ETV Bharat / state

कुकर्म मामले में विनोद आर्य की गिरफ्तारी में फंसा पेंच, पीड़ित के बयान में विरोधाभास!

author img

By

Published : Dec 15, 2022, 8:08 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 8:17 PM IST

विनोद आर्य कुकर्म मामले (Vinod Arya misdemeanor case) में पीड़ित के सुर नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं. दूसरी तरफ, कोर्ट में दिए गए बयानों को लेकर पुलिस अधिकारी भी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं. जिसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री विनोद आर्य की गिरफ्तारी में पेंच फंस सकता है.

Etv Bharat
विनोद आर्य की गिरफ्तारी मामले में फंसा पेंच

हरिद्वार: ड्राइवर के साथ कुकर्म (Vinod Arya misdemeanor case) के प्रयास के आरोप में फंसे भाजपा सरकार से निष्कासित पूर्व दर्जाधारी (Former minister of BJP Vinod Arya) की गिरफ्तारी में पेंच फंसता नजर आ रहा है. ये भी कह सकते हैं कि गिरफ्तारी फिलहाल टल गई है. पुलिस ने कोर्ट से पीड़ित के बयानों की कॉपी हासिल कर ली है. इसे विवेचना में शामिल करते हुए बयानों का परीक्षण करने की बात भी कही जा रही है. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जितनी तेजी से आरोपी विनोद आर्य को हिरासत में लिया गया था और पीड़ित को कोर्ट में पेश किया था, वैसी तेजी मामले में नजर नहीं आ रही है.

मामले में पीड़ित के सुर भी नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं. दूसरी तरफ, कोर्ट में दिए गए बयानों को लेकर पुलिस अधिकारी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है. अलबत्ता युवक के बयानों में झोल आने की चर्चाएं हो रही हैं. जिससे यह लग रहा है कि फिलहाल विनोद आर्य की गिरफ्तारी नहीं होगी. भाजपा से निष्कासित पूर्व दर्जाधारी डॉ विनोद आर्य की गिरफ्तारी पुलिस गुरुवार को भी नहीं कर पाई.

सूत्र बताते हैं कि कोर्ट के अंदर जाकर उसके बयानों में काफी झोल नजर आया. अब पहले पुलिस इस मामले की गहराई तक जाकर छानबीन करेगी. आरोपों के संबंध में कहीं कोई मजबूत सबूत हाथ लगता है तो गिरफ्तारी हो सकती है, अन्यथा मामला ठंडे बस्ते में जाना तय है. यह मामला राजनीतिक हल्कों की सुर्खियां बना हुआ है. खासतौर पर अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग करने वाले कई क्षेत्रीय संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले पर नजर बनाए हुए है.

पढ़ें- ड्राइवर ने पुलकित के पिता विनोद आर्य का खोला काला चिट्ठा, कोर्ट में दर्ज कराया बयान

यह था पूरा मामला: छुटमलपुर सहारनपुर निवासी युवक ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि पूर्व दर्जाधारी विनोद आर्य ने उसे ड्राइवर की नौकरी पर रखा था. युवक का आरोप है कि विनोद आर्य (Former minister of BJP Vinod Arya) ने कई उससे तेल मालिश कराई और अश्लील हरकत की. इतना ही नहीं, कुकर्म के प्रयास का आरोप भी युवक ने लगाया था. युवक का कहना था कि विनोद आर्य ने बाइक पर तीन युवकों को छुटमलपुर भेजकर उसका एक्सीडेंट भी कराया. जान का खतरा जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी. पुलिस ने केस दर्ज करने में देर नहीं किया, लेकिन सीआरपीसी की धारा 164 के बयान दर्ज कराने के दौरान युवक ने कोर्ट में अजीब हरकतें की. उसकी कहानी भी पहले से ही झोल नजर आ रहा था. जज के सामने जाकर सिर दर्द का बहाना बनाने से पुलिस भी हैरान रह गई.

पढ़ें- विनोद आर्य कुकर्म मामले में नया मोड़, परिजन ड्राइवर पर लगा रहे ब्लैकमेल का आरोप

बयान से पलटा तो हो सकता है मुकदमा: पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खुद को पीड़ित बताने का प्रयास करने वाला अगर कोर्ट के समक्ष अपने बयानों से मुकरता है तो एक सामाजिक छवि के व्यक्ति के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखवाने के मामले में पुलिस भी आरोपी युवक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सकती है.

एसएसपी अजय सिंह ने बताया धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए पीड़ित के बयान की कॉपी प्राप्त कर ली गई है. जिसको विवेचना में सम्मिलित किया गया है. प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए युवक के पुलिस और न्यायालय में दिए गए बयानों का परीक्षण करने और अन्य साक्ष्य को सम्मिलित करने और विधिसम्मत कार्यवाही के निर्देश विवेचक को दिए गए हैं.

हरिद्वार: ड्राइवर के साथ कुकर्म (Vinod Arya misdemeanor case) के प्रयास के आरोप में फंसे भाजपा सरकार से निष्कासित पूर्व दर्जाधारी (Former minister of BJP Vinod Arya) की गिरफ्तारी में पेंच फंसता नजर आ रहा है. ये भी कह सकते हैं कि गिरफ्तारी फिलहाल टल गई है. पुलिस ने कोर्ट से पीड़ित के बयानों की कॉपी हासिल कर ली है. इसे विवेचना में शामिल करते हुए बयानों का परीक्षण करने की बात भी कही जा रही है. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जितनी तेजी से आरोपी विनोद आर्य को हिरासत में लिया गया था और पीड़ित को कोर्ट में पेश किया था, वैसी तेजी मामले में नजर नहीं आ रही है.

मामले में पीड़ित के सुर भी नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं. दूसरी तरफ, कोर्ट में दिए गए बयानों को लेकर पुलिस अधिकारी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है. अलबत्ता युवक के बयानों में झोल आने की चर्चाएं हो रही हैं. जिससे यह लग रहा है कि फिलहाल विनोद आर्य की गिरफ्तारी नहीं होगी. भाजपा से निष्कासित पूर्व दर्जाधारी डॉ विनोद आर्य की गिरफ्तारी पुलिस गुरुवार को भी नहीं कर पाई.

सूत्र बताते हैं कि कोर्ट के अंदर जाकर उसके बयानों में काफी झोल नजर आया. अब पहले पुलिस इस मामले की गहराई तक जाकर छानबीन करेगी. आरोपों के संबंध में कहीं कोई मजबूत सबूत हाथ लगता है तो गिरफ्तारी हो सकती है, अन्यथा मामला ठंडे बस्ते में जाना तय है. यह मामला राजनीतिक हल्कों की सुर्खियां बना हुआ है. खासतौर पर अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग करने वाले कई क्षेत्रीय संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले पर नजर बनाए हुए है.

पढ़ें- ड्राइवर ने पुलकित के पिता विनोद आर्य का खोला काला चिट्ठा, कोर्ट में दर्ज कराया बयान

यह था पूरा मामला: छुटमलपुर सहारनपुर निवासी युवक ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि पूर्व दर्जाधारी विनोद आर्य ने उसे ड्राइवर की नौकरी पर रखा था. युवक का आरोप है कि विनोद आर्य (Former minister of BJP Vinod Arya) ने कई उससे तेल मालिश कराई और अश्लील हरकत की. इतना ही नहीं, कुकर्म के प्रयास का आरोप भी युवक ने लगाया था. युवक का कहना था कि विनोद आर्य ने बाइक पर तीन युवकों को छुटमलपुर भेजकर उसका एक्सीडेंट भी कराया. जान का खतरा जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी. पुलिस ने केस दर्ज करने में देर नहीं किया, लेकिन सीआरपीसी की धारा 164 के बयान दर्ज कराने के दौरान युवक ने कोर्ट में अजीब हरकतें की. उसकी कहानी भी पहले से ही झोल नजर आ रहा था. जज के सामने जाकर सिर दर्द का बहाना बनाने से पुलिस भी हैरान रह गई.

पढ़ें- विनोद आर्य कुकर्म मामले में नया मोड़, परिजन ड्राइवर पर लगा रहे ब्लैकमेल का आरोप

बयान से पलटा तो हो सकता है मुकदमा: पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खुद को पीड़ित बताने का प्रयास करने वाला अगर कोर्ट के समक्ष अपने बयानों से मुकरता है तो एक सामाजिक छवि के व्यक्ति के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखवाने के मामले में पुलिस भी आरोपी युवक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सकती है.

एसएसपी अजय सिंह ने बताया धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए पीड़ित के बयान की कॉपी प्राप्त कर ली गई है. जिसको विवेचना में सम्मिलित किया गया है. प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए युवक के पुलिस और न्यायालय में दिए गए बयानों का परीक्षण करने और अन्य साक्ष्य को सम्मिलित करने और विधिसम्मत कार्यवाही के निर्देश विवेचक को दिए गए हैं.

Last Updated : Dec 15, 2022, 8:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.