रुड़की: हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ के मद्देनजर उत्तराखंड के प्रवेश द्वार नारसन बॉर्डर पर बाहरी यात्रियों का एंटीजन टेस्ट करने और रिपोर्ट आने के बाद ही जिले प्रवेश दिया जा रहा है. लेकिन इसी बीच कुछ प्राइवेट स्वास्थ्य कर्मियों की एक बड़ी लापरवाही भी सामने आई है. कोविड टेस्ट में इस्तेमाल सामग्री को खुले में फेंका जा रहा है. ऐसे में स्थानीय लोगों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है.
दरअसल, नारसन बॉर्डर पर विभिन्न प्रदेशों से आए यात्रियों का रजिस्ट्रेशन और कोरोना टेस्ट करवाए जाने की व्यवस्था की गई है. लोगों का कोरोना टेस्ट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सरकारी और निजी स्वास्थ्य कर्मचारियों को लगाया गया है. 24 घंटे बाद कोरोना रिपोर्ट आने के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं, जिस स्थान पर लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है, उससे कुछ ही दूरी पर टेस्ट की सामग्री खुले में फेंकी गई है. साथ ही इस्तेमाल हुई पीपीपी किटें भी फेंकी गई है.
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इस मामले में प्राइवेट लैब इंचार्ज डॉ. विशाल का कहना है कि ये कोरोना टेस्टिंग में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल स्वास्थ्य कर्मचारियों को समझाएंगे. उन्होंने कहा कि इस्तेमाल हो चुकी सामग्री का निस्तारण एक प्रक्रिया के तहत किया जाता है. ताकि अन्य लोगों में ये संक्रमण ना फैल सके.