रुड़की: झबरेड़ा के सुसाडा गांव में कीटनाशक दवाई विक्रेता की लाफरवाही से किसान की फसल बर्बाद हो गई. कीटनाशक दवाई के छिड़काव से खेत में उगाई जा रही खीरा और करेले की सब्जी बर्बाद हो गई. इससे किसान को हजारों रुपयों का नुकसान भी हुआ है.
मामला कीटनाशक दवाई से जुड़ा है. जिसका खेत में उगाई जा रही सब्जी पर छिड़काव किया गया. पीड़ित किसान ने फोन पर कृषि अधिकारी से इसकी शिकायत की है. जिसके बाद सूचना पर कृषि अधिकारी किसान के खेत पर पहुंचे और मामले की जांच की. उसके बाद कृषि अधिकारी उस दुकान पर पहुंचे जहां से किसान ने कीटनाशक दवाई खरीदी थी. कृषि अधिकारी ने उक्त दुकान से दवाइयों के सैम्पल भी लिए हैं.
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जानकारी के मुताबिक, सुसाडा गांव में रहने वाला प्रमोद नाम का किसान बहुत ही गरीब परिवार से बताया जा रहा है. जिसके पास परिवार के पालन-पोषण के लिए सिर्फ तीन बीघा जमीन है. जिसमें किसान ने खीरा और करेले की फसल लगाई हुई थी. पीड़ित किसान का आरोप है कि फसल में रोगों की रोकथाम के लिए मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के गुरुकुल नारसन से एक निजी दवाई विक्रेता की दुकान से कीटनाशक दवाई लेकर गया था. जिसका उसने खेतों में छिड़काव किया. जिसके बाद उसकी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. शिकायत करने जब किसान दवाई विक्रेता के पास गया तो उसने उल्टा किसान पर ही आरोप लगाकर दुकान से बाहर कर दिया.
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इसके बाद पीड़ित किसान ने इसकी जानकारी कृषि अधिकारी को दी. जिसके बाद पीड़ित किसान के खेत पर कृषि अधिकारी पहुंचे और मामले की जांच की. जिसके बाद कृषि अधिकारी उक्त दुकान पर पहुंचे जहां पर उन्होंने दवाइयों के सैम्पल लिए. इस दौरान उक्त दुकानदार ने कुछ दवाइयों का बिल भी नहीं दिखा पाया. अब देखना ये होगा कि कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसान को किस प्रकार से मदद मिल सकती है.