हरिद्वारः उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर बनी अवैध मजारों पर कार्रवाई को लेकर कांग्रेस अब बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने धामी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए सरकार इस तरह के काम कर रही है. जिससे वो खुद को हिंदू हितैषी साबित कर सके. वहीं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए दूसरे प्रदेशों को सीएम धामी से सीख लेने की बात कही है.
बता दें कि उत्तराखंड में लैंड जिहाद का मामला सुर्खियों में है. हरिद्वार जिले में सरकारी जमीनों पर बनी मजारें जमींदोज की जा रही है. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी संपत्तियों और जंगलों में बनाए गए मजारों को तोड़ने के आदेश दिए थे. सीएम के आदेश मिलते ही हरकत में आई प्रशासनिक मशीनरी ने हुक्म की तामील करते हुए अब तक कई अवैध धार्मिक निर्माण जमींदोज कर दिए हैं, लेकिन यह कार्रवाई कांग्रेस को अखर रही है.
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आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सरकार को घेराः उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मामले पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है. वैसे तो प्रमोद कृष्णम हिंदू धर्मगुरु हैं, लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा था. अब उन्होंने मजारों पर की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि चारधाम यात्रा की तैयारियों और जोशीमठ पुनर्निर्माण जैसे मुद्दों पर विफल बीजेपी सरकार इस तरह की कार्रवाई करके जनता का ध्यान बांट रही है.
संत समाज में खुशी की लहरः उधर, सरकार की इस कार्रवाई से संतों में जबरदस्त खुशी है. संतों ने दूसरे राज्यों को भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से सबक लेकर ऐसी कार्रवाई करने की बात कही है. संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तो यहां तक कह दिया कि सीएम धामी ने उत्तराखंड को कश्मीर बनाने की कुछ लोगों की साजिश विफल कर दी है.
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मुस्लिम समाज की मांगः वहीं, मुस्लिम समाज के नेता भी अब प्रशासन की ओर से मजारों पर की जा रही कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. मुस्लिम नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन भेदभाव तरीके से अतिक्रमण पर कार्रवाई कर रहा है. जबकि, उन्हें आश्वस्त किया गया था कि निष्पक्ष रूप से कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. सौ से डेढ़ सौ साल पुरानी मजारों को भी प्रशासन हटाना चाह रहा है. उनकी प्रशासन से मांग है कि वो नई बनी मजारों को हटाएं, लेकिन पुराने मजारों को न हटाएं.
हरिद्वार में अवैध मजारों पर कार्रवाई जारीः सरकारी सर्वे के मुताबिक, बीते दो दशकों में उत्तराखंड के जंगलों और सरकारी संपत्तियों पर धार्मिक निर्माण की आड़ में कई कब्जे हुए हैं. जिस पर अब राज्य सरकार बुलडोजर चलाकर खाली करवा रही या हटा रही है. हरिद्वार में भारी विरोध के बीच धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर जमकर गरज रही है. अभी तक हरिद्वार जिला प्रशासन अभी तक 7 मजारों को हटाकर सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराया है.
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