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हरिद्वार: धर्मनगरी में लगातार बढ़ रही भिक्षुकों की संख्या, चलेगा अभियान - haridwar beggar news

हरिद्वार में हरकी पौड़ी समेत तमाम तीर्थ स्थलों पर भिक्षुकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पुलिस प्रशासन से मिले आंकड़ों के मुताबिक हरिद्वार में भिक्षुकों की संख्या करीब तीन हजार है. पुलिस जल्द ही नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर भिक्षुकों को हटाने का अभियान शुरू करेगी.

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Published : Jun 5, 2022, 5:33 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में हर की पौड़ी समेत तमाम तीर्थ स्थलों पर भिक्षुकों की बढ़ती संख्या परेशानी का सबब बनती जा रही है. आए दिन भिक्षुकों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. तीर्थनगरी होने के नाते हरिद्वार में भिक्षुकों की संख्या बढ़ती जा रही है. ये कौन लोग हैं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. गंगा घाटों पर रहने वाले इन भिक्षुकों के वेश में कई लोग अवैध नशा, टप्पेबाजी और चोरी जैसे संगीन अपराधों में संलिप्त हैं. आए दिन इनके द्वारा दान पुण्य करने आए श्रद्धालुओं को परेशान भी किया जाता है.

पुलिस प्रशासन की ओर से भिक्षुकों पर कार्रवाई का दावा तो किया जाता है. लेकिन गंगा घाटों पर भिक्षुकों का जमावड़ा उन तमाम दावों को फेल साबित कर रहा है. हरिद्वार के एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि जल्द ही नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर भिक्षुकों को हटाने का अभियान शुरू किया जाएगा.

धर्मनगरी में लगातार बढ़ रही भिक्षुकों की संख्या.

हर की पौड़ी की देखरेख करने वाली संस्था श्री गंगा सभा ने भिक्षुकों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल की है. श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों ने भिक्षावृत्ति करने वाले छोटे बच्चों पढ़ाने की योजना पर काम किया जा रहा है. गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ बताते है कि भिक्षावृत्ति करने वाले छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अधिकारियों से उनकी बातचीत हुई है. जल्द ही आयोग के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक होने वाली है. बैठक में इस योजना को धरातल पर उतारने पर चर्चा की जाएगी.
पढ़ें- 'आश्रम-3' वेब सीरीज विवाद: हरिद्वार में साधु-संतों ने खोला मोर्चा, कहा- नहीं होने देंगे साधुओं की छवि धूमिल

हाईकोर्ट भी दे चुका है आदेश: नैनीताल हाईकोर्ट भी जिला प्रशासन को हरकी पैड़ी को भिक्षुक मुक्त कराने का आदेश दे चुका है. बावजूद इसके लगातार धर्मनगरी में भिक्षुकों की संख्या बढ़ती जा रही हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक हरिद्वार के तीर्थ स्थलों पर वर्तमान में भिक्षुकों की संख्या करीब 3 हजार है.

इसलिए बढ़ी भिक्षुकों की संख्या: जिला प्रशासन का कहना है कि कोरोना से पहले हरिद्वार में भिक्षुकों की संख्या करीब 700 के करीब थी. लेकिन लॉकडाउन में हरिद्वार में लंगरों के चलने से आसपास के तीर्थ स्थलों के भिक्षुक भी हरिद्वार में ही आ गए हैं.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में हर की पौड़ी समेत तमाम तीर्थ स्थलों पर भिक्षुकों की बढ़ती संख्या परेशानी का सबब बनती जा रही है. आए दिन भिक्षुकों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. तीर्थनगरी होने के नाते हरिद्वार में भिक्षुकों की संख्या बढ़ती जा रही है. ये कौन लोग हैं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. गंगा घाटों पर रहने वाले इन भिक्षुकों के वेश में कई लोग अवैध नशा, टप्पेबाजी और चोरी जैसे संगीन अपराधों में संलिप्त हैं. आए दिन इनके द्वारा दान पुण्य करने आए श्रद्धालुओं को परेशान भी किया जाता है.

पुलिस प्रशासन की ओर से भिक्षुकों पर कार्रवाई का दावा तो किया जाता है. लेकिन गंगा घाटों पर भिक्षुकों का जमावड़ा उन तमाम दावों को फेल साबित कर रहा है. हरिद्वार के एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि जल्द ही नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर भिक्षुकों को हटाने का अभियान शुरू किया जाएगा.

धर्मनगरी में लगातार बढ़ रही भिक्षुकों की संख्या.

हर की पौड़ी की देखरेख करने वाली संस्था श्री गंगा सभा ने भिक्षुकों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल की है. श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों ने भिक्षावृत्ति करने वाले छोटे बच्चों पढ़ाने की योजना पर काम किया जा रहा है. गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ बताते है कि भिक्षावृत्ति करने वाले छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अधिकारियों से उनकी बातचीत हुई है. जल्द ही आयोग के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक होने वाली है. बैठक में इस योजना को धरातल पर उतारने पर चर्चा की जाएगी.
पढ़ें- 'आश्रम-3' वेब सीरीज विवाद: हरिद्वार में साधु-संतों ने खोला मोर्चा, कहा- नहीं होने देंगे साधुओं की छवि धूमिल

हाईकोर्ट भी दे चुका है आदेश: नैनीताल हाईकोर्ट भी जिला प्रशासन को हरकी पैड़ी को भिक्षुक मुक्त कराने का आदेश दे चुका है. बावजूद इसके लगातार धर्मनगरी में भिक्षुकों की संख्या बढ़ती जा रही हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक हरिद्वार के तीर्थ स्थलों पर वर्तमान में भिक्षुकों की संख्या करीब 3 हजार है.

इसलिए बढ़ी भिक्षुकों की संख्या: जिला प्रशासन का कहना है कि कोरोना से पहले हरिद्वार में भिक्षुकों की संख्या करीब 700 के करीब थी. लेकिन लॉकडाउन में हरिद्वार में लंगरों के चलने से आसपास के तीर्थ स्थलों के भिक्षुक भी हरिद्वार में ही आ गए हैं.

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