हरिद्वारः नए साल 2021 में देवनगरी हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ में भी कोरोना महामारी का असर पड़ेगा. कोरोना संक्रमण के चलते इस बार महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना संभव नहीं होगा. शाही स्नान और प्रमुख तिथियों में सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं को कुंभ में प्रवेश की अनुमति मिलेगी. इसी के मद्देनजर अखिल विश्व गायत्री परिवार ने एक अनोखी योजना शुरू की है, 'आपके द्वार पहुंचा हरिद्वार'.
बता दें कि इस योजना का शुभारंभ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में अपने हरिद्वार दौरे के समय शांतिकुंज हरिद्वार में किया था. वहीं इस अभियान के तहत इस महाकुंभ के दौरान पहले चरण में 10 लाख परिवारों तक मां गंगा का पवित्र जल पहुंचाने के साथ ही गायत्री और यज्ञ को हर घर में स्थापित करने का लक्ष्य है.
वहीं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पंड्या ने बताया कि विश्व वसुधा को पर्यावरण से मुक्त करने के उद्देश्य से एक साथ सभी धर्मों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया जाएगा. वहीं 27 अप्रैल तक चलने वाले इस महाअभियान के माध्यम से युग ऋषि के विचार क्रांति अभियान को गतिवान बनाने की लिए गायत्री परिजनों ने कमर कस ली है.
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इसके अलावा वसुधैव कुटुंबकम् की भावना के साथ शांतिकुंज हरिद्वार के स्वर्ण जयंती वर्ष के मौके पर गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या व शैलबाला पंड्या के निर्देश पर एशिया का प्रथम शांति और सद्भाव का केंद्र स्थापित होगा, जो समग्र एशिया में शांति और सद्भाव का शंखनाद करेगा और आने वाले समय में हरिद्वार विज्ञान और आध्यात्म का ध्रुव केंद्र बनेगा.
राष्ट्रव्यापी अभियान ‘आपके द्वार-पहुंचा हरिद्वार’ की शुरुआत
इस राष्ट्रव्यापी अभियान ‘आपके द्वार-पहुंचा हरिद्वार’ को देशभर में जन-जन तक पहुंचाने के लिए शांतिकुंज से 18 टोलियों के सभी सदस्यों को डॉ प्रणव पंड्या और शैलदीदी ने मंगल तिलक कर रवाना किया.
'आपके द्वार-पहुंचा हरिद्वार' अभियान का लक्ष्य
- शांतिकुंज स्वर्ण जयंती वर्ष और कुंभ महापर्व 2021 के अवसर पर गांव-गांव और घर-घर युग संदेश पहुंचाना.
- 2026 के मिशन ‘आदर्श शक्तिपीठ’ के लिये आधार तैयार करना
- गृहे- गृहे गायत्री यज्ञ-उपासना का विस्तार करना एवं देव परिवार विकसित करना
- न्यूनतम कुल दस लाख नये परिवारों में गंगाजली, देवस्थापना चित्र, साहित्य, गायत्री यज्ञ-उपासना पद्धति, कुंभ पर्व महात्म्य को जन-जन तक पहुंचाना
- प्रत्येक ग्राम में घर- घर गौ पालन, सरोवर संरक्षण, विद्यालयों में युगऋषि का साहित्य एवं श्रेष्ठ नागरिक निर्माण की प्रेरणा देना.
- लगभग हर सक्रिय जिले में ज्ञान रथ हैं, उनके माध्यम से यह योजना क्षेत्र में संचालित की जायेगी. इस हेतु केन्द्रीय व क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को मिला कर टोलियां बनाई जाएंगी. प्रत्येक रथ में गंगा अमृत कुंभ स्थापित किए जाएंगे.