हरिद्वार: संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मंदिर-मस्जिद को लेकर जो बयान दिया उस पर लगातार चर्चा हो रही है. जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि ने मोहन भागवत के बयान को सिर से परे बताया है. स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि मोहन भागवत ने यह अपने समर्थकों के लिए ही दिया होगा. क्योंकि इस बयान का कोई भी हिंदू तो पालन नहीं करेगा. इस तरह के बयान देकर मोहन भागवत पता नहीं क्या करना चाह रहे हैं.
स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि वे शुरू से कह रहे हैं कि ये लड़ाई सिर्फ ज्ञानवापी या फिर मथुरा के मंदिर की नहीं है. एक दिन हमें मक्का मदीना में खुदाई करके अपने भगवान भोलेनाथ को रिहा करवाना है. ये हर हिंदू को नहीं बल्कि हर मुसलमान को भी पता है कि हर मस्जिद के नीचे सिर्फ और सिर्फ मंदिर है. मोहन भागवत इस तरह के बयान देकर सिर्फ और सिर्फ राजनीति लाभ उठाना चाहते हैं और कुछ नहीं.
वहीं, मोहन भागवत के बयान पर शांभवी धाम पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने कहा कि आरएसएस शुरू से ही राष्ट्र निर्माण की बात करता रहा है. आनंद स्वरूप का मानना है कि जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा, तब तक कुछ सही नहीं होगा. मोहन भागवत का इस तरह का बयान देना कहीं न कहीं हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने जैसा है. हालांकि, उन्होंने इस तरह का बयान क्यों दिया, इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है. लेकिन यह बयान हमारे सिर के ऊपर से ही गया है.
बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अब RSS मंदिरों को लेकर कोई आंदोलन नहीं करने वाला है. साथ ही उन्होंने कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशा जाना ठीक नहीं है.