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गंगा में बैठकर हुक्का पी रहे लोग, खुलेआम उड़ रही NGT के नियमों की धज्जियां

गंगा घाटों पर खुलेआम नशे का व्यापार चल रहा है. घाटों पर नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं. गंगा के पवित्र जल से वाहनों और मोटरसाइकिलों को धोया जा रहा है. गंगा के अंदर बैठकर खुलेआम हुक्का और चिलम फूंकी जा रही हैं. लोगों को ना तो धर्म का डर दिख रहा है और ना ही कानून का.

गंगा घाटों पर फलफूल रहा नशे का करोबार
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Published : Jun 19, 2019, 12:11 AM IST

Updated : Jun 19, 2019, 11:34 AM IST

हरिद्वार: पतित-पावनी मां गंगा अब सिर्फ मानवों के पाप नहीं बल्कि वाहनों के भी पाप धोने लगी हैं. गंगा घाट अब पूजा-अर्चना के लिए नहीं बल्कि शराब, चरस और गांजा बेचने की जगह बन गये हैं. आस्था की यह धर्मनगरी अब पिकनिक स्पॉट हो गई है. प्रशासन और पुलिस भी खुली आंखों से यह सब होता देख रही है, जैसे मानों गंगा में हो रहे इस पाप को रोकने की जिम्मेदारी उनकी नहीं बल्कि स्वयं गंगाधारी भगवान शिव की हो.

खुलेआम उड़ रही NGT के नियमों की धज्जियां

धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों मां गंगा का खुलेआम अपमान हो रहा है. अपने पाप धोने के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से गंगा में स्नान करने आते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो गंगा में आकर इसकी मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं. जहां हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने यहां आते हैं. लेकिन इन दिनों हरिद्वार में आस्था के साथ निर्लजता के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. जिसकी बानगी ईटीवी भारत के कैमरे ने की है.

पढ़ें- ऋषिकेश में आयोजित होगा भव्य शिविर, मां गंगा के किनारे लोग करेंगे योग

गंगा के पवित्र जल से वाहनों और मोटरसाइकिलों को धोया जा रहा है. गंगा के अंदर बैठकर खुलेआम हुक्का और चिलम फूंकी जा रही हैं. लोगों को ना तो धर्म का डर दिख रहा है और ना ही कानून का.

स्थानीय सूत्रों से मिली खबर पर जब ईटीवी संवाददाता सामाजिक संस्थाओं के साथ गंगा घाटों का जायजा लेने जाते हैं तो जो तस्वीर दिखाई देती है, वो बेहद हैरान करने वाली थी. गंगा घाटों पर खुलेआम नशे का व्यापार चल रहा है. घाटों में नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं. आलम यह था कि कुछ लोग गंगा के अंदर उतरकर नशा कर रहे थे. वहीं कुछ लोग गंगा में वाहनों को ऐसे धो रहे थे मानों यह मां गंगा नहीं कोई नाला हो.

नगर निगम हरिद्वार के बायलॉज के अनुसार हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र पूर्ण रूप से ड्राई एरिया है. जहां किसी भी तरीके का नशीला पदार्थ बेचना प्रतिबंधित है. लेकिन हरिद्वार के गंगा घाटों पर खुलेआम नशा बिकता और होता दिख रहा है.

एनजीटी के आदेश अनुसार गंगा में वाहन धोना कानूनी अपराध है. जिसके लिए व्यक्ति को 5 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. लेकिन यह सारे नियम हरिद्वार में आकर कहीं गुम हो जाते हैं. गंगा घाट हुक्का बार और नशा करने का अड्डा बनकर रह गया है. वहीं जिम्मेदार प्रशासन गहरी नींद सो रहा है.

जब नींद से जगाकर इन मामलों की जानकारी पुलिस को दी गई तो मौके पर पहुंची पुलिस का रवैया भी असंतोष जनक ही रहा. अब सवाल है कि आखिर कब तक धर्मनगरी हरिद्वार में मां गंगा का अपमान होता रहेगा. खुलेआम गंगा में आखिर नशे का गोरखधंधा कब तक फल-फूलता रहेगा और प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया रहेगा.

