हरिद्वार: देर रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर हरिद्वार के वरिष्ठ भाजपा नेताओं की एक बैठक बुलाई. जिसमें वे खुद किसी कारणवश नहीं पहुंच पाये. जिसके बाद उनके बेटे आयुष कौशिक ने पूरी बैठक का नेतृत्व किया. उन्होंने 2022 चुनाव को लेकर कई रणनीतियां भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बनाई. इसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि मदन कौशिक इस बार अपने बेटे को हरिद्वार विधानसभा सीट से लड़ाने के मूड में नजर आ रहे हैं.
बैठक में सम्मिलित हुए भाजपा नेता विशाल गर्ग ने बताया की बैठक प्रदेश अध्यक्ष मदन कोशिक के सोशल मीडिया को लेकर रखी गई थी. जिसमें किसी कारणवश प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक नहीं पहुंच पाए. जिसके बाद उनके बेटे ने उस बैठक को लिया. बैठक में कई तरह की रणनीति के साथ ही 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई. साथ ही उनके सोशल मीडिया पेज को किस तरह और बेहतर किया जाए, इसके लिए सुझाव भी मांगे गए.
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इस बात को खुद बीजेपी नेता विशाल गर्ग ने माना कि ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि मदन कौशिक के बेटे आयुष कौशिक ने कोई बैठक ली हो. ये पहली बार है जब वह इस तरह किसी बैठक में शामिल हुए हो. इस घटनाक्रम के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. कयास लगाये जा रहे हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में मदन कौशिक अपने बेटे आयुष को मौका दे सकते हैं.
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मदन कौशिक का सियासी सफर: बता दें मदन कौशिक चार बार के विधायक रह चुके हैं. वे दो बार मंत्री भी रहे हैं. 2012 के दौर में नेतृत्व परिवर्तन के बाद भी वे अपना मंत्री पद बचाने में सफल रहे थे. प्रदेश भाजपा में कौशिक पहले ऐसे अध्यक्ष होंगे, जो मैदानी क्षेत्र से हैं. मदन कौशिक साल 2000 में भाजपा जिला महामंत्री और जिला अध्यक्ष हरिद्वार रहे. साल 2002 में पहली बार उन्होंने विधायक का चुनाव जीता.
2002 से 2004 तक विधानसभा में सार्वजनिक उपक्रम व निगम समिति के सदस्य रहे. 2004 से 2007 तक कौशिक विधानसभा में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे. 2007 में हरिद्वार विधानसभा क्षेत्र से वे फिर विधायक चुने गए. 2007 से 2012 तक वे प्रदेश सरकार में मंत्री रहे. 2012 में प्रदेश भाजपा में उपाध्यक्ष बने.
2012 में तीसरी बार विधायक चुने गए. 2012 से 2017 तक विधानमंडल के उप नेता प्रतिपक्ष रहे. 2017 में चौथी बार विधायक बने और मंत्री पद मिला. कौशिक साल 2017 में चौथी बार हरिद्वार से विधायक चुने. वे सरकार में मंत्री बने. वे त्रिवेंद्र सरकार में शासकीय प्रवक्ता भी थे. वहीं, अब उन्हें भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी दी है.