हरिद्वार: केंद्र सरकार के आदेश के बाद अलग-अलग जगहों पर फंसे लोगों को उनके घर भेजा जा रहा है. लेकिन प्रशासन द्वार इन आदेशों का सही से पालन नहीं हो रहा है. यही नहीं लोगों को उनके गृह जनपदों में भेजने में सोशल डिस्टेंसिंग की अधिकारियों के सामने ही धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वहीं वापस जाने वाले यात्रियों से रोडवेज की बसों में जबरन टिकट के पैसे लिए जा रहे हैं. हरिद्वार से करीब 10 बसों में राजस्थान भेजे जा रहे 450 यात्रियों से जब बीच रास्ते में किराए मांगा गया तो उन्होंने जमकर हंगामा किया. जिसके बाद बस चालक बस को वापस हरिद्वार लेकर लौट गया.
वही, हंगामे के बाद बसों को जब वापस लाया गया तो अधिकारियों की आपसी वार्ता के बाद यात्रियों को निशुल्क बसों में भेजा गया. मगर केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार अलग अलग जगहों पर फंसे लोगों को उनके घर तो भेजा जा रहा है. उनको भेजने के दौरान सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जिन बसों में यात्रियों को भेजा जा रहा है, उनमें यात्रियों को आम दिनों की तरह ही भर भर कर ले जाया जा रहा है. बस में ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और ना ही ज्यादातर यात्री मास्क पहने हुए दिख रहे हैं.
यही नहीं यात्रियों को भेजने से पहले उनकी स्वास्थ्य की जांच के नाम पर भी फॉर्मेलिटी पूरी की जा रही है. पिछले डेढ़ माह से हरिद्वार में फंसे यात्रियों को केंद्र सरकार के आदेश के बाद घर तक पंहुचाने की उम्मीद तो बंधी, लेकिन उन्हें वापस उनके गृह नगरों में ले जाने के नाम पर प्रशासन ही उनका उत्पीड़न करने में लगा है.
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राजस्थान डिपो की बसों से हरिद्वार से आज करीब 450 लोगों को राजस्थान के अलग अलग शहरों को रवाना किया जाना था. राजस्थान परिवहन निगम की बसों में यात्रियों से कंडक्टर किराए की मांग करने लगा. जबकि बसें रवाना होने से पहले तो उन्हें फ्री में ले जाने की बात कही गयी थी. मगर बसें रवाना होने के बाद रास्ते में कंडक्टर ने उनसे किराए मांगने शुरू कर दिए, जिस पर यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया. वहीं हंगामे के बाद यात्रियों को लेकर सभी बसें वापस हरिद्वार आ गयी. बस कंडक्टर का कहना है कि उन्हें जयपुर स्थित कंट्रोल रूम से सभी यात्रियों से किराया लेने के आदेश हैं, इसलिए वह बिना किराया लिए बसें लेकर नहीं जा सकते हैं.
वहीं, बसें जब यात्रियों को लेकर वापस हरिद्वार पंहुची तो अधिकारियों ने राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों से वार्ता की, जिसके बाद सभी यात्रियों को निशुल्क भेजा जा गया. हरिद्वार पुलिस क्षेत्राधिकारी अभय सिंह का कहना है कि सुबह राजस्थान की बसें हरिद्वार आई थी. इसमें उत्तराखंड के यात्री आए थे. उन यात्रियों को हमने उत्तराखंड के जनपदों में रवाना किया. वापस जाते हुए इन बसों को राजस्थान के यात्रियों को लेकर जाना था.
यह राजस्थान से अलग-अलग जिलों से आई हुई बसें हैं. यात्रियों द्वारा बोला गया था कि हम बसों का किराया देंगे, मगर फिर यात्रियों द्वारा किराए को लेकर आपत्ति की गई. राजस्थान बसों के कर्मचारियों को आदेश था कि यात्रियों से किराया लिया जाए. मामला हमारे संज्ञान में आने के बाद हमने उच्च अधिकारियों से बात की.
वहीं अभय कुमार ने कहा कि जिलाधिकारी और एसएसपी द्वारा इस मामले में वहां के अधिकारियों से वार्ता की गई. अब इन यात्रियों से किराया वसूल नहीं किया जाएगा. यह बसें जिन जनपदों से आई हैं इसमें उसी जनपद के यात्री बैठ रहे हैं. इसके साथ ही हमारी उत्तराखंड की बसें भी जयपुर जाएंगी. आज हमारे द्वारा राजस्थान के 450 सौ यात्रियों को भेजा गया है.