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कोरोना से 'जंग': आईआईटी रुड़की ने ईजाद किया कोविड-19 ट्रेसर एप, बताएगा आपसे कितनी दूर है मरीज

कोविड-19 ट्रेसर एप को मोबाइल पर इंस्टॉल करके आप आसानी से आसपास के लोगों की हिस्ट्री पर नजर रख सकते हैं. अगर कोई क्वारंटीन नियमों का उल्लंघन कर रहा है तो उसे भी इससे ट्रैक किया जा सकेगा.

covid-19 tracer app
IIT रुड़की ने बनाया कोविड-19 ट्रेसर एप.
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Published : Apr 7, 2020, 8:16 AM IST

Updated : Apr 7, 2020, 4:57 PM IST

रुड़की: आईटीआई रुड़की के वैज्ञानिक ने कोरोना वायरस के मरीज का पता लगाने के लिए एक नई तकनीक विकसित की है. इस तकनीक से पुलिस और प्रशासन को काफी सहयोग मिलेगा. इस तकनीक के जरिए आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि कोरोना का संदिग्ध या संक्रमित मरीज आपसे कितनी दूर है.

आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. कमल जैन ने एक खास ट्रैकिंग मोबाइल एप्लिकेशन (एप) बनाया है. यह एप कोरोना के संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों को ट्रैक कर सकता है. मरीज के आसपास जियो फेंसिंग का निर्माण भी कर सकता है. इतना ही नहीं यदि मरीज जियो फेंसिंग का उल्लंघन करता तो एप के जरिए सिस्टम को अलर्ट किया जाता है.

यदि किसी वजह से जीपीएस डेटा प्राप्त नहीं होता है तो लोकेशन का पता स्वचालित रूप से मोबाइल टावरों के ट्राईन्ग्युलेशन से प्राप्त किया जा सकेगा. यदि किसी खास जगह पर इंटरनेट काम नहीं कर रहा है तो उस जगह का पता एसएमएस के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा. डिवाइस पर एसएमएस भेजकर व्यक्ति की जगह का पता किया जा सकता है.

IIT रुड़की ने बनाया कोविड-19 ट्रेसर एप.

पढ़ें-खुशखबरी: कोरोना के मरीजों को मिलेगी 'प्राण वायु', IIT रुड़की के वैज्ञानिकों ने बनाया पोर्टेबल वेंटिलेटर

यह एप क्वारंटाइन व्यक्तियों/जगहों की तस्वीरों को एक सर्वर पर जियो टैग इमेज अपलोड करने वाले एक गूगल मैप पर साझा करने की अनुमति देता है. इसके अलावा निगरानीकर्ता एक मैप पर सभी रिपोर्ट देख सकते हैं. यदि इसका उपयोग प्रभावित व्यक्ति के साथ किया जाता है तो यह एक खास अवधि के दौरान उसके आसपास के सभी लोगों का रिकॉर्ड/जानकारी प्रदान कर सकता है.

बता दे कि ट्रैकिंग सिस्टम कोविड-19 क्वारंटाइन प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने के अलावा निर्धारित एजेंसी को अलर्ट देकर किसी भी जगह पर भीड़-भाड़ को दूर करने में मदद करता है. संकट की इस घड़ी में सरकारी प्रयासों के पूरक के तौर पर यह आईआईटी का एक छोटा सा प्रयास है.

पढ़ें-CORONA EFFECT: तब्लीगी जमातियों से ताल्लुक रखने वाले इलाके किये जा रहे सील

सिविल इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी रुड़की के प्रो. कमल जैन ने बताया यह निगरानी प्रणाली एक प्लग एंड प्ले डिवाइस है. यह 2, 10 या 20 सेकंड के अंतराल पर सूचनाओं के माध्यम से +/- 5 मीटर तक की सटीकता के साथ ट्रैकिंग की अनुमति देता है. लाइव ट्रैकिंग के अलावा निगरानीकर्ता किसी व्यक्ति की पूरी मूवमेंट हिस्ट्री जान सकता है. डेटा के नुकसान की स्थिति में डिवाइस संबंधित टीम को अलर्ट भेजता है. एप की अन्य विशेषताओं में मल्टी-कैमरा सपोर्ट, सर्विलांस मैग्नेटिक डिवाइस, हाल्ट टाइम और प्रीसेट ऑटो कैमरा क्लिक शामिल हैं.

रुड़की: आईटीआई रुड़की के वैज्ञानिक ने कोरोना वायरस के मरीज का पता लगाने के लिए एक नई तकनीक विकसित की है. इस तकनीक से पुलिस और प्रशासन को काफी सहयोग मिलेगा. इस तकनीक के जरिए आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि कोरोना का संदिग्ध या संक्रमित मरीज आपसे कितनी दूर है.

आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. कमल जैन ने एक खास ट्रैकिंग मोबाइल एप्लिकेशन (एप) बनाया है. यह एप कोरोना के संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों को ट्रैक कर सकता है. मरीज के आसपास जियो फेंसिंग का निर्माण भी कर सकता है. इतना ही नहीं यदि मरीज जियो फेंसिंग का उल्लंघन करता तो एप के जरिए सिस्टम को अलर्ट किया जाता है.

यदि किसी वजह से जीपीएस डेटा प्राप्त नहीं होता है तो लोकेशन का पता स्वचालित रूप से मोबाइल टावरों के ट्राईन्ग्युलेशन से प्राप्त किया जा सकेगा. यदि किसी खास जगह पर इंटरनेट काम नहीं कर रहा है तो उस जगह का पता एसएमएस के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा. डिवाइस पर एसएमएस भेजकर व्यक्ति की जगह का पता किया जा सकता है.

IIT रुड़की ने बनाया कोविड-19 ट्रेसर एप.

पढ़ें-खुशखबरी: कोरोना के मरीजों को मिलेगी 'प्राण वायु', IIT रुड़की के वैज्ञानिकों ने बनाया पोर्टेबल वेंटिलेटर

यह एप क्वारंटाइन व्यक्तियों/जगहों की तस्वीरों को एक सर्वर पर जियो टैग इमेज अपलोड करने वाले एक गूगल मैप पर साझा करने की अनुमति देता है. इसके अलावा निगरानीकर्ता एक मैप पर सभी रिपोर्ट देख सकते हैं. यदि इसका उपयोग प्रभावित व्यक्ति के साथ किया जाता है तो यह एक खास अवधि के दौरान उसके आसपास के सभी लोगों का रिकॉर्ड/जानकारी प्रदान कर सकता है.

बता दे कि ट्रैकिंग सिस्टम कोविड-19 क्वारंटाइन प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने के अलावा निर्धारित एजेंसी को अलर्ट देकर किसी भी जगह पर भीड़-भाड़ को दूर करने में मदद करता है. संकट की इस घड़ी में सरकारी प्रयासों के पूरक के तौर पर यह आईआईटी का एक छोटा सा प्रयास है.

पढ़ें-CORONA EFFECT: तब्लीगी जमातियों से ताल्लुक रखने वाले इलाके किये जा रहे सील

सिविल इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी रुड़की के प्रो. कमल जैन ने बताया यह निगरानी प्रणाली एक प्लग एंड प्ले डिवाइस है. यह 2, 10 या 20 सेकंड के अंतराल पर सूचनाओं के माध्यम से +/- 5 मीटर तक की सटीकता के साथ ट्रैकिंग की अनुमति देता है. लाइव ट्रैकिंग के अलावा निगरानीकर्ता किसी व्यक्ति की पूरी मूवमेंट हिस्ट्री जान सकता है. डेटा के नुकसान की स्थिति में डिवाइस संबंधित टीम को अलर्ट भेजता है. एप की अन्य विशेषताओं में मल्टी-कैमरा सपोर्ट, सर्विलांस मैग्नेटिक डिवाइस, हाल्ट टाइम और प्रीसेट ऑटो कैमरा क्लिक शामिल हैं.

Last Updated : Apr 7, 2020, 4:57 PM IST
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