हरिद्वार: धर्म नगरी हरिद्वार में अवैध धार्मिक स्थलों को हटाए जाने के लिये अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है. जिसको लेकर हरिद्वार कांग्रेस के विधायकों ने जिला अधिकारी विनय शंकर पांडे और एसएसपी अजय सिंह से उनके कार्यालय पर मुलाकात की. इस दौरान कांग्रेस के पांचों विधायकों ने प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाने के अभियान का विरोध किया. करीब 15 मिनट चली बैठक के बाद पांचों विधायक नाराज होकर बाहर आए और डीएम एसएसपी पर आरोप लगाने लगे.
बैठक का किया बहिष्कार: हरिद्वार के ज्वालापुर के विधायक रवि बहादुर ने बताया कि हमारी जिला अधिकारी से पहले ही इस विषय को लेकर फोन पर बातचीत हुई. जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे द्वारा अभी किसी भी धार्मिक स्थल पर कार्रवाई नहीं की जाएगी. लेकिन उसके बावजूद भी मनमाने ढंग से धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की गई. इसी के साथ बैठक में भी जिलाधिकारी ने सही तर्क पेश नहीं किए और अपनी बात से पलटते हुए नजर आए. जिसको लेकर हमने बैठक का बहिष्कार किया है.
विधायक हुए नाराज: वहीं हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट की विधायक अनुपमा रावत ने कहा कि पौराणिक धार्मिक स्थलों को प्रशासन द्वारा हटाए जाने का अभियान चलाया जा रहा है. जिसको लेकर कहा गया था कि मंगलवार तक कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी. उसके बावजूद लोगों की आस्था से खिलवाड़ करते हुए मनमाने ढंग से प्रशासन ने कार्रवाई की. कलियर के विधायक फुरकान अहमद ने कहा कि बैठक में जिस तरह का जिलाधिकारी का बर्ताव रहा है, ये उनको शोभा नहीं देता. एक तो समय से पहले धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की गई और उसके बाद भी धमकी भरे अंदाज में वार्तालाप कर रहे हैं.
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क्यों हटाया समय से पहले अतिक्रमण: वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि वार्तालाप सही दिशा में चल रहा था. लेकिन बाहर जाकर किस बात को लेकर कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने हंगामा किया है, यह जानकारी उन्हें नहीं है. वहीं हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि धार्मिक स्थलों को लेकर इंटेलिजेंस की तरफ से लगातार रिपोर्टिंग की जा रही थी. जिसमें कुछ अराजक तत्व हरिद्वार का माहौल बिगाड़ने की तैयारी कर रहे थे. इसी को देखते हुए हमने समय रहते ही अतिक्रमण को हटाया.