हरिद्वार: पतित-पावनी मां गंगा अब सिर्फ मानवों के पाप नहीं बल्कि वाहनों के भी पाप धोने लगी हैं. गंगा घाट अब पूजा-अर्चना के लिए नहीं बल्कि शराब, चरस और गांजा बेचने की जगह बन गये हैं. आस्था की यह धर्मनगरी अब पिकनिक स्पॉट हो गई है. प्रशासन और पुलिस भी खुली आंखों से यह सब होता देख रही है, जैसे मानों गंगा में हो रहे इस पाप को रोकने की जिम्मेदारी उनकी नहीं बल्कि स्वयं गंगाधारी भगवान शिव की हो.

खुलेआम उड़ रही NGT के नियमों की धज्जियां

धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों मां गंगा का खुलेआम अपमान हो रहा है. अपने पाप धोने के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से गंगा में स्नान करने आते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो गंगा में आकर इसकी मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं. जहां हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने यहां आते हैं. लेकिन इन दिनों हरिद्वार में आस्था के साथ निर्लजता के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. जिसकी बानगी ईटीवी भारत के कैमरे ने की है.

पढ़ें- ऋषिकेश में आयोजित होगा भव्य शिविर, मां गंगा के किनारे लोग करेंगे योग

गंगा के पवित्र जल से वाहनों और मोटरसाइकिलों को धोया जा रहा है. गंगा के अंदर बैठकर खुलेआम हुक्का और चिलम फूंकी जा रही हैं. लोगों को ना तो धर्म का डर दिख रहा है और ना ही कानून का.

स्थानीय सूत्रों से मिली खबर पर जब ईटीवी संवाददाता सामाजिक संस्थाओं के साथ गंगा घाटों का जायजा लेने जाते हैं तो जो तस्वीर दिखाई देती है, वो बेहद हैरान करने वाली थी. गंगा घाटों पर खुलेआम नशे का व्यापार चल रहा है. घाटों में नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं. आलम यह था कि कुछ लोग गंगा के अंदर उतरकर नशा कर रहे थे. वहीं कुछ लोग गंगा में वाहनों को ऐसे धो रहे थे मानों यह मां गंगा नहीं कोई नाला हो.

नगर निगम हरिद्वार के बायलॉज के अनुसार हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र पूर्ण रूप से ड्राई एरिया है. जहां किसी भी तरीके का नशीला पदार्थ बेचना प्रतिबंधित है. लेकिन हरिद्वार के गंगा घाटों पर खुलेआम नशा बिकता और होता दिख रहा है.

एनजीटी के आदेश अनुसार गंगा में वाहन धोना कानूनी अपराध है. जिसके लिए व्यक्ति को 5 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. लेकिन यह सारे नियम हरिद्वार में आकर कहीं गुम हो जाते हैं. गंगा घाट हुक्का बार और नशा करने का अड्डा बनकर रह गया है. वहीं जिम्मेदार प्रशासन गहरी नींद सो रहा है.

जब नींद से जगाकर इन मामलों की जानकारी पुलिस को दी गई तो मौके पर पहुंची पुलिस का रवैया भी असंतोष जनक ही रहा. अब सवाल है कि आखिर कब तक धर्मनगरी हरिद्वार में मां गंगा का अपमान होता रहेगा. खुलेआम गंगा में आखिर नशे का गोरखधंधा कब तक फल-फूलता रहेगा और प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया रहेगा.

Intro:summary- धर्मनगरी हरिद्वार में खुलेआम हो रहा है मां गंगा का अपमान, गंगा के में बैठकर लोग फूंक रहे है चिमल और हुक्का, पवित्र गंगाजल जल से धो रहे हैं वाहन, खुले आम आस्था खिलवाड़ लेकिन प्रसासन की आंखे बंद।

एंकर- गंगानगरी के नाम से भी जाना जाने वाले धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों मां गंगा का खुले आम अपमान हो रहा है, हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा प्राप्त है, ऐसा माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पास धुल जाते हैं, लेकिन हरिद्वार में आजकल लोग गंगा में बैठकर ही पाप कर रहे है, हरिद्वार में रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं लेकिन आस्था की डुबकी लगाने के साथ इन दिनों हरिद्वार में आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है। ईटीवी भारत के कैमरे में ऐसी एक्सक्लूसिव तस्वीरें कैद हुई है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से गंगा के पवित्र जल से वाहन, मोटरसाइकिल धुले जा रहे है और गंगा के अंदर बैठ कर और गंगा घाटों पर लोग खुलेआम हुक्का और चिलम फूंक रहे है। ना तो किसी को धर्म का डर है ना ही प्रशासन और कानून का।


Body:VO1- धर्मनगरी हरिद्वार जैसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र 8 स्थानों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है वहाँ इनदिनों जमकर अधर्म हो रहा है, आलम यह है कि गंगा घाट ही नहीं बल्कि गंगा के अंदर बैठ कर लोग नशा करते दिख रहे है, गंगा जल जिसे पवित्र आध्यात्मिक कार्यों में प्रयोग में लाया जाता है उससे लोग अपने गंदे वाहन साफ कर रहे है, स्थानीय सूत्रों से मिली खबर पर गंग ज्योति सेवा मिशन के संस्थापक सदस्य भव्य नारायण, बिंग भागीरथ के संस्थापक एवं गंगा एक्टिविस्ट शिखर पालीवाल, समाज सेवी आर्यन उपाध्याय के साथ ईटीवी भारत संवाददाता विवेक पाण्डेय हरिद्वार घाटों पर चल रहे इस काले काम का जायजा लेने हरिद्वार के कुछ स्थानीय सामाजिक संगठनों के साथ हरिद्वार गंगा घाटों पर पहुंचे तो जो हमने देखा वह बहुत ही चिंताजनक और हैरान करने वाला था। घाटों पर खुलेआम नशे व्यापार चल रहा है, खुलेआम घाटों के आसपास नशीले पदार्थ बिक रहे हैं, यही नहीं हालत इतनी खराब है कि लोग गंगा के अंदर उतर कर नशा करते दिख रहे है, साथ ही गंगा जल में वाहन धोने वाले लोगों का तो मानो हुजूम सा लगा हुआ है।

VO1- नगर निगम हरिद्वार के बायलॉज के अनुसार हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र पूर्ण रूप से ड्राई एरिया है जहां किसी भी तरीके का नशा बेचना और खुले में करना पूर्णरूप से प्रतिबंधित है, लेकिन हरिद्वार के गंगा घाटों पर खुलेआम नशा चल रहा है, एनजीटी के आदेश अनुसार गंगा जल में वाहन धोना कानूनी अपराध है जिसके लिए व्यक्ति को 5 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, लेकिन यह सारे नियम हरिद्वार में ताक पर रख कर लोग गंगा का सरेआम अपमान कर रहे है, गंगा घाट हुक्का बार और नशा करने का अड्डा बन कर रह गया है, और किस प्रशासन के ऊपर इस बात की जिम्मेदारी है कि वह धर्मनगरी की अस्मिता को बचा कर रखें वह इन दिनों गहरी नींद में है, आज हमारी ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान जब हम ने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी मौके पर पुलिस पहुंची तो जरूर लेकिन जिस तरह की कड़ी करवाई करने की आवश्यकता है वह ना हो सकी, ऐसे में सवाल बड़ा है कि आखिर कब तक धर्मनगरी हरिद्वार में मां गंगा का अपमान होता रहेगा, कबतक खुलेआम गंगा में नशे का गोरख धंधा चलेगा और कब तक प्रशासन इन सब बातों से अनजान होकर गहरी नींद में सोता रहेगा।


Conclusion:बाइट- भव्य नारायण, संस्थापक सदस्य, गंग ज्योति सेवा मिशन

बाइट- शिखर पालीवाल, संस्थापक एवं गंगा एक्टिविस्ट, बिंग भागीरथ

बाइट- आर्यन उपाध्याय, समाज सेवी, हरिद्वार

ग्राउंड रिपोर्ट
Last Updated : Jun 19, 2019, 11:34 AM IST
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