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'मुस्लिम विवि' वाले अकील अहमद बोले- TV डिबेट में जाना बंद करें उलेमा, हो रही है बेइज्जती' - उत्तराखंड विधानसभा चुनाव

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद ने विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा उठाया था. जिस वजह से कांग्रेस ने हार का ठीकरा फोड़ते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. अब उन्होंने बीजेपी पर देश का माहौल खराब करने का आरोप मढ़ा है. साथ ही उन्होंने उलेमाओं से टीवी डिबेट में न जाने की अपील की है.

aqeel ahmed statement
अकील अहमद
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Published : Jun 7, 2022, 1:55 PM IST

Updated : Jun 7, 2022, 2:09 PM IST

रुड़की: उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग (Uttarakhand Muslim University) कर चर्चा में आए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद ने बीजेपी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली है. अकील अहमद ने रुड़की के एक होटल में पत्रकार वार्ता कर बीजेपी सरकार पर देश का माहौल खराब करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि देश में जान बूझकर मुस्लिम धार्मिक स्थलों को टारगेट किया जा रहा है. हिंदू-मुस्लिम के नाम पर देश की अमन शांति को खत्म करने की बड़ी साजिश रची जा रही है. इन हालातों में देश में नफरत का माहौल तैयार किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में देश में कभी भी दंगे भड़क सकते हैं.

अकील अहमद ने कहा कि बीजेपी सरकार देश की अमन सलामती और गंगा-जमुनी तहजीब को नुकसान पहुंचा सकती है. उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की कि वो अफवाहों पर कतई ध्यान ना दें और सभी धर्मों के साथ आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ रहें. यही हमारे देश की खूबसूरत संस्कृति रही है. अकील ने मुस्लिम उलेमाओं से भी अपील करते हुए कहा कि वो किसी भी टीवी डिबेट में हिस्सा ना लें. टीवी एंकर उनकी बातों को अलग तरीके से पेश करते हैं. इस तरह टीवी डिबेट में आने वाले उलेमाओं का भी अपमान हो रहा है. जिसे मुस्लिम समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता.

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पूर्व कांग्रेस उपाध्यक्ष अकील अहमद ने कहा कि देश में जब से मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आई है, तब से हिंदू-मुसलमानों को लड़ाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 358 सालों के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग (Shivling in Gyanvapi Mosque) बताया जा रहा है. जबकि, हकीकत में वो एक फव्वारा है. उन्होंने कहा कि आगरा ताजमहल और दिल्ली कुतुबमीनार में मूर्ति बताई जा रही है. साल 1991 में कानून आया था कि 15 अगस्त 1947 से पूर्व के धार्मिक स्थलों को किसी सूरत में छेड़ा नहीं जाएगा, लेकिन अब जानबूझकर मुस्लिम लोगों और उनके धार्मिक स्थलों को टारगेट किया जा रहा है. इसका साफ उद्देश है कि बीजेपी धर्म की राजनीति कर 2024 चुनाव के एजेंडे पर काम कर रही है.

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उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी राजनीति करना चाहती है तो मुद्दों की राजनीति करे. बढ़ती महंगाई पर बात करे और डीजल पेट्रोल के बढ़ते दामों पर बात करें. आज के हालात देश को बांटने वाले हैं. ऐसे में संभलकर चलने की आवश्यकता है. इस दौरान उन्होंने मौलानाओं से अपील की है कि वो किसी टीवी डिबेट में हिस्सा न लें. वहां हिंदू-मुस्लिमों को लड़ाया जाता है, जिससे देश में अराजकता का माहौल पैदा हो रहा है.

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मुस्लिम विवि का शिगूफा छेड़कर कांग्रेस को हरवा चुके हैं अकील अहमद: गौर हो कि अकील अहमद वही नेता हैं जिन्होंने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) में मुस्लिम युनिवर्सिटी बनाने का बयान देकर कांग्रेस की किरकिरी करवाई थी. जिसका नतीजा ये रहा कि बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर जनता के बीच पहुंची और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी के शीर्ष नेताओं की जुबान पर भी मुस्लिम युनिवर्सिटी का मुद्दा छाया रहा. उनपर मुस्लिम यूनिवर्सिटी की बहस छेड़कर कांग्रेस की लुटिया डुबोने का आरोप लगा. जब कांग्रेस को भी मुस्लिम युनिवर्सिटी की वजह से हार का एसहसास हुआ तो आनन-फानन में अकील अहमद को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. हरीश रावत ने तो अकील अहमद को पहचानने से ही इनकार कर दिया था.

Last Updated : Jun 7, 2022, 2:09 PM IST

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