हरिद्वार: अधिकारियों की लापरवाही हरिद्वार नगर निगम की आर्थिक हालत पतली कर रही है. हरिद्वार नगर निगम राजस्व वसूली में तो पहले से ही फिसड्डी है, उसी के साथ विज्ञापन होर्डिंग के लिए अनुबंधित कंपनी मिडास भी हरिद्वार नगर निगम को सालाना 38 लाख रुपए चूना लगा रही है. इसके लिए हरिद्वार मेयर के प्रतिनिधि अशोक शर्मा ने हरिद्वार नगर निगम को जिम्मेदारी ठहराया है.
अशोक शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम ने मिडास इंफ्रा को 89 होर्डिंग्स का टेंडर दिया है, जबकि नगर निगम क्षेत्र में 129 होर्डिंग्स मौजूद हैं. 40 यूनीपोल होर्डिंग्स का करीब 38 लाख रुपए जो नगर निगम को मिलना चाहिए, उसकी बंदरबांट की जा रही है. जिसके लिए कई बार उन्होंने लिखित व मौखिक रूप से एमएलए को शिकायत की, बावजूद उसके कोई भी कार्रवाई कंपनी पर नहीं की जा रही है.
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वहीं, हरिद्वार के मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि इस मामले को लेकर पार्षदों की कमेटी बनाने का निर्णय लिया. यह कमेटी हरिद्वार की मेयर अनीता शर्मा और उन्होंने मिलकर बनाई है, जो इस प्रकरण की जांच करेगी. इसमें हरिद्वार के कई पार्षद हैं, जो मिलकर रिपोर्ट तैयार करेंगे. वो रिपोर्ट बैठक में रखी जाएगी, जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा और जांच कराई जाएगी. यदि यह बात सत्य पाई जाती है तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.