हरिद्वारः उत्तर प्रदेश और बिहार के हिंदी भाषी लोगों को लेकर डीएमके नेता दयानिधि मारन के विवादित बयान पर संत समाज ने नाराजगी जताई है. मामले में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दयानिधि को अहंकारी करार दिया है. उनका कहना है कि एक तरफ देश का प्रधानमंत्री साफ सफाई करने वाले लोगों के पैर धोते हैं तो वही दूसरी तरफ दयानिधि मारन इन लोगों के प्रति ऐसे मानसिकता रखते हैं, इससे उसकी मानसिक स्तर का पता चलता है.
-
I.N.D.I Alliance leader and DMK MP Dayanidhi Maran says Hindi speakers from UP and Bihar come and clean toilets in TN.
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Rahul Gandhi and Nitish Kumar must clarify, if this is the stated position of the Congress and JDU too.
I.N.D.I Alliance’s divisive agenda is out in full force… pic.twitter.com/i4wwLbYisW
">I.N.D.I Alliance leader and DMK MP Dayanidhi Maran says Hindi speakers from UP and Bihar come and clean toilets in TN.
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 24, 2023
Rahul Gandhi and Nitish Kumar must clarify, if this is the stated position of the Congress and JDU too.
I.N.D.I Alliance’s divisive agenda is out in full force… pic.twitter.com/i4wwLbYisWI.N.D.I Alliance leader and DMK MP Dayanidhi Maran says Hindi speakers from UP and Bihar come and clean toilets in TN.
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 24, 2023
Rahul Gandhi and Nitish Kumar must clarify, if this is the stated position of the Congress and JDU too.
I.N.D.I Alliance’s divisive agenda is out in full force… pic.twitter.com/i4wwLbYisW
जोशीमठ स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मंगलवार को हरिद्वार पहुंचे. अब वे आज यानी 27 दिसंबर से शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए प्रस्थान करेंगे. हरिद्वार पहुंचने पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि दयानिधि मारन के मानसिक स्तर का पता उनके बयान से चलता है. इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर कहा कि अगर राम जन्म दिवस पर ही मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होती तो ज्यादा अच्छा होता. कोई विशेष कारण रहा होगा, जो राम नवमी पास होते हुए भी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने विशेष कारण पूछे जाने पर कहा कि चुनाव नजदीक है, शायद आचार संहिता से पहले इस तिथि का चुनाव किया गया होगा. वहीं, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद शीतकालीन यात्रा के लिए उत्तराखंड के प्रवास पर हैं. बुधवार को गंगा पूजन करने के बाद शंकराचार्य शीतकालीन चारधाम यात्रा पर निकलेंगे. उन्होंने बताया कि उनकी यह यात्रा 7 दिन की होगी. इस यात्रा में जिस तरह के अनुभव उन्हें मिलेंगे, उसके बाद ही वे अनुभवों को साझा करेंगे. साथ ही कहा कि आने वाले समय में शीतकालीन यात्रा को लेकर लोगों को भी प्रेरित करेंगे.