हरिद्वार: रक्षाबंधन ऐसा त्योहार है, जो भाई और बहन के प्यार का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बंधकर उनकी लंबी उम्र की दुआ मांगती हैं, लेकिन इस बार रक्षाबंधन को लेकर लोगों के सामने असमंजस की स्थिति बनी है. कई लोग 30 अगस्त, तो कुछ लोग 31 अगस्त को रक्षाबंधन की तिथि बता रहे हैं. ऐसे में गंगा सभा द्वारा असमंजस की स्थिति को दूर करने के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें रक्षाबंधन को लेकर विद्वानों व ज्योतिषाचार्य की राय ली गई और और रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त निकाला गया.
30 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन का पर्व: आगामी रक्षा बंधन की तिथि को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब को लेकर श्रीगंगा सभा द्वारा एक पहल की गई. जिसके तहत आज श्रीगंगा सभा ने ज्योतिश्चर्यो की बैठक बुलाई. जिसमें ज्योतिषाचार्यों द्वारा सिंधु धर्म, सिंधु व्रत, सिंधु भविष्य और महापुराण व्रत राज ग्रंथ को लेकर आपसी विमर्श के बाद यह तय किया गया कि आगामी रक्षाबंधन 30 अगस्त को ही मनाई जाएगी.
सभी ग्रंथों पर चर्चा करने के बाद लिया गया फैसला: वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सभी ग्रंथों पर चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त को मनाया जाएगा. रात 9 बजकर 4 मिनट पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा सकता है. ज्योतिष आचार्य डॉक्टर शैलेश तिवारी ने बताया कि भद्र उतारने के बाद ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है.
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आगे काशी विद्युत परिषद को भी किया जाएगा शामिल: वहीं, गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के असमंजस को दूर करने का काम किया जाएगा. जिसमें काशी विद्युत परिषद को भी शामिल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पहली बार त्योहार की दो तिथि के असमंजस को समाप्त करने के लिए गंगा सभा ने ये अनोखी पहल की है.
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