हरिद्वार: कभी साउथ अफ्रीका तो कभी उत्तराखंड के बुग्यालों में शादी करने को लेकर चर्चाओं में रहने वाले सहारनपुर के गुप्ता ब्रदर्स पर उत्तराखंड सरकार और मेला प्रशासन इतना मेहरबान हो गया है कि सारे कायदे कानून ताक पर रखकर माननीयों की तरह उन्हें शहर में काफिला घुमाने की परमिशन दी गई है.
हैरानी की बात यह है कि मेला प्रशासन ने मात्र 6 गाड़ियों की परमिशन दी है. लेकिन उद्योगपति गुप्ता ब्रदर्स 6 की जगह 10 गाड़ियां उस जगह पर जाने के लिए प्रयोग कर रहे हैं. जहां पर आम इंसान को एक साइकिल तक ले जाने की परमिशन नहीं है. अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार गुप्ता ब्रदर्स ने उत्तराखंड के विकास के लिए ऐसा क्या काम किया है कि मेला प्रशासन ने उन्हें कुंभ मेले के दौरान अति विशिष्ट अतिथि का दर्जा देकर पुलिस एस्कॉर्ट भी मुहैया करा दिया है.
दरअसल, गुप्ता ब्रदर्स एक धार्मिक आयोजन करा रहे हैं. इस धार्मिक आयोजन को लेकर परिवार ने हरिद्वार के दो प्रमुख होटलों को बुक किया है. राम घाट स्थित एक होटल को बुक किया गया है, जबकि हर की पौड़ी के नजदीक ही एक होटल में उनका परिवार रुका हुआ है. इस धार्मिक आयोजन में कैलाश खेर भी पहुंचे हुए हैं.
प्रशासन ने कई बैठकों के बाद लिया था फैसला
तमाम मीटिंग और बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया था कि मेले से 1 दिन पहले और कुंभ मेले के एक दिन बाद किसी भी कीमत पर जीरो जोन में किसी गाड़ी को परमिशन नहीं दी जाएगी. लेकिन प्रशासन की मदद से हरकी पौड़ी पर गुप्ता परिवार की 10-10 गाड़ियों फर्राटे भर रहीं हैं.
स्थानीय लोगों ने जताया विरोध
वहीं, आम जनता का कहना है कि जब व्यापारियों को और आम इंसान को इस जगह पर स्कूटी लानी तक की परमिशन नहीं है, तो यह दर्जनों गाड़ियां कैसे मुख्य बाजार हरकी पौड़ी के नजदीक तक आ रही हैं. मतलब साफ है कि अगर आपके पास रुतबा है. आपके पास पैसा है तो सारे कानून और नियम आप रद्दी में भी डाल सकते हैं.