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हरिद्वार दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन से बनेगा सिक्स लेन, अतिक्रमण पर चला बुलडोजर

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Published : Jul 26, 2023, 3:23 PM IST

Haridwar Encroachment bulldozed हरिद्वार में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण ने हरिद्वार दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को 6 लेन करने के लिए जमीन अधिग्रहित की थी. जमीन स्वामियों को 81 लाख रुपए मुआवजा भी दे दिया था. इसके बाद भी जमीन पर कब्जा नहीं छोड़ा गया. आखिर राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण ने अधिग्रहित जमीन पर से अतिक्रमण पर बुलडोजर चला दिया है.

Encroachment bulldozed
हरिद्वार अतिक्रमण

हरिद्वार: दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन से सिक्स लेन बनाने के क्रम में जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग के संयुक्त अभियान में बहादराबाद टोल प्लाजा के निकट स्थित भृगु आश्रम व शनि मंदिर की बिल्डिंग को तोड़ा गया. संपत्ति को खाली कराकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कब्जे में ले लिया है.

अतिक्रमण हटाया गया: इस जमीन को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 2011-12 में अधिग्रहित किया था. इसके बदले में 81 लाख रुपये का मुआवजा भी प्रदान कर दिया था, जिसको जमीन स्वामी द्वारा प्राप्त कर लिया गया है. अब इस मार्ग को सिक्स लेन किया जा रहा है. इसके चलते इस जमीन की आवश्यकता प्राधिकरण को है. इसी के तहत आज जिला प्रशासन के सहयोग से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने संपत्ति पर बने हुए ढांचे को गिराया है. संपत्ति को खाली करा कर अपने कब्जे में ले लिया है.

81 लाख मुआवजा दिया गया: इससे पहले पूरी संपत्ति का पूर्व में एसडीएम पूरण सिंह राणा द्वारा एनएचएआई के अधिकारियों के साथ मिलकर निरीक्षण भी किया गया था. आपको बता दें कि इस संपत्ति के बदले 81 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. मुआवजा लेने के बावजूद संपत्ति को खाली नहीं किया गया था. जिसके चलते जिला प्रशासन के सहयोग से इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.

मुआवजा देने के बाद भी कब्जा नहीं हटाया: नायब तहसीलदार मंगेश त्यागी का कहना है कि काफी समय पहले खसरा नंबर 777- 778 का इनको मुआवजा दे चुके हैं. इसीलिए यह अतिक्रमण हटाया जा रहा है. जैसा कि आपको पता ही है यह मार्ग फोरलेन से सिक्स लेन हो रहा है. इसीलिए इसकी जरूरत पड़ रही है. जमीन तो हमने पहले ही ले ली थी. यह प्राइवेट जमीन है. मुआवजा लेने के बाद भी यह लोग जमीन खाली नहीं कर रहे थे. इसीलिए प्रशासन द्वारा इसे खाली कराया गया है.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार: अतिक्रमण हटाओ अभियान में प्रशासन और व्यापारियों के बीच नोकझोंक

एनएचएआई के मैनेजर ने क्या कहा? एनएचएआई के मैनेजर राघव त्रिपाठी का कहना है कि यह भूमि 2012 में एक्वायर की गई थी. जब हाईवे बना था उस समय 2011-12 में इसको अधिग्रहित किया गया था. जमीन अधिग्रहण करने के बाद जो भी इसका मुआवजा था, वह दे दिया गया था. संबंधितों ने मुआवजा ले भी लिया था. आज की डेट में यह मार्ग सिक्स लेन हो रहा है. दिल्ली हरिद्वार हाईवे जो बनना है तो उसमें जमीन की जरूरत है इसलिए अतिक्रमण को हटाया गया है.

हरिद्वार: दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन से सिक्स लेन बनाने के क्रम में जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग के संयुक्त अभियान में बहादराबाद टोल प्लाजा के निकट स्थित भृगु आश्रम व शनि मंदिर की बिल्डिंग को तोड़ा गया. संपत्ति को खाली कराकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कब्जे में ले लिया है.

अतिक्रमण हटाया गया: इस जमीन को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 2011-12 में अधिग्रहित किया था. इसके बदले में 81 लाख रुपये का मुआवजा भी प्रदान कर दिया था, जिसको जमीन स्वामी द्वारा प्राप्त कर लिया गया है. अब इस मार्ग को सिक्स लेन किया जा रहा है. इसके चलते इस जमीन की आवश्यकता प्राधिकरण को है. इसी के तहत आज जिला प्रशासन के सहयोग से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने संपत्ति पर बने हुए ढांचे को गिराया है. संपत्ति को खाली करा कर अपने कब्जे में ले लिया है.

81 लाख मुआवजा दिया गया: इससे पहले पूरी संपत्ति का पूर्व में एसडीएम पूरण सिंह राणा द्वारा एनएचएआई के अधिकारियों के साथ मिलकर निरीक्षण भी किया गया था. आपको बता दें कि इस संपत्ति के बदले 81 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. मुआवजा लेने के बावजूद संपत्ति को खाली नहीं किया गया था. जिसके चलते जिला प्रशासन के सहयोग से इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.

मुआवजा देने के बाद भी कब्जा नहीं हटाया: नायब तहसीलदार मंगेश त्यागी का कहना है कि काफी समय पहले खसरा नंबर 777- 778 का इनको मुआवजा दे चुके हैं. इसीलिए यह अतिक्रमण हटाया जा रहा है. जैसा कि आपको पता ही है यह मार्ग फोरलेन से सिक्स लेन हो रहा है. इसीलिए इसकी जरूरत पड़ रही है. जमीन तो हमने पहले ही ले ली थी. यह प्राइवेट जमीन है. मुआवजा लेने के बाद भी यह लोग जमीन खाली नहीं कर रहे थे. इसीलिए प्रशासन द्वारा इसे खाली कराया गया है.
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एनएचएआई के मैनेजर ने क्या कहा? एनएचएआई के मैनेजर राघव त्रिपाठी का कहना है कि यह भूमि 2012 में एक्वायर की गई थी. जब हाईवे बना था उस समय 2011-12 में इसको अधिग्रहित किया गया था. जमीन अधिग्रहण करने के बाद जो भी इसका मुआवजा था, वह दे दिया गया था. संबंधितों ने मुआवजा ले भी लिया था. आज की डेट में यह मार्ग सिक्स लेन हो रहा है. दिल्ली हरिद्वार हाईवे जो बनना है तो उसमें जमीन की जरूरत है इसलिए अतिक्रमण को हटाया गया है.

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