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क्या 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण दिलाएगा कोरोना महामारी से निजात? जानें भविष्यवाणी - 21 june solar eclipse

21 जून को सूर्य ग्रहण लगने वाला है. ऐसे में ज्योतिषाचार्य इस खगोलीय घटना को कोरोना महामारी से जोड़कर देख रहे हैं. ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण के बाद कोरोना महामारी से धीरे-धीरे निजात मिल जाएगी.

haridwar
ज्योषिचार्यों ने की भविष्यवाणी
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Published : Jun 5, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Jun 5, 2020, 2:26 PM IST

हरिद्वार: कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दुनियाभर में कोरोना वायरस लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है. वहीं, ज्योतिषियों की मानें तो कोरोना से मुक्ति अभी जल्द नहीं मिलने वाली है. ज्योतिष बताते हैं कि 21 जून 2020 को लगने वाला सूर्य ग्रहण दुनिया को इस महामारी से निजात दिला सकता है. यानी आने वाला सूर्य ग्रहण महामारी का विनाश करने वाला होगा और यह सूर्य ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा. इसके साथ ही पाकिस्तान, नेपाल भूटान पर भी इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव देखने को मिलेगा.

कोरोना महामारी के अंत को लेकर क्या कहते हैं ज्योतिष, जानें.

आखिर क्या संयोग बन रहा है इस सूर्य ग्रहण पर-

दुनियाभर में कोरोना का प्रकोप कई महीनों से चल रहा है और ये लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस महामारी को लेकर ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि 26 दिसंबर 2019 को सूर्य ग्रहण पड़ा था. ऐसा कहा जाता है कि जो सूर्य ग्रहण सर्दियों में पड़ता है वह महामारी को जन्म देने वाला होता है. वहीं, जो सूर्य ग्रहण आषाढ़ मास की अमावस्या पर पड़ता है वो महामारी का विनाश करने वाला होता है.

प्रतीक मिश्रपुरी बताते हैं कि 6 महीने के अंदर दो सूर्य ग्रहण पड़ रहे हैं. पिछले साल 26 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण धनु राशि में था. उस दिन पृष्ठ ग्रही योग बना था और तभी से इस महामारी का जन्म हो गया था, लेकिन 21 जून रविवार को जब ग्रहण होगा तब इस महामारी का अंत शुरू हो जाएगा. इस ग्रहण को चंद्रचूड़ ग्रहण कहा जाता है. ये ग्रहण मिथुन राशि में पड़ रहा है जो सातवें भाव में पड़ती है. 7 का यह अंक महामारी का नाश करने वाला होगा और ग्रहण का असर पूरी पृथ्वी पर पड़ेगा. जहां-जहां इसका असर पड़ेगा वहां से यह महामारी खत्म हो जाएगी. इस ग्रहण के 6 महीने के अंदर यह महामारी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.

ये भी पढ़े: खतरे में है उच्च हिमालयी जैव विविधता, शोध में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

वहीं, ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रदीप जोशी का कहना है कि 21 जून को सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ होकर ग्रहण का मोक्ष काल दोपहर 1 बजकर 51 पर होगा. यह कण-कण सूर्य ग्रहण कहलाता है और इस बार रविवार को सूर्य ग्रहण पड़ने की वजह से इसको चूड़ामणि सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है. इस ग्रहण का विशेष महत्व होता है. यह ग्रहण वृक्ष नक्षत्र में प्रारंभ होगा और आरदा नक्षत्र में समाप्त होगा.

26 दिसंबर को जब सूर्य ग्रहण पड़ा था तब सूर्यग्रहण महामारी लेकर आया था, मगर 21 तारीख को पड़ रहा सूर्यग्रहण इस महामारी से निजात दिलाएगा क्योंकि भारत की धनराशि पर यह सातवें स्थान पर है इसलिए यह ग्रहण सामाजिक रूप से तो नुकसानदायक होगा मगर महामारी का अंत करने वाला होगा. यह ग्रहण पूर्ण रूप से भारत में दिखाई देगा इसके साथ ही आसपास के देश पाकिस्तान, नेपाल और भूटान में भी दिखाई देगा.

हरिद्वार: कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दुनियाभर में कोरोना वायरस लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है. वहीं, ज्योतिषियों की मानें तो कोरोना से मुक्ति अभी जल्द नहीं मिलने वाली है. ज्योतिष बताते हैं कि 21 जून 2020 को लगने वाला सूर्य ग्रहण दुनिया को इस महामारी से निजात दिला सकता है. यानी आने वाला सूर्य ग्रहण महामारी का विनाश करने वाला होगा और यह सूर्य ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा. इसके साथ ही पाकिस्तान, नेपाल भूटान पर भी इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव देखने को मिलेगा.

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आखिर क्या संयोग बन रहा है इस सूर्य ग्रहण पर-

दुनियाभर में कोरोना का प्रकोप कई महीनों से चल रहा है और ये लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस महामारी को लेकर ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि 26 दिसंबर 2019 को सूर्य ग्रहण पड़ा था. ऐसा कहा जाता है कि जो सूर्य ग्रहण सर्दियों में पड़ता है वह महामारी को जन्म देने वाला होता है. वहीं, जो सूर्य ग्रहण आषाढ़ मास की अमावस्या पर पड़ता है वो महामारी का विनाश करने वाला होता है.

प्रतीक मिश्रपुरी बताते हैं कि 6 महीने के अंदर दो सूर्य ग्रहण पड़ रहे हैं. पिछले साल 26 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण धनु राशि में था. उस दिन पृष्ठ ग्रही योग बना था और तभी से इस महामारी का जन्म हो गया था, लेकिन 21 जून रविवार को जब ग्रहण होगा तब इस महामारी का अंत शुरू हो जाएगा. इस ग्रहण को चंद्रचूड़ ग्रहण कहा जाता है. ये ग्रहण मिथुन राशि में पड़ रहा है जो सातवें भाव में पड़ती है. 7 का यह अंक महामारी का नाश करने वाला होगा और ग्रहण का असर पूरी पृथ्वी पर पड़ेगा. जहां-जहां इसका असर पड़ेगा वहां से यह महामारी खत्म हो जाएगी. इस ग्रहण के 6 महीने के अंदर यह महामारी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.

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वहीं, ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रदीप जोशी का कहना है कि 21 जून को सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ होकर ग्रहण का मोक्ष काल दोपहर 1 बजकर 51 पर होगा. यह कण-कण सूर्य ग्रहण कहलाता है और इस बार रविवार को सूर्य ग्रहण पड़ने की वजह से इसको चूड़ामणि सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है. इस ग्रहण का विशेष महत्व होता है. यह ग्रहण वृक्ष नक्षत्र में प्रारंभ होगा और आरदा नक्षत्र में समाप्त होगा.

26 दिसंबर को जब सूर्य ग्रहण पड़ा था तब सूर्यग्रहण महामारी लेकर आया था, मगर 21 तारीख को पड़ रहा सूर्यग्रहण इस महामारी से निजात दिलाएगा क्योंकि भारत की धनराशि पर यह सातवें स्थान पर है इसलिए यह ग्रहण सामाजिक रूप से तो नुकसानदायक होगा मगर महामारी का अंत करने वाला होगा. यह ग्रहण पूर्ण रूप से भारत में दिखाई देगा इसके साथ ही आसपास के देश पाकिस्तान, नेपाल और भूटान में भी दिखाई देगा.

Last Updated : Jun 5, 2020, 2:26 PM IST
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