हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार के लालढांग क्षेत्र के मोहल्लापुरी गांव में डायरिया का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. गांव में करीब 70 फीसदी से ज्यादा लोग इस महामारी से ग्रस्त हैं. स्वास्थ्य विभाग के पीएचसी में व्यवस्थाएं करने के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं. पीएचसी लालढांग में एक बेड पर दो-तीन मरीजों का इलाज किया जा रहा है. बाकी मरीजों को हरिद्वार के अन्य हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
गांव में फैली इस बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की हवा निकाल दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम दीपेंद्र चौधरी इस गांव का निरीक्षण करने पहुंचे और तमाम अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जल्द से जल्द सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएं.
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. जो सरकारी हॉस्पिटल है वहां सही ढ़ंग से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. गांव के लोग कई बार इस संबंध में प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, मगर उसके बावजूद भी प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए गए. जब गांव में महामारी से लोग बीमार हुए हैं तो प्रशासन भी नींद से जागा है.
गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी का कहना है कि क्षेत्र में पीएससी का निरीक्षण किया गया है. यहां पर डॉक्टर, फार्मासिस्ट, एएनएम, आशा वर्कर सब लोग तैनात हैं. मगर लोगों की मांग है कि यहां पर और सुविधा बढ़ाई जाए क्योंकि जिस वक्त यह बना था उसके बाद से गांव की जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई है.
डीएम ने कहा कि सीएमओ को इस संबंध में बोला गया है कि एक प्रस्ताव बनाकर दिया जाए और उसे शासन को भेजा जाएगा. साथ ही पेयजल के संबंधित अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि जो पानी की सप्लाई यहां पर हो रही है उसकी जांच की जाए. साथ ही गांव में एक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा.
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गांव में लगातार फैल रही इस महामारी को रोकने के लिए नींद से जागे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जितनी भी कोशिश की गईं वह अभी तक नाकाम ही साबित हुईं हैं. हालांकि प्रशासन की अब नींद खुली है. जिलाधिकारी ने मोहल्लापुरी गांव और पीएचसी लालढांग का दौरा किया.
जिलाधिकारी चौधरी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को यहां पर लगाया गया है. अभी स्थिति को कंट्रोल कर लिया गया है. इस बीमारी के फैलने की मुख्य वजह पानी की सप्लाई बताई जा रही है, जो पाइप द्वारा लोगों के घर में पानी आता है उसकी वजह से यह बीमारी फैलने का अंदेशा है.
अभी गांव के 5 मरीजों को लालढांग पीएससी में एडमिट कराया गया है और 17 लोग हरिद्वार के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं. हरिद्वार सीएमओ द्वारा उन अस्पतालों का निरीक्षण भी किया गया है. इस महामारी को एक-दो दिन में कंट्रोल कर लेंगे.
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अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त कर पाता है क्योंकि कई बार गांव के लोगों द्वारा प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद भी अब तक स्वास्थ्य सुविधाएं इस गांव में ठीक नहीं हो सकी हैं.