हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदर्श ग्राम योजना के तहत गुरुवार को जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कलेक्ट्रेट में एक बैठक का आयोजन किया. उन्होंने आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक ली. उन्होंने 53 गांवों को आदर्श गांव बनाने की योजना की जानकारी दी.
इसी को लेकर प्रथम चरण के 10 गांवों में से 5, द्वितीय चरण के 10 गांव में से 6 गांव का डेटा भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है. जिलाधिकारी ने चिन्हित प्रधानमंत्री आदर्श गांव में संबन्धित गांव का नाम लेते हुए उनमें दी जाने वाली सुविधाओं (शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, राशन की दुकान, इंटरनेट, विद्युत, पेयजल, आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या, ऑल वेदर रोड, साॅलिडवेस्ट मैंनेजमेंट) के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली.
पढ़ें- रुद्रप्रयाग: UKD का दो दिवसीय सम्मेलन शुरू, बिना कार्यकर्ता मजबूती नहीं- भट्ट
बता दें कि, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले चयनित गांव का एकीकृत विकास सुनिश्चित करना है. इसके तहत ’’आदर्श ग्राम’’ एक ऐसी परिकल्पना है, जिसमें लोगों को विभिन्न बुनियादी यथा-पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, समाज सुरक्षा, ग्रामीण सड़क और आवास, डिजिटलीकरण जैसी सेवाएं देने की परिकल्पनायें की गई हैं. जिससे समाज के सभी वर्गों की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हो और असमानतायें न रहें.