लक्सर: प्रशासन द्वारा गंगा के टूटे तटबंध की पांच वर्षों बाद भी सुध नहीं ली जा रही है. वहीं खनन कारोबारियों द्वारा यहां ह्यूम पाइप डालकर गंगा की धारा को ही मोड़ दिया गया है. लेकिन प्रशासन व सिंचाई विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. गंगा नदी पर बना तटबंध बालावाली से लेकर रामसहायवाला तक तीन जगह से ध्वस्त पड़ा है, जिसकी पांच वर्षों से कोई सुध नहीं ले रहा है.
बरसात के दिनों में गंगा नदी के उफान पर आने के बाद प्रशासन व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को तटबंध की मरम्मत की याद आती है. बरसात के दिनों में तटबंध की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिये गये. बरसात के बाद न तो प्रशासन और ना ही सिंचाई विभाग को टूटे तटबंध की मरम्मत की याद आई. गंगा नदी पर बना तटबंध पांच वर्ष पूर्व तीन स्थानों से टूटा पड़ा है, जिसकी आज तक मरम्मत नहीं हो पाई है.
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वहीं टूटे तंटबध के पास कलसिया गांव के निकट खनन कारोबारियों ने गंगा नदी की एक धारा में ह्यूम पाइप डालकर कच्चा पुल बना दिया है और गंगा से अवैध खनन कर इसी रास्ते खनन ढुलाई शुरू कर दी. फिलहाल इस धारा में बहुत कम पानी आ रहा है. लेकिन आशंका जताई जा रही है कि गंगा की धारा में पाइप डालने से कलसिया गांव में बाढ़ की स्थिति बन सकती है. लेकिन प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है. एसडीएम वैभव गुप्ता ने कहा कि कुछ खनन पट्टों का सीमांकन हुआ है, कार्रवाई चल रही है. मामला जानकारी में नहीं था. मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.