेक्टेयर (800 बीघा) जमीन है. 45-50 साल पहले जब रामप्यारी गांव आई थीं तब उनकी उम्र लगभग 50 साल के करीब थी. इस लिहाज से उनका अब जीवित होना संभव नहीं है. इसके बावजूद रामप्यारी द्वारा लगातार जमीन के बैनामे किए जा रहे हैं. लेकिन, बैनामा पर रामप्यारी का फोटो न होकर किसी दूसरी महिला की फोटो लगी है.

यह भी पढ़ें-नर्सिंग कॉलेज बना कोविड केयर सेंटर, 250 मरीजों की है क्षमता

वहीं, एसडीएम ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जब इसकी जांच कराई तो पता चला कि रामप्यारी का वर्ष 1989 में देहांत हो चुका है. उनके पति और एकमात्र बेटी की भी मौत पहले ही हो चुकी है. लेकिन, खुद को रामप्यारी कहने वाली एक महिला 2004, 2008 और 2010 में करीब 120 बीघा जमीन का बैनामा करा चुकी है.

एसडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया की फर्जी बैनामा कराने की पुष्टि के बाद एसआईटी से इसकी विस्तृत जांच कराने की सिफारिश डीएम को भेजी गई है. रामप्यारी का परिवार पंजाब के नामचीन परिवारों में शामिल है. रामप्यारी के जेठ यूपी में गवर्नर रह चुके हैं और जेठ का बेटा पुलिस में डीआईजी पद से सेवानिवृत्त हुआ है.

लक्सर: सालों पहले मर चुकी महिला की करोड़ों रुपए की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने के मामले में अब एसआईटी जांच कर सकती है. मामले की प्राथमिक जांच में बड़े स्तर पर धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद एसडीएम ने डीएम से मामला एसआईटी को भेजने की सिफारिश की है.

दरअसल, एडवोकेट महेश चौहान ने एसडीएम पूरन सिंह राणा से इस मामले की शिकायत की थी. उनका कहना था कि पंजाब निवासी महिला रामप्यारी के नाम से उनके गांव में करीब 55 हेक्टेयर (800 बीघा) जमीन है. 45-50 साल पहले जब रामप्यारी गांव आई थीं तब उनकी उम्र लगभग 50 साल के करीब थी. इस लिहाज से उनका अब जीवित होना संभव नहीं है. इसके बावजूद रामप्यारी द्वारा लगातार जमीन के बैनामे किए जा रहे हैं. लेकिन, बैनामा पर रामप्यारी का फोटो न होकर किसी दूसरी महिला की फोटो लगी है.

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वहीं, एसडीएम ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जब इसकी जांच कराई तो पता चला कि रामप्यारी का वर्ष 1989 में देहांत हो चुका है. उनके पति और एकमात्र बेटी की भी मौत पहले ही हो चुकी है. लेकिन, खुद को रामप्यारी कहने वाली एक महिला 2004, 2008 और 2010 में करीब 120 बीघा जमीन का बैनामा करा चुकी है.

एसडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया की फर्जी बैनामा कराने की पुष्टि के बाद एसआईटी से इसकी विस्तृत जांच कराने की सिफारिश डीएम को भेजी गई है. रामप्यारी का परिवार पंजाब के नामचीन परिवारों में शामिल है. रामप्यारी के जेठ यूपी में गवर्नर रह चुके हैं और जेठ का बेटा पुलिस में डीआईजी पद से सेवानिवृत्त हुआ है.

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