हरिद्वार: त्रिस्तरीय जिला पंचायत चुनाव में भले रानीतिक पार्टियां महिलाओं को टिकट देकर तरजीह दे रही हैं लेकिन जनता के बीच महिला प्रत्याशियों के पति अपनी फोटो के साथ बैनर पोस्टर लगा रहे है. गांव में लगे पोस्टर बैनर इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. ऐसे में हरिद्वार की जनता महिला पतियों की प्रत्याशियों की मंशा पर सवाल उठाए हैं.
बता दें, हरिद्वार में इन दिनों त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां काफी तेज हैं. पार्टियों ने भी इस बार महिला प्रत्याशियों पर दांव खेला है. भाजपा, कांग्रेस और सपा सभी ने महिलाओं को बढ़-चढ़कर टिकट बांटे हैं. आने वाले दिनों में इनमें से बहुत सी महिलाएं चुनकर जिला पंचायत में भी पहुंचेंगी. लेकिन चुनाव से पहले लगे बैनर पोस्टर यह तस्दीक कर रहे हैं कि पंचायत में भले जीतकर महिलाएं पहुंचेंगी, लेकिन राजनीति उनके पति ही करेंगे.
यह हम इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि अधिकतर बैनर पोस्टर में ऐसे प्रत्याशी गायब हैं. जबकि उनके पतियों ने बढ़ चढ़कर बड़ी-बड़ी फोटो लगवाई है. पोस्टरों से महिला प्रत्याशी की फोटो गायब होने पर अब स्थानीय मतदाता भी सवाल उठाने लगे हैं. मतदाताओं का कहना है कि वह जिला पंचायत में उसे ही वोट करेंगे, जिसका चेहरा बैनर पोस्टर में नजर आ रहा है.
पढ़ें- पंचायत चुनाव के लिए गाड़ी जमा करा रही थी महिला अधिकारी, वाहन स्वामी ने कर दी बदसलूकी
घिस्सू पुरा गांव के रहने वाले धर्मपाल का कहना है कि हमारे इलाके से जिला पंचायत ग्राम पंचायत में कौन प्रत्याशी खड़ी हुई है. हम उसे नहीं जानते. क्योंकि पोस्टरों में प्रत्याशी की जगह उसके पति और भाइयों के फोटो लगे हुए हैं, जो आदर्श आचार संहिता का भी खुला उल्लंघन है. हम सिर्फ उन्हें ही वोट देंगे जिनके चेहरे पोस्टरों में नजर आ रहे हैं.
घिस्सू पुरा के रहने वाले अमित पाल का कहना है कि 21वीं शताब्दी में भी आज महिलाओं को सिर्फ एक रबर स्टांप की तरह माना जा रहा है. आज बड़े अफसोस की बात है कि बैनर पोस्टरों में महिला प्रत्याशी की फोटो तो दूर नाम लगाकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.