हरिद्वारः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज तीनों कृषि कानूनों (Farm law) को वापस लेने की घोषणा कर दी है. हरिद्वार के साधु संतों (Haridwar Saints) ने भी पीएम मोदी के इस फैसले का स्वागत किया है. संतों ने इसे ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय बताया है. उधर, कृषि कानून की वापसी पर किसानों में खुशी की लहर है तो कांग्रेस ने इसे जनता की शान और कांग्रेस की जीत बताया है.
किसानों के आंदोलन को लेकर संतों की चिंता हुई दूरः बड़ा अखाड़ा के महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि किसानों के आंदोलन को लेकर संत समाज काफी चिंतित था. उन्हें लगता है कि मोदी सरकार किसानों को कृषि कानून की उपलब्धियों को समझाने में नाकाम साबित हुई है, लेकिन सही समय पर पीएम मोदी ने इन कानूनों को वापस लेकर बड़ा ही साहसिक कदम उठाया है.
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कोशिश करने वालों की हार नहीं होतीः जगन्नाथ धाम के महंत लोकेश गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज हमेशा किसानों के साथ था और आगे भी रहेगा. किसानों के संघर्ष ने साबित कर दिया कि कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती. किसानों के संघर्ष का नतीजा ही है कि सरकार को ये कानून वापस लेने पड़े और इसके लिए वो पीएम मोदी को बधाई देते हैं.
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कांग्रेस ने करार दिया अपनी जीतः केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून को वापस लिए जाने के बाद किसानों (framers) में खुशी की लहर है. वहीं, कांग्रेसियों (Congress) के मुताबिक, किसानों की मुहिम रंग लाई और आखिरकार कृषि बिल वापस लिया गया है. क्योंकि, किसान लंबे समय से कृषि बिल के विरोध में आंदोलन पर थे और कई किसानों की जान भी इस आंदोलन के दौरान चली गई. लिहाजा, आज किसानों के लिए खुशी का दिन है और अब उन्हें इंतजार है कि संसद से इस बिल को वापस किया जाए.
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संसद से कृषि बिल को वापस लेने पर होगी असली जीतः काश्तकारों के मुताबिक, केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य है, लेकिन सरकार पर किसान तब तक यकीन नहीं करेंगे, जब तक संसद से कृषि बिल को वापस नहीं लिया जाता है. उनके मुताबिक, जिस दिन कृषि बिल को संसद से वापस ले लिया जाएगा. उस दिन किसान आंदोलन की जीत पूरी तरह से होगी. इतना ही नहीं इस जीत में उन लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है, जिन किसानों ने किसान आंदोलन के दौरान अपनी शहादत दी है.