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DMC के सामने बड़ी समस्या, कारगी में खड़ा हो सकता कूड़े का नया पहाड़, शीशमबाड़ा भी बना मुसीबत - कूड़े के निस्तारण

शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट देहरादून नगर निगम के लिए गले ही हड्डी बन गया है. ग्रामीणों के विरोध के चलते देहरादून नगर निगम इस प्लांट को शिफ्ट करने पर विचार कर रहा है. वहीं, देहरादून नगर निगम के सामने समस्या ये है कि जब तक प्लांट के लिए जगह नहीं मिलती है, वो कूड़े का निस्तारण कहां करें? क्योंकि ग्रामीण शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़ा डालने वाले वाहनों को रोक रहे हैं.

Dehradun Municipal Corporation
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Published : Jul 27, 2022, 5:26 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून में कूड़े के निस्तारण को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. क्योंकि शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को लेकर एक बार फिर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. स्थानीय लोग शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़े को डंप नहीं होने दे रहे हैं. ऐसे में देहरादून नगर निगम को मजबूरी में हरिद्वार बाइपास पर कारगी चौक के पास कूड़े को डंप करना पड़ेगा.

बता दें कि शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में शहर के 100 वार्डों का रोजना करीब 400 मीट्रिक टन कूड़ा डंप किया था, लेकिन समस्या ये है कि इस प्लांट का स्थानीय लोग शुरू से ही विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस प्लाट में कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण उस इलाके में बीमारियां फैल रही है. शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़े का पहाड़ तक बन चुका है. लोगों के विरोध को देखते हुए देहरादून नगर निगम ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को कई और शिफ्ट करने का प्लान बनाया है. जिलाधिकारी के आदेश पर इसके लिए एक समिति का भी गठन किया गया है.
पढ़ें- राजधानी में 'Waste' हुई कूड़ा निस्तारण योजना, दून समेत आसपास के निकायों का कचरा बना मुसीबत

वहीं, देहरादून नगर निगम सामने समस्या ये है कि सहसपुर के बीजेपी विधायक सहदेव सिंह पुंडीर और ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि जब तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के शिफ्ट होने की तारीख तय नहीं हो जाती है, तब तक वो वाहनों को यहां कूड़ा नहीं डालने देंगे. ग्रामीणों ने कई वाहनों को रोका भी है.

ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से निकल रही गंदगी खेतों में पहुंच रही है, जिससे फसल खराब हो रही है. वहीं, प्लांट में दुर्गंध भी लगातार बढ़ती जा रही है. विधायक ने मुख्यमंत्री के आदेश के अंतर्गत प्लांट शिफ्ट करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि जब तक प्लांट शिफ्ट करने की तारीख की घोषणा नहीं का जाती है, वो प्लांट में वाहनों को नहीं आने दे.

ऐसे हालत में देहरादून नगर निगम के सामने मुश्किल ये है कि यदि ग्रामीणों के विरोध के चलते शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़ा डंप नहीं किया गया तो उन्हें ये कूड़ा शहर के अंदर हरिद्वार बाइपास पर कारगी चौक के पास डालना पड़ेगा और यहां प्रतिदिन करीब 400 मीट्रिक टन डंप करने का मतलब शहर के अंदर के कूड़े का नया पहाड़ तैयार करने जैसा होगा. बता दें कि कारगी में स्थानीय लोग शुरू से ही कूड़ा डंप करने का विरोध कर रहे है. इस प्लाट को कही और शिफ्ट किया जाना है.
पढ़ें- शीशमबाड़ा: सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को बंद कराने की मांग पर अड़े स्थानीय

इस पूरे मामले पर नगर आयुक्त मनुज गोयल का कहना है कि शीशमबाड़ा प्लांट को शिफ्ट करने की मांग क्षेत्रवासी कर रहे हैं. उसको लेकर जिलाधिकारी ने एक समिति बनाई गई है. यह समिति प्लांट के लिए नई जगह की तलाश करने के प्रयास कर रही है. साथ ही प्लांट को शिफ्ट कैसे किया जाए इसका पर विचार किया जा रहा है. नई जगह तलाश करने के बाद ही शासन स्तर पर फाइलों को भेजा जाएगा.

देहरादून: राजधानी देहरादून में कूड़े के निस्तारण को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. क्योंकि शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को लेकर एक बार फिर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. स्थानीय लोग शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़े को डंप नहीं होने दे रहे हैं. ऐसे में देहरादून नगर निगम को मजबूरी में हरिद्वार बाइपास पर कारगी चौक के पास कूड़े को डंप करना पड़ेगा.

बता दें कि शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में शहर के 100 वार्डों का रोजना करीब 400 मीट्रिक टन कूड़ा डंप किया था, लेकिन समस्या ये है कि इस प्लांट का स्थानीय लोग शुरू से ही विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस प्लाट में कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण उस इलाके में बीमारियां फैल रही है. शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़े का पहाड़ तक बन चुका है. लोगों के विरोध को देखते हुए देहरादून नगर निगम ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को कई और शिफ्ट करने का प्लान बनाया है. जिलाधिकारी के आदेश पर इसके लिए एक समिति का भी गठन किया गया है.
पढ़ें- राजधानी में 'Waste' हुई कूड़ा निस्तारण योजना, दून समेत आसपास के निकायों का कचरा बना मुसीबत

वहीं, देहरादून नगर निगम सामने समस्या ये है कि सहसपुर के बीजेपी विधायक सहदेव सिंह पुंडीर और ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि जब तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के शिफ्ट होने की तारीख तय नहीं हो जाती है, तब तक वो वाहनों को यहां कूड़ा नहीं डालने देंगे. ग्रामीणों ने कई वाहनों को रोका भी है.

ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से निकल रही गंदगी खेतों में पहुंच रही है, जिससे फसल खराब हो रही है. वहीं, प्लांट में दुर्गंध भी लगातार बढ़ती जा रही है. विधायक ने मुख्यमंत्री के आदेश के अंतर्गत प्लांट शिफ्ट करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि जब तक प्लांट शिफ्ट करने की तारीख की घोषणा नहीं का जाती है, वो प्लांट में वाहनों को नहीं आने दे.

ऐसे हालत में देहरादून नगर निगम के सामने मुश्किल ये है कि यदि ग्रामीणों के विरोध के चलते शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़ा डंप नहीं किया गया तो उन्हें ये कूड़ा शहर के अंदर हरिद्वार बाइपास पर कारगी चौक के पास डालना पड़ेगा और यहां प्रतिदिन करीब 400 मीट्रिक टन डंप करने का मतलब शहर के अंदर के कूड़े का नया पहाड़ तैयार करने जैसा होगा. बता दें कि कारगी में स्थानीय लोग शुरू से ही कूड़ा डंप करने का विरोध कर रहे है. इस प्लाट को कही और शिफ्ट किया जाना है.
पढ़ें- शीशमबाड़ा: सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को बंद कराने की मांग पर अड़े स्थानीय

इस पूरे मामले पर नगर आयुक्त मनुज गोयल का कहना है कि शीशमबाड़ा प्लांट को शिफ्ट करने की मांग क्षेत्रवासी कर रहे हैं. उसको लेकर जिलाधिकारी ने एक समिति बनाई गई है. यह समिति प्लांट के लिए नई जगह की तलाश करने के प्रयास कर रही है. साथ ही प्लांट को शिफ्ट कैसे किया जाए इसका पर विचार किया जा रहा है. नई जगह तलाश करने के बाद ही शासन स्तर पर फाइलों को भेजा जाएगा.

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