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CM त्रिवेंद्र के कटाक्ष पर 'मौन साधक' हरदा का जवाब, सोयी सरकार को जगाकर किया प्रायश्चित - Former CM Harish Rawat silent PROTEST in Haridwar

हरिद्वार में मौन साधना पूरी होने के बाद हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर कुंभ क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा कि एक राष्ट्रीय पर्व को लेकर जो गंभीरता दिखाई जानी थी वो सरकार नहीं दिखा रही है.

Former Chief Minister Harish Rawat
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
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Published : Dec 3, 2020, 5:56 PM IST

Updated : Dec 3, 2020, 6:11 PM IST

हरिद्वार: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज हरिद्वार पहुंचकर किसान घाट पर गंगा किनारे एक घंटे की मौन साधना की. रावत की मौन साधना में उनके साथ कांग्रेसी कार्यकर्ता भी शामिल हुए. मौन साधना पूरी होने के बाद हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर कुंभ क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा कि एक राष्ट्रीय पर्व को लेकर जो गंभीरता दिखाई जानी थी, वो सरकार नहीं दिखा रही है. साथ ही हरदा ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है.

उन्होंने कहा कि 2016 के अर्धकुंभ के काम आज भी दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कुंभ के नाम पर साफ सफाई और रंग पुताई के अलावा यहां से लेकर देवप्रयाग तक कोई भी कार्य नजर नहीं आ रहा है. यह उपेक्षा तो राज्य सरकार द्वारा की जा रही है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा भी कुंभ की घोर उपेक्षा की जा रही है. अगर हम प्रयागराज और उज्जैन कुंभ की बात करें तो केंद्र सरकार ने वहां की राज्य सरकारों को बहुत मोटा कुंभ बजट दिया था, लेकिन हरिद्वार के कुंभ को काफी कम बजट दिया गया है.

पढ़ें-हरिद्वार कुंभ को यादगार बनाएंगी लोक कथाएं, दीवारों पर उकेरी गई 'संस्कृति'

हरिद्वार कुंभ मेले को केंद्र सरकार बहुत हल्के में ले रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उनकी साधना को 'पापों का प्रायश्चित' बताए जाने पर पलटवार करते हुए हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने अपने पापों का प्रायश्चित उस दिन कर लिया जिस दिन 'कानों में तेल डालकर सोयी' हुई प्रदेश की सरकार को जगाने का काम किया.

स्कैप चैनल आदेश पलटवाने का लिया श्रेय

हरीश रावत ने कहा कि चुनाव में बीजेपी की ओर से वादा किया गया था कि सत्ता में आते ही स्कैप चैनल शासनादेश बदल देंगे लेकिन साढ़े 3 साल सरकार कानों में उंगली डालकर बैठी रही. सरकार को होश तब आया जब वो अखाड़ों और गंगा सभा के पास पहुंचे और अपनी गलती को माना और त्रिवेंद्र सरकार से इस गलती को ठीक करने को कहा. हरीश रावत ने कहा कि उनके प्रयास से ही सोई हुई सरकार जागी और प्रयाश्चित कर लिया.

पढ़ें-तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने रामनगर पहुंचीं सायरा बानो, कराया केस दर्ज

त्रिवेंद्र सरकार ऐसे करे प्रायश्चित

हरदा ने ने त्रिवेंद्र सरकार को भी प्रायश्चित का रास्ता बताया. उन्होंने कहा कि गंगा स्कैप चैनल शासनादेश को रद्द करने में जो सरकार से देरी हुई है, वो उसके बदले हरिद्वार में एक सुंदर और भव्य कुंभ करके दे तो उनका प्रायश्चित हो सकता है. लेकिन ऐसा होने नहीं जा रहा क्योंकि शहर में खुदाई करके बस माल कमाई हो रही है.

गौर हो कि हरीश रावत ने आज की ही हरिद्वार पहुंचकर मौन साधना के लिये चुना जब मुख्यमंत्री भी हरिद्वार दौरे पर कुंभ कार्यों के निरीक्षण के लिये पहुंचे थे. हरीश रावत का कहना था कि उनका मौन व्रत सरकार की सद्बुद्धि के लिये है. वह मां गंगा से प्रार्थना करेंगे कि केंद्र और राज्य सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करें ताकि उत्तराखंड में आयोजित होने जा रहे कुंभ के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था हो सके.

हरिद्वार: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज हरिद्वार पहुंचकर किसान घाट पर गंगा किनारे एक घंटे की मौन साधना की. रावत की मौन साधना में उनके साथ कांग्रेसी कार्यकर्ता भी शामिल हुए. मौन साधना पूरी होने के बाद हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर कुंभ क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा कि एक राष्ट्रीय पर्व को लेकर जो गंभीरता दिखाई जानी थी, वो सरकार नहीं दिखा रही है. साथ ही हरदा ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है.

उन्होंने कहा कि 2016 के अर्धकुंभ के काम आज भी दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कुंभ के नाम पर साफ सफाई और रंग पुताई के अलावा यहां से लेकर देवप्रयाग तक कोई भी कार्य नजर नहीं आ रहा है. यह उपेक्षा तो राज्य सरकार द्वारा की जा रही है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा भी कुंभ की घोर उपेक्षा की जा रही है. अगर हम प्रयागराज और उज्जैन कुंभ की बात करें तो केंद्र सरकार ने वहां की राज्य सरकारों को बहुत मोटा कुंभ बजट दिया था, लेकिन हरिद्वार के कुंभ को काफी कम बजट दिया गया है.

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हरिद्वार कुंभ मेले को केंद्र सरकार बहुत हल्के में ले रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उनकी साधना को 'पापों का प्रायश्चित' बताए जाने पर पलटवार करते हुए हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने अपने पापों का प्रायश्चित उस दिन कर लिया जिस दिन 'कानों में तेल डालकर सोयी' हुई प्रदेश की सरकार को जगाने का काम किया.

स्कैप चैनल आदेश पलटवाने का लिया श्रेय

हरीश रावत ने कहा कि चुनाव में बीजेपी की ओर से वादा किया गया था कि सत्ता में आते ही स्कैप चैनल शासनादेश बदल देंगे लेकिन साढ़े 3 साल सरकार कानों में उंगली डालकर बैठी रही. सरकार को होश तब आया जब वो अखाड़ों और गंगा सभा के पास पहुंचे और अपनी गलती को माना और त्रिवेंद्र सरकार से इस गलती को ठीक करने को कहा. हरीश रावत ने कहा कि उनके प्रयास से ही सोई हुई सरकार जागी और प्रयाश्चित कर लिया.

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त्रिवेंद्र सरकार ऐसे करे प्रायश्चित

हरदा ने ने त्रिवेंद्र सरकार को भी प्रायश्चित का रास्ता बताया. उन्होंने कहा कि गंगा स्कैप चैनल शासनादेश को रद्द करने में जो सरकार से देरी हुई है, वो उसके बदले हरिद्वार में एक सुंदर और भव्य कुंभ करके दे तो उनका प्रायश्चित हो सकता है. लेकिन ऐसा होने नहीं जा रहा क्योंकि शहर में खुदाई करके बस माल कमाई हो रही है.

गौर हो कि हरीश रावत ने आज की ही हरिद्वार पहुंचकर मौन साधना के लिये चुना जब मुख्यमंत्री भी हरिद्वार दौरे पर कुंभ कार्यों के निरीक्षण के लिये पहुंचे थे. हरीश रावत का कहना था कि उनका मौन व्रत सरकार की सद्बुद्धि के लिये है. वह मां गंगा से प्रार्थना करेंगे कि केंद्र और राज्य सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करें ताकि उत्तराखंड में आयोजित होने जा रहे कुंभ के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था हो सके.

Last Updated : Dec 3, 2020, 6:11 PM IST
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