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इस मंदिर में भगवान भैरव की एकमात्र प्रसन्नचित मूर्ति, दर्शनों से होती है हर मुराद पूरी

माना जाता है कि आनंद भैरव धर्मनगरी हरिद्वार के कोतवाल हैं, जो क्षेत्र में धर्म की रक्षा करते हैं. साथ ही हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी मां माया देवी के रक्षक के रूप में भी जाने जाते हैं. भगवान आनंद भैरव  हरिद्वार की अधिष्ठात्री मां माया देवी मंदिर के प्रांगण में ही विराजमान है. जहां साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.

हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर.
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Published : May 4, 2019, 3:37 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में वैसे तो कई मठ मंदिर है. जहां साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इसी में से एक है भैरव मंदिर, जो अपने आप में बेहद खास है. जिसकी विशेषता ये है कि यहां भैरव बाबा प्रसन्नचित मुद्रा में दिखाई देते हैं. वहीं, यह देश का इकलौता मंदिर भी है, जहां भगवान भैरव की ऐसी मूरत है. जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं.

मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से आते है श्रद्धालु.

धर्मनगरी स्थित एकमात्र मंदिर

माना जाता है कि आनंद भैरव धर्मनगरी हरिद्वार के कोतवाल हैं, जो क्षेत्र में धर्म की रक्षा करते हैं. साथ ही हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी मां माया देवी के रक्षक के रूप में भी जाने जाते हैं. भगवान आनंद भैरव हरिद्वार की अधिष्ठात्री मां माया देवी मंदिर के प्रांगण में ही विराजमान है. आनंद भैरव मंदिर का संचालन जूना अखाड़ा करता है. हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर की महिमा काफी दिव्य मानी जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब मां सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति के यक्ष में भगवान शिव को आमंत्रित और शिवनिंदा करने पर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. जिसके बाद भगवान शिव ने गुस्से में आकर दक्ष प्रजापति के यज्ञ को विध्वंस करने के लिए भैरव को ही आदेश दिया था.

श्रद्धालुओं का आस्था का केन्द्र

तभी से हर सिद्ध शक्ति पीठ के साथ भैरव बाबा का मंदिर अवश्य होता है. आनंद भैरव मंदिर हरिद्वार के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है. लोगों में मान्यता है कि जो सच्चे मन से भैरव बाबा की उपासना करता है उसकी हर मुराद पूरी होती है. लोगों की अगाध आस्था ही उन्हें यहां खींच लाती है. हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर के प्रांगण में तीन अन्य उप मंदिर मौजूद हैं. जिसमें प्रथम दत्तात्रेय मंदिर जो सन्यासियों को सबसे बड़े जूना अखाड़े के आराध्य देव दत्तात्रेय भगवान हैं. वहीं, यहां दूसरा शिव परिवार मंदिर और तीसरा नवग्रह मंदिर भी है. जहां देश-विदेश के श्रद्धालु प्रतिदिन शीष नवाते हैं.

इस मंत्र का करें जाप

मंदिर में होने वाली भव्य आरती विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है. प्रतिदिन प्रातः एवं रात्रि में भगवान आनंद भैरव की आरती की जाती है. वहीं, आनंद भैरव मंदिर के पुजारी महंत भास्कर पुरी महाराज ने बताया कि भगवान आनंद भैरव को प्रसन्न करने के लिए सिद्ध मंत्र ॐ श्री आनंद भैरवाय नमः है. इस मंत्र के जाप से लोगों के जीवन में खुशहाली आती है.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में वैसे तो कई मठ मंदिर है. जहां साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इसी में से एक है भैरव मंदिर, जो अपने आप में बेहद खास है. जिसकी विशेषता ये है कि यहां भैरव बाबा प्रसन्नचित मुद्रा में दिखाई देते हैं. वहीं, यह देश का इकलौता मंदिर भी है, जहां भगवान भैरव की ऐसी मूरत है. जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं.

मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से आते है श्रद्धालु.

धर्मनगरी स्थित एकमात्र मंदिर

माना जाता है कि आनंद भैरव धर्मनगरी हरिद्वार के कोतवाल हैं, जो क्षेत्र में धर्म की रक्षा करते हैं. साथ ही हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी मां माया देवी के रक्षक के रूप में भी जाने जाते हैं. भगवान आनंद भैरव हरिद्वार की अधिष्ठात्री मां माया देवी मंदिर के प्रांगण में ही विराजमान है. आनंद भैरव मंदिर का संचालन जूना अखाड़ा करता है. हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर की महिमा काफी दिव्य मानी जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब मां सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति के यक्ष में भगवान शिव को आमंत्रित और शिवनिंदा करने पर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. जिसके बाद भगवान शिव ने गुस्से में आकर दक्ष प्रजापति के यज्ञ को विध्वंस करने के लिए भैरव को ही आदेश दिया था.

श्रद्धालुओं का आस्था का केन्द्र

तभी से हर सिद्ध शक्ति पीठ के साथ भैरव बाबा का मंदिर अवश्य होता है. आनंद भैरव मंदिर हरिद्वार के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है. लोगों में मान्यता है कि जो सच्चे मन से भैरव बाबा की उपासना करता है उसकी हर मुराद पूरी होती है. लोगों की अगाध आस्था ही उन्हें यहां खींच लाती है. हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर के प्रांगण में तीन अन्य उप मंदिर मौजूद हैं. जिसमें प्रथम दत्तात्रेय मंदिर जो सन्यासियों को सबसे बड़े जूना अखाड़े के आराध्य देव दत्तात्रेय भगवान हैं. वहीं, यहां दूसरा शिव परिवार मंदिर और तीसरा नवग्रह मंदिर भी है. जहां देश-विदेश के श्रद्धालु प्रतिदिन शीष नवाते हैं.

इस मंत्र का करें जाप

मंदिर में होने वाली भव्य आरती विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है. प्रतिदिन प्रातः एवं रात्रि में भगवान आनंद भैरव की आरती की जाती है. वहीं, आनंद भैरव मंदिर के पुजारी महंत भास्कर पुरी महाराज ने बताया कि भगवान आनंद भैरव को प्रसन्न करने के लिए सिद्ध मंत्र ॐ श्री आनंद भैरवाय नमः है. इस मंत्र के जाप से लोगों के जीवन में खुशहाली आती है.

Intro:एंकर - वैसे तो भैरव भगवान के पूरे देश भर में कई मंदिर मौजूद है लेकिन हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर अपने आप में बड़ा ही अद्भुत है, हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर भगवान भैरव का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान भैरव प्रसन्नता आनंदरूप में विराजमान है, अक्सर भगवान भैरव को कुपित मुद्रा में ही दिखाया जाता है लेकिन हरिद्वार में भगवान भैरव एकदम प्रसन्न मुद्रा में स्थापित है। ऐसा माना जाता है कि आनंद भैरव भगवान धर्म नगरी हरिद्वार की कोतवाल है जो हरिद्वार क्षेत्र में धर्म की रक्षा करते हैं साथ ही हरिद्वार की अधिष्ठात्री कही जाने वाली मां माया देवी के रक्षक के रूप में भी जाने जाते हैं भगवान आनंद भैरव। हरिद्वार की अधिष्ठात्री मां माया देवी मंदिर के प्रांगण में ही स्थित है आनंद भैरव मंदिर जिसका संचालन सन्यासियों का सबसे बड़ा अखाड़ा जूना अखाड़ा करता है।


Body:VO 1 - हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर की महिमा में आप में बड़ी दिव्य मानी जाती है, ऐसा माना जाता है जब मां सती ने अपने पिता प्रजापति दक्ष से अपने पति से हो को यज्ञ में आमंत्रित ना करने पर गुस्सा होकर यज्ञ में अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था उसके बाद उनके देह की रक्षा की जिम्मेदारी भगवान भैरव को दिया गया था तभी से हर सिद्ध शक्ति पीठ के साथ भैरव बाबा का मंदिर अवश्य होता है। हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर हरिद्वार के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है, ऐसी मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ अगर कोई भी मानव आनंद भैरव मंदिर के दर्शन करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ऐसे एक नहीं बल्कि हजारों उदाहरण हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर में देखी तो मिलते हैं जब लोगों के कई मुश्किल से मुश्किल काम बाबा आनंद भैरव ने अपने आशीर्वाद से सिद्ध किये है। हरिद्वार स्थित आनंद भैरव मंदिर के प्रांगण में तीन अन्य उप मंदिर मौजूद है, जिसमें प्रथम है दत्तात्रेय मंदिर - बता दें सन्यासियों को सबसे बड़े अखाड़ा जूना अखाड़े के आराध्य देव दत्तात्रेय भगवान है। मंदिर में ही स्थित दूसरा मंदिर है शिव परिवार मंदिर, एवं तीसरा मंदिर है नवग्रह मंदिर। प्रतिदिन आनंद भैरव मंदिर में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं जिनके लिए मंदिर में होने वाली भव्य आरती विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है, प्रतिदिन प्रातः एवं रात्रि में भगवान आनंद भैरव की आरती की जाती है जो लगभग डेढ़ से 2 घंटे तक चलती है इस दौरान यहां का नजारा अपने आप दर्शनीय होता है। भगवान आनंद भैरव मंदिर के पुजारी महंत भास्कर पुरी महाराज बताते हैं भगवान आनंद भैरव को प्रसन्न करने के लिए सिद्ध मंत्र है ॐ श्री आनंद भैरवाय नमः।


Conclusion:बाइट- भास्कर पुरी महाराज, पुजारी, आनंद भैरव मंदिर हरिद्वार

बाइट- मनोज, श्रद्धालु

बाइट- निर्मला देवी, श्रद्धालु

बाइट- मनोज, श्रद्धालु

बाइट- साहिल, श्रद्धालु

पीटीसी
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