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भारतीय संस्कृति में रंगे विदेशी श्रद्धालु, महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई में लिया हिस्सा

कुंभ में विदेशी श्रद्धालु भी भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं. महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई के दौरान बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु दिव्य और भव्य कुंभ का हिस्सा बने.

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हरिद्वार कुंभ में भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे विदेशी श्रद्धालु
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Published : Mar 8, 2021, 5:24 PM IST

हरिद्वार: कुंभ मेला हरिद्वार 2021 में धर्म, संस्कृति से जुड़े विभिन्न रूप हमें देखने को मिल रहे हैं. आज भी कनखल स्थित दक्ष मंदिर में आयोजित महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई में विदेशी श्रद्धालु आकर्षण का केंद्र रहे. ये विदेशी श्रद्धालु कुंभ की शोभा बढ़ाते हुए नजर आए. हालांकि कोरोना संक्रमण की वजह से विदेशी श्रद्धालु इस बार कुंभ मेले के दौरान काफी कम संख्या में पहुंचे हैं. बावजूद इसके यहां विदेशी श्रद्धालु भारतीय धर्म और संस्कृति को देखकर अभिभूत होते नजर आ रहे हैं.

हरिद्वार कुंभ में भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे विदेशी श्रद्धालु

विश्व गुरु महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद पुरी जी महाराज अपने विदेशी श्रद्धालुओं के साथ हरिद्वार महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई में शिरकत करने पहुंचे. उन्होंने कहा कि हमारे कई देशों में आश्रम हैं. जहां लोगों को योग सिखाया जाता है. यह विदेशी भी हमारी संस्कृति और सभ्यता से इतने प्रभावित हैं कि सभी सात्विक रहते हैं. शुद्ध शाकाहारी भोजन खाते हैं. हमारे साथ करीब 500 से ज्यादा विदेशी श्रद्धालु हरिद्वार कुंभ मेले में शिरकत करने आने वाले थे, मगर कोरोना संक्रमण की वजह से इनकी संख्या कम कर दी गई.

पढ़ें- सीमा की सुरक्षा में मुस्तैद ये बहादुर बेटियां...देश की हिफाजत का लाजवाब जज्बा

हरिद्वार कुंभ मेले में हमारी धर्म, संस्कृति और सभ्यता से रूबरू होने के लिए यूरोप से हरिद्वार पहुंची श्रद्धालु रागिनी देवी का कहना है कि हम अपने विश्व गुरु के साथ हरिद्वार कुंभ मेले में शिरकत करने दुनिया के विभिन्न देशों से आए हैं. हम गुरु जी के शिष्य हैं. रोजाना योग करते हैं. गुरु जी के साथ इस कुंभ मेले में आकर हम अपने आप को धन्य मानते हैं. इस सभ्यता का हिस्सा बनने से हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. दुनिया में कई संस्कृति खत्म हो चुकी हैं. हमें चाहिए कि हम अपनी संस्कृतियों को जिंदा रखें. इस बार हमें यहां कुंभ मेले में काफी कुछ सीखने को मिला है. पिछले 25 सालों से ज्यादा समय से गुरु जी के शिष्य हैं.

पढ़ें- विश्व महिला दिवस: कैंसर सर्वाइवर महिलाओं की उम्‍मीद नैनीताल की पिंक लेडी

हरिद्वार कुंभ मेला 2021 में विदेशी साधु-संतों के साथ विदेशी श्रद्धालु भले ही काफी कम संख्या में हरिद्वार पहुंच शिरकत कर रहे हों, बावजूद इसके यह विदेशी श्रद्धालु हमारी संस्कृति, सभ्यता से काफी कुछ सीख रहे हैं. वहीं, यह श्रद्धालु हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति से काफी प्रभावित भी नजर आ रहे हैं.

हरिद्वार: कुंभ मेला हरिद्वार 2021 में धर्म, संस्कृति से जुड़े विभिन्न रूप हमें देखने को मिल रहे हैं. आज भी कनखल स्थित दक्ष मंदिर में आयोजित महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई में विदेशी श्रद्धालु आकर्षण का केंद्र रहे. ये विदेशी श्रद्धालु कुंभ की शोभा बढ़ाते हुए नजर आए. हालांकि कोरोना संक्रमण की वजह से विदेशी श्रद्धालु इस बार कुंभ मेले के दौरान काफी कम संख्या में पहुंचे हैं. बावजूद इसके यहां विदेशी श्रद्धालु भारतीय धर्म और संस्कृति को देखकर अभिभूत होते नजर आ रहे हैं.

हरिद्वार कुंभ में भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे विदेशी श्रद्धालु

विश्व गुरु महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद पुरी जी महाराज अपने विदेशी श्रद्धालुओं के साथ हरिद्वार महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई में शिरकत करने पहुंचे. उन्होंने कहा कि हमारे कई देशों में आश्रम हैं. जहां लोगों को योग सिखाया जाता है. यह विदेशी भी हमारी संस्कृति और सभ्यता से इतने प्रभावित हैं कि सभी सात्विक रहते हैं. शुद्ध शाकाहारी भोजन खाते हैं. हमारे साथ करीब 500 से ज्यादा विदेशी श्रद्धालु हरिद्वार कुंभ मेले में शिरकत करने आने वाले थे, मगर कोरोना संक्रमण की वजह से इनकी संख्या कम कर दी गई.

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हरिद्वार कुंभ मेले में हमारी धर्म, संस्कृति और सभ्यता से रूबरू होने के लिए यूरोप से हरिद्वार पहुंची श्रद्धालु रागिनी देवी का कहना है कि हम अपने विश्व गुरु के साथ हरिद्वार कुंभ मेले में शिरकत करने दुनिया के विभिन्न देशों से आए हैं. हम गुरु जी के शिष्य हैं. रोजाना योग करते हैं. गुरु जी के साथ इस कुंभ मेले में आकर हम अपने आप को धन्य मानते हैं. इस सभ्यता का हिस्सा बनने से हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. दुनिया में कई संस्कृति खत्म हो चुकी हैं. हमें चाहिए कि हम अपनी संस्कृतियों को जिंदा रखें. इस बार हमें यहां कुंभ मेले में काफी कुछ सीखने को मिला है. पिछले 25 सालों से ज्यादा समय से गुरु जी के शिष्य हैं.

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हरिद्वार कुंभ मेला 2021 में विदेशी साधु-संतों के साथ विदेशी श्रद्धालु भले ही काफी कम संख्या में हरिद्वार पहुंच शिरकत कर रहे हों, बावजूद इसके यह विदेशी श्रद्धालु हमारी संस्कृति, सभ्यता से काफी कुछ सीख रहे हैं. वहीं, यह श्रद्धालु हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति से काफी प्रभावित भी नजर आ रहे हैं.

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