हरिद्वार: हरकी पैड़ी पर स्थित पौराणिक ब्रह्मकुंड में पिछले करीब 21 सालों से एक मंदिर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा था. कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण इसका जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा था. लेकिन अब कोर्ट के आदेश के बाद हर की पौड़ी का यह मंदिर अपने पुराने स्वरूप में नजर आने वाला है. जिसको लेकर आज हरिद्वार विकास प्राधिकरण के वीसी दीपक रावत और तकनीकी विभाग के अधिकारियों ने मंदिर का निरीक्षण किया.
राजा मान सिंह की छतरी के नाम से मशहूर इस गंगा मंदिर का निर्माण 400 साल पहले राजा के वंशजों ने कराया था. कहा जाता है कि यहां पर राजा की अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया गया था. जिसके बाद प्रतीक स्वरूप मंदिर का निर्माण कराया गया था. लेकिन साल 1998 में कुम्भ के दौरान जब इस मंदिर के स्वामी इसका जीर्णोद्धार करा रहे थे, तो हरिद्वार विकास प्राधिकरण ने इसके निर्माण को लेकर नोटिस दे दिया. जिसके बाद गंगा सभा ने भी इसके पुनर्निर्माण के खिलाफ कोर्ट में केस दायर कर दिया था, तब से यह मामला कोर्ट में लंबित था.
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हरिद्वार विकास प्राधिकरण को हाई कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि अर्द्ध निर्मित गांगा मंदिर का तकनीकी विशेषज्ञों की राय से पुराने स्वरूप में ही इसका निर्माण करवाया जाए.
हरिद्वार विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष दीपक रावत ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश के बाद आज पक्षकारों और तकनीकी विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ गंगा मंदिर का निरीक्षण किया गया. जिसमें देखा गया कि कैसे इस मंदिर का सौन्दर्यकरण किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की राय लेकर मंदिर का निर्माण करवाया जाएगा.