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दो दिन से धधक रहा मनसा देवी का जंगल, वन विभाग सो रहा चैन की नींद - हरिद्वार न्यूज

मनसा देवी की पहाड़ी के जंगल पिछले दो दिन से धधक रहे हैं, लेकिन वन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

Forest fire case in Haridwar
धधक रही मनसा देवी की पहाड़ियां
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Published : Apr 21, 2021, 7:03 PM IST

हरिद्वार: राजाजी नेशनल पार्क के अंतर्गत आने वाली मनसा देवी की पहाड़ी का जंगल पिछले दो दिन से धधक रहा है. लेकिन वन विभाग है कि इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है. वन विभाग का ये शिथिल रवैया तब है, जब वन मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक साफ कर चुके हैं कि वनाग्नि को बुझाने के लिए तत्काल प्रभाव से काम किया जाए. लेकिन विभाग को मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के आदेशों से शायद कोई फर्क ही नहीं पड़ता है.

उत्तराखंड में हर साल 15 फरवरी से लेकर 15 जून तक फायर सीजन घोषित किया जाता है. इस दौरान जंगलों में आग लगने की घटनाएं सबसे ज्यादा बढ़ती हैं. फायर सीजन में आग की घटनाओं पर काबू करने के लिए सरकार की तरफ से हर साल करोड़ों रुपए का बजट तैयार किया जाता है. जिसका इस्तेमाल भी होता है, लेकिन ये अलग बात है कि जमीन स्तर पर उसका कोई असर नहीं दिखाता है. यही कारण है कि हर साल कई हजार हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो जाते हैं.

पढ़ें- हरिद्वार: डंपिंग जोन में लगी भीषण आग, मौके पर पहुंचे फायर बिग्रेड के वाहन

हरिद्वार में भी इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है. मनसा देवी की पहाड़ी का जंगल पिछले दो दिन से धधक रहा है. लेकिन वन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वन विभाग शायद आग के विकराल होने का इंतजार कर रहा है. तभी वो कोई कदम उठाएगा. स्थानीय लोगों की मानें तो पहाड़ियों पर लगी आग का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. लेकिन वन विभाग ने आग बुझाने का कोई प्रयास नहीं किया है. पहाड़ियों पर लगी आग की वजह से वन्यजीवों का जीवन भी संकट में है. पहाड़ियों पर लगी आग के कारण धुएं का गुबार दूर से ही दिख रहा है.

हरिद्वार: राजाजी नेशनल पार्क के अंतर्गत आने वाली मनसा देवी की पहाड़ी का जंगल पिछले दो दिन से धधक रहा है. लेकिन वन विभाग है कि इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है. वन विभाग का ये शिथिल रवैया तब है, जब वन मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक साफ कर चुके हैं कि वनाग्नि को बुझाने के लिए तत्काल प्रभाव से काम किया जाए. लेकिन विभाग को मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के आदेशों से शायद कोई फर्क ही नहीं पड़ता है.

उत्तराखंड में हर साल 15 फरवरी से लेकर 15 जून तक फायर सीजन घोषित किया जाता है. इस दौरान जंगलों में आग लगने की घटनाएं सबसे ज्यादा बढ़ती हैं. फायर सीजन में आग की घटनाओं पर काबू करने के लिए सरकार की तरफ से हर साल करोड़ों रुपए का बजट तैयार किया जाता है. जिसका इस्तेमाल भी होता है, लेकिन ये अलग बात है कि जमीन स्तर पर उसका कोई असर नहीं दिखाता है. यही कारण है कि हर साल कई हजार हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो जाते हैं.

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हरिद्वार में भी इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है. मनसा देवी की पहाड़ी का जंगल पिछले दो दिन से धधक रहा है. लेकिन वन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वन विभाग शायद आग के विकराल होने का इंतजार कर रहा है. तभी वो कोई कदम उठाएगा. स्थानीय लोगों की मानें तो पहाड़ियों पर लगी आग का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. लेकिन वन विभाग ने आग बुझाने का कोई प्रयास नहीं किया है. पहाड़ियों पर लगी आग की वजह से वन्यजीवों का जीवन भी संकट में है. पहाड़ियों पर लगी आग के कारण धुएं का गुबार दूर से ही दिख रहा है.

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