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हरिद्वार: निर्मल पंचायती अखाड़ा और स्थानीय निवासी आमने-सामने, जानिए क्या है मामला

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Published : Apr 23, 2021, 4:35 PM IST

निर्मल पंचायती अखाड़े के संत और अखाड़े की भूमि पर बने फ्लैट्स में रहने वाले लोग आमने-सामने आ गए हैं. निर्मल पंचायती अखाड़े द्वारा दीवार बनाकर फ्लैट में रहने वाले लोगों का रास्ता बंद किया जा रहा है. इसी को लेकर फ्लैट में रहने वाले लोग आक्रोशित हैं और उनके द्वारा पुरजोर तरीके से दीवार बनाने का विरोध किया जा रहा है.

Haridwar Panchayati akhara
Haridwar Panchayati akhara

हरिद्वार: निर्मल पंचायती अखाड़े में विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. पहले अखाड़े में ही दो साधु संतों के गुट आमने-सामने थे मगर अब अखाड़े की जमीन पर बने फ्लैट्स में रहने वाले लोग और निर्मल पंचायती अखाड़े के साधु संत ही आमने सामने आ गए हैं.

बता दें, राजाजी टाइगर रिजर्व के समीप निर्मल अखाड़े की छावनी है. वहां पर पूर्व में कई फ्लैटों का निर्माण किया गया था, जिन लोगों को फ्लैट दिए गए थे उनसे काफी रकम भी ली गई थी. फ्लैट में रहने वाले लोगों को आने जाने में कोई असुविधा ना हो इसके लिए उन्हें अखाड़े की छावनी से ही रास्ता दिया गया था. मगर अब अखाड़े द्वारा रास्ते को बंद किया जा रहा है, जिससे फ्लैट में रहने वाले लोगों में आक्रोश उत्पन्न हो गया है. फ्लैट में रहने वाले लोग और साधु संत आमने सामने आ गए. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया.

निर्मल पंचायती अखाड़ा और स्थानीय निवासी आमने-सामने

पढ़ें- उत्तराखंड प्रवासियों को बॉर्डर पर दिखाना होगा आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट

फ्लैट में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने जब फ्लैट लिए गए थे तो उन्हें बताया गया था कि रास्ता अखाड़े की छावनी से ही है. मगर कुंभ शुरू होने से पहले अखाड़े द्वारा कहा गया कि कुंभ में काफी साधु-संत आएंगे. इस कारण इस रास्ते को बंद करना है. उन्होंने अखाड़े की बात को मान लिया. मगर अब अखाड़े द्वारा हमारे फ्लैटों का पूरा रास्ता बंद किया जा रहा है. ऐसे में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि अखाड़े द्वारा हमारे फ्लैटों के आगे दीवार खड़ी की जा रही है और अगर भविष्य में कोई हादसा होता है तो यहां पर न ही कोई एंबुलेंस आ सकेगी और न ही कोई फायर ब्रिगेड की गाड़ी. इस कारण उन्होंने दीवार का विरोध किया है.

Haridwar Panchayati akhara.
दीवार को लेकर विवाद

स्थानीय लोगों की मानें तो दीवार का विरोध करने पर अखाड़े के संतों द्वारा महिलाओं से बदतमीजी की गई. संत उनको अवैध कब्जाधारी बता रहे हैं लेकिन वो यहां 4 साल से यहां रह रहे हैं. ऐसे में वो चाहते हैं कि अखाड़े को दीवार बनानी है तो फ्लैट में रहने वाले लोगों को परेशानी न हो, उस हिसाब से बनाई जाए.

पढ़ें- गर्मी आते ही बढ़ी 'देसी फ्रिज' की मांग, खरीदारी कर रहे लोगों ने बताई खासियत

इस मामले पर निर्मल पंचायती अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर का कहना है कि निर्मल पंचायती अखाड़े की यह बिल्डिंग है. यहां पर काफी किराएदार रहते हैं. हमारे द्वारा अखाड़े की जमीन पर दीवार बनाई जा रही थी, मगर इनके द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है. साधु-संत झगड़ा नहीं करते हैं. इनके द्वारा ही झगड़ा किया जा रहा है. इनका कहना है कि यहां पर फ्लैट नहीं बनाए गए हैं. यह संत निवास है. अखाड़े द्वारा जो स्वीकृति दी गई थी वह आश्रम बनाने की दी गई थी मगर अखाड़े में कुछ लोगों द्वारा यहां पर फ्लैट बना दिए गए थे. उनको अखाड़े के द्वारा बाहर कर दिया गया था. जिस भूमि पर फ्लैट बने हैं, वह अखाड़े की जगह है. उन्होंने अखाड़े और इनकी सुरक्षा के लिए ही दीवार बनाने का कार्य शुरू किया था.

हरिद्वार: निर्मल पंचायती अखाड़े में विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. पहले अखाड़े में ही दो साधु संतों के गुट आमने-सामने थे मगर अब अखाड़े की जमीन पर बने फ्लैट्स में रहने वाले लोग और निर्मल पंचायती अखाड़े के साधु संत ही आमने सामने आ गए हैं.

बता दें, राजाजी टाइगर रिजर्व के समीप निर्मल अखाड़े की छावनी है. वहां पर पूर्व में कई फ्लैटों का निर्माण किया गया था, जिन लोगों को फ्लैट दिए गए थे उनसे काफी रकम भी ली गई थी. फ्लैट में रहने वाले लोगों को आने जाने में कोई असुविधा ना हो इसके लिए उन्हें अखाड़े की छावनी से ही रास्ता दिया गया था. मगर अब अखाड़े द्वारा रास्ते को बंद किया जा रहा है, जिससे फ्लैट में रहने वाले लोगों में आक्रोश उत्पन्न हो गया है. फ्लैट में रहने वाले लोग और साधु संत आमने सामने आ गए. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया.

निर्मल पंचायती अखाड़ा और स्थानीय निवासी आमने-सामने

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फ्लैट में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने जब फ्लैट लिए गए थे तो उन्हें बताया गया था कि रास्ता अखाड़े की छावनी से ही है. मगर कुंभ शुरू होने से पहले अखाड़े द्वारा कहा गया कि कुंभ में काफी साधु-संत आएंगे. इस कारण इस रास्ते को बंद करना है. उन्होंने अखाड़े की बात को मान लिया. मगर अब अखाड़े द्वारा हमारे फ्लैटों का पूरा रास्ता बंद किया जा रहा है. ऐसे में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि अखाड़े द्वारा हमारे फ्लैटों के आगे दीवार खड़ी की जा रही है और अगर भविष्य में कोई हादसा होता है तो यहां पर न ही कोई एंबुलेंस आ सकेगी और न ही कोई फायर ब्रिगेड की गाड़ी. इस कारण उन्होंने दीवार का विरोध किया है.

Haridwar Panchayati akhara.
दीवार को लेकर विवाद

स्थानीय लोगों की मानें तो दीवार का विरोध करने पर अखाड़े के संतों द्वारा महिलाओं से बदतमीजी की गई. संत उनको अवैध कब्जाधारी बता रहे हैं लेकिन वो यहां 4 साल से यहां रह रहे हैं. ऐसे में वो चाहते हैं कि अखाड़े को दीवार बनानी है तो फ्लैट में रहने वाले लोगों को परेशानी न हो, उस हिसाब से बनाई जाए.

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इस मामले पर निर्मल पंचायती अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर का कहना है कि निर्मल पंचायती अखाड़े की यह बिल्डिंग है. यहां पर काफी किराएदार रहते हैं. हमारे द्वारा अखाड़े की जमीन पर दीवार बनाई जा रही थी, मगर इनके द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है. साधु-संत झगड़ा नहीं करते हैं. इनके द्वारा ही झगड़ा किया जा रहा है. इनका कहना है कि यहां पर फ्लैट नहीं बनाए गए हैं. यह संत निवास है. अखाड़े द्वारा जो स्वीकृति दी गई थी वह आश्रम बनाने की दी गई थी मगर अखाड़े में कुछ लोगों द्वारा यहां पर फ्लैट बना दिए गए थे. उनको अखाड़े के द्वारा बाहर कर दिया गया था. जिस भूमि पर फ्लैट बने हैं, वह अखाड़े की जगह है. उन्होंने अखाड़े और इनकी सुरक्षा के लिए ही दीवार बनाने का कार्य शुरू किया था.

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