रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने उत्तराखंड के उच्च शिक्षा संस्थानों और शहर से 200 किलोमीटर के दायरे में मौजूद पड़ोसी राज्यों के संस्थानों से मिलकर अनुसंधान, नवाचार और विकास में ज्ञान, सृजन एवं सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. शुक्रवार को संस्थान के सीनेट हाल में आयोजित कार्यक्रम में यह एमओयू साइन हुए.
आईआईटी रुड़की ने आसपास के शिक्षा संस्थानों एवं अनुसंधान संगठनों के साथ साझेदारी हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और आईआईटी रुड़की में उपलब्ध सभी तकनीकी सुविधाएं एवं शैक्षणिक संसाधनों को इन संस्थानों के लिए उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. अपनी स्थापना के 175 साल के समारोह के अवसर पर आईआईटी रुड़की द्वारा उत्तराखंड और 5 चयनित शिक्षण संस्थानों जैसे ग्राफिक एरा, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट, नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी तथा एनआईटी उत्तराखंड के साथ-साथ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की के साथ सहयोग के लिए प्रारंभिक ढांचा स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
आईआईटी रुड़की के डिप्टी डायरेक्टर अरुण कुमार ने बताया कि एमओयू होने के बाद आईआईटी रुड़की इन संस्थानों को तकनीकी व अनुसंधान नवाचार और विकास क्षेत्र में सहयोग करेगा तथा यहां के फैकल्टी इन संस्थानों में जाकर लेक्चर भी देंगे. इन संस्थानों के छात्र-छात्राएं भी यहां आकर संस्था के संसाधनों से अच्छी तकनीक का ज्ञान भी प्राप्त कर सकेंगे. इसके अलावा संयुक्त रूप से शोध पत्र भी जारी कर सकेंगे. फिलहाल यह समझौता 3 वर्ष के लिए किया गया है, इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है.
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स्वामी राम हिमालयन विवि के कुलपति विजय धस्माना ने इसे एक सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि इससे उनके संस्थान को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि अब चिकित्सा को और सुलभ व सस्ता बनाने के लिए डॉक्टर इंजीनियर मिलकर ऐसे उपकरणों का निर्माण करने की दिशा में काम करेंगे, जिससे लोगों को सस्ती चिकित्सा सुविधा मिल सके. उन्होंने बताया कि स्वामी राम हिमालयन विवि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करना चाहता है. इसलिए हमने गांव-गांव तक चिकित्सा सुविधा को पहुंचाने के लिए काम किया है